रायपुर: स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने छत्तीसगढ़ में कोरोना टेस्टिंग की क्षमता को बढ़ाने पर जोर दिया है. वर्तमान में 12,000 टेस्टिंग का लक्ष्य है पर 8,000 टेस्टिंग ही पूरी हो पाई है. टेस्ट में उपयोग होने वाले सामान की अनुपलब्धता पर गंभीर विषय है. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'देश में एकमात्र कंपनी है जो इसका निर्माण और सप्लाई करती है. आरटीपीसीआर समेत अन्य पद्धति से हो रही टेस्टिंग के लिए 1 हजार टेस्ट प्रतिदिन का टारगेट है'.
उन्होंने कहा कि 10 हजार टेस्ट एंटीजेन पद्धति से, 7 लैबों में 7 हजार आरटीपीसीआर पद्धति से और 3 से 4 हजार ट्रूनेट पद्धति से टेस्ट किए जाएंगे. कोरोना पर नियंत्रण के लिए हमारे लैबकर्मियों को 3 शिफ्ट में काम करना होगा.
बता दें, स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग लगातार कोरोना के संबंध में यह कहता आया है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्टिंग की आवश्यकता है. स्वास्थ्य विभाग और लोगों के पास इकलौता विकल्प यहीं है कि कोई भी लक्षण दिखे या कोई व्यक्ति किसी कोरोना मरीज के संपर्क में आए हो तो वह तुरंत अपना टेस्ट कराए. ऐसे में लोगों का जल्द से जल्द टेस्ट किया जाएगा. जिससे संक्रमण फैलने का खतरा न बढ़े.
सरकार के सामने बड़ी चुनौती
छत्तीसगढ़ में रोजाना 500 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. ऐसे में सरकार के सामने टेस्टिंग बड़ी चुनौती है. सरकार इसके लिए लगातार प्रयास कर रही है.