रायपुर : कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से देशभर में लॉकडाउन घोषित किया गया है. लॉकडाउन के कारण आवागमन पूरी तरह से बाधित है, जिसके कारण दूसरे राज्यों से आए लोग वापस अपने राज्य नहीं जा पा रहे हैं. ऐसे में लोग पैदल ही एक राज्य से दूसरे राज्य के लिए रवाना हो रहे हैं.
ऐसा ही मामला कांकेर में सामने आया, जब यहां से पैदल बिहार अपने घर जाने के लिए दो सगे भाई निकल गए, लेकिन रायपुर तक आते-आते इनकी हिम्मत जवाब दे गई, जिसके बाद इन्होंने एक एनजीओ से मदद मांगी. फिलहाल रायपुर जिला प्रशासन ने लाभांडी आश्रय परिसर में इन्हें ठहराया है.
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जिला प्रशासन ने की मदद
जानकारी के मुताबिक कांकेर में काम करने वाले दो सगे भाई अपने घर बिहार के अररिया जाने के लिए निकले थे. ये दोनों भाई 25 मार्च से पैदल और दीगर साधनों से किसी तरह रायपुर पहुंचे, लेकिन यहां दो दिनों तक भटकने के बाद उनकी हिम्मत टूट गई, जिसके बाद वे किसी सहारे की तलाश करने लगे. इसी बीच ये दोनों भाई समाजसेवी डॉ उत्कर्ष त्रिवेदी के संपर्क में आए और उन्होंने रायपुर जिला प्रशासन को इसकी सूचना दी.
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करवाई गई दोनों भाईयों के रुकने की व्यवस्था
सूचना पर कलेक्टर डॉ. एस भारतीदासन और जिला पंचायत CEO डॉ. गौरव कुमार सिंह ने रैपिड रेस्पॉन्स टीम और गोलबाजार पेट्रोलिंग टीम को मोती बाग के पास भेजा. साथ ही दोनों भाईयों के भोजन की तुरंत व्यवस्था कराई. इसके बाद दोनों को लभांडी में बनाए गए आवासीय परिसर में रुकने की व्यवस्था करवाई गई. प्रशासन ने इन्हें लॉकडाउन तक यहीं रुकने के लिए कहा है. इन्हें लॉकडाउन खत्म होने के बाद बिहार के लिए रवाना किया जाएगा.
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