रायपुर : डिप्रेशन में जा रहे जवान लगातार आत्महत्या जैसे कदम उठा रहे हैं. रविवार को दो जवानों ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. बीजापुर के पामेड़ थाना क्षेत्र में पदस्थ एक आरक्षक ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली है. बताया जा रहा है कि आरक्षक कुछ दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रहा था. वहीं सुकमा के पुसपाल थाने में तैनात CAF के जवान ने भी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली है.
इस खुदकुशी को लेकर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कोशिश पूरी की जाती है कि जवान तनाव में न रहे. इसके लिए डीजीपी ने 'स्पंदन कार्यक्रम' भी शुरू किया था और सभी वरिष्ठ अधिकारी कैंप में जा रहे हैं, उनकी समस्याओं को सुन रहे हैं. जवानों को छुट्टियां भी दी जा रही है और परिवारों से बातचीत भी कराई जा रही. वहींव आर्थिक समस्या की किसी प्रकार से बात नहीं है. साथ ही स्वास्थ्य सेवा की भी समस्याएं नहीं है. फोर्स को किसी प्रकार से भोजन और रहने की कमी नहीं है. जवानों को मनोरंजन के साधन भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं. गृहमंत्री ने कहा कि जवान परिवारिक समस्या के कारण खुदकुशी जैसे कदम उठा सकते हैं.
स्पंदन कार्यक्रम चलाया जा रहा
वहीं आत्महत्या के मामले में डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि आत्महत्या के कई मनोवैज्ञानिक कारण भी हो सकता है. लेकिन इस घटना का परीक्षण किया जाएगा अगर व्यवस्था गत कोई कमी है तो उसे दूर किया जाएगा. उन्होंने कहा कि स्पंदन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इससे बहुत सारे लोगों की मन की स्थिति बदली है. पिछले कुछ दिनों पहले दुर्ग में 600 जवानों की साइकाइट्रिक के साथ काउंसलिंग कराई गई और यह कार्यक्रम सारे कैंप में यह चल रहा है. आत्महत्या की घटना दुखद है और किसी को भी आत्महत्या नहीं करनी चाहिए. अवस्थी ने कहा की हम प्रयास करेंगे कि ऐसी घटनाएं ना हो.
'विनोद पोर्ते मानसिक तवान से गुजर रहा था'
जानकारी के मुताबिक बीजापुर जवान विनोद पोर्ते आरक्षक मानसिक तवान से गुजर रहा था. थाना परिसर में की आत्महत्या की पुष्टि करते हुए बीजापुर एसपी कमलोचन कश्यप ने बताया कि जवान विनोद पोर्ते, कोरबा जिले के सिरसा गांव का निवासी है. शनिवार दोपहर 12 बजे उसने ड्यूटी के बाद थाना परिसर के अंदर ही अपनी सर्विस रायफल से खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली.
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पहले भी हो चुकी घटना
इसके पहले भी बीजापुर जिले में सीआरपीएफ (CRPF) के जवान ने अपने आप को गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी. इस तरह की घटनाएं बीजापुर में कई बार हो चुकी हैं. लगातार आत्महत्या के बढ़ते आंकड़े चिंता का विषय है.
दूसरी आत्महत्या की घटना
वहीं दूसरी आत्महत्या घटना में पुसपाल थाने में तैनात सीएएफ के जवान दिनेश वर्मा ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. 26 नवंबर को जवान छुट्टी से लौटा था. कुछ दिनों से उसकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी. ड्यूटी ज्वाइन करने के बाद सुबह मेस में काम कर रहा था. उसके बाद वह अपने बैरक में चला गया. इस दौरान बैरक में कोई नहीं था. अचानक गोली की आवाज सुनकर सभी बैरक की ओर दौड़े. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि सीएएफ चौंथी बटालियन की डी कंपनी में आरक्षक दिनेश वर्मा ने आत्महत्या कर ली है. सुबह करीब 8.50 बजे सर्विस राईफल से 6 राउंड चलाकर खुदकुशी की है. आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है. दिनेश वर्मा पुसपाल थाने में तैनात था और दुर्ग जिले के भिलाई का रहने वाला था.
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ताम्रध्वज साहू ने दिया था पहले भी बयान
तनाव और डिप्रेशन के कारण कई जवान आत्महत्या कर चुके हैं. इस पर ताम्रध्वज साहू ने अपने पहले दिए गए बयान में कहा था कि लंबे समय से परिवार से दूर रहने के कारण जवान ऐसे कदम उठा रहे हैं. उन्होंने कहा था कि हमारी सरकार ने जवानों को तनाव मुक्त करने के लिए अभियान चला रही है.
'स्पंदन अभियान' की शुरुआत
पुलिसकर्मियों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए कोंडागांव पुलिस ने 'स्पंदन अभियान' की शुरुआत की थी. इस अभियान के तहत हर सोमवार, बुधवार और शनिवार को कोंडागांव के रक्षित केंद्र में खेलकूद, योग और शारीरिक व्यायाम का अभ्यास कराया जाना था.
2 जून को 'स्पंदन अभियान' हुआ था शुरू
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर राज्य पुलिस ने जवानों को अवसाद और तनाव से बचाने के लिए 2 जून से 'स्पंदन अभियान' की शुरुआत की थी. यह योजना 2 जून के बाद से पूरे प्रदेश में तत्काल प्रभाव से लागू कर दी गई थी. इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश सभी पुलिस अधीक्षकों और सेनानियों को जारी कर दिए गए थे.
आत्महत्या करने वाले जवानों के आंकड़े
- पिछले साल प्रदेश में 36 जवानों ने आत्महत्या कर ली थी.
- छत्तीसगढ़ में ऐसी भी कई घटनाएं हुई हैं, जिसमें जवानों ने अपनी सर्विस राइफल या पिस्टल का इस्तेमाल दुश्मनों पर नहीं, बल्कि अपने साथियों की जान ले ली या फिर खुद को खत्म कर लिया.
- राज्य के पुलिस विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक साल 2007 से साल 2019 तक की स्थिति के मुताबिक सुरक्षा बल के 201 जवानों ने आत्महत्या की है.
- इसमें राज्य पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान भी शामिल हैं. वहीं साल 2020 में करीब 6 से ज्यादा जवान अब तक आत्महत्या कर चुके हैं.