रायपुर : राजधानी में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में लिए गए फैसलों को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि, 'स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को पारदर्शी और व्यवस्थित ढंग से चलाने की कोशिश की जा रही है, ताकि लोगों को उचित सुविधाएं मिल सके'.
ETV भारत के साथ बातचीत के दौरान मंत्री सिंहदेव ने कहा कि, 'हमारा उद्देश्य है कि 5 ब्लॉक में दवाई की व्यव्स्था शत-प्रतिशत हो सके, इसके लिए पायलट प्रोजेक्ट के तहत काम किया जाएगा'. उन्होंने कहा कि, 'रुपए की कोई कमी नहीं है तो दवाई उपलब्ध कराने में भी कमी नहीं होनी चाहिए'. उन्होंने कहा कि, 'हेल्प सर्विस चलाकर व्यवस्थित ढंग से काम किया जाए और मांग के अनुसार ही दवाई उपलब्ध कराई जाए, इसके बाद जरूरत पड़ने पर ही फिर से दवाई की खरीदी की जाएगी'.
पांच विकासखंड में पायलट प्रोजेक्ट
दरअसल, प्रदेश में यूनिवर्सल हेल्थ केयर स्कीम लागू करने की दिशा में तेजी से काम शुरू हो गया है. जल्द ही राज्य के पांच विकासखंड में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे शुरू किया जाएगा. इसके लिए सभी संभागों में 11 विकासखंड चयन किए गए हैं. बस्तर जिले के बाय कमांड, दुर्ग में पाटन, महासमुंद में बागबाहरा, कोरबा में अकलतरा और सरगुजा जिले के लौंडा विकासखंड को प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है.
मानव संसाधन उपकरण और दवाईयों की समीक्षा
स्वास्थ्य मंत्री सिंह देव ने इन जिलों में मौजूद स्वास्थ्य सेवाओं के साथ ही वहां मानव संसाधन उपकरण और दवाईयों की उपलब्धता की समीक्षा की. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि, पायलट प्रोजेक्ट वाले विकासखंडों की जांच सुविधा एवं दवाई की उपलब्धता जल्द से जल्द पूरी कर ली जाए'.
इस बैठक में स्वास्थ्य विभाग की सचिव निहारिका बारिक, स्वास्थ्य संचालक शिखा राजपूत तिवारी और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन संचालक डॉ प्रियंका शुक्ला मौजूद रहीं.