ETV Bharat / state

शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन: सदन ने 'प्रिय नेता' मोतीलाल वोरा को दी श्रद्धांजलि

छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है. सत्र के दूसरे दिन सबसे पहले दिवंगत नेता मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि दी गई.

Tribute to Motilal Vora
मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि
author img

By

Published : Dec 22, 2020, 11:53 AM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सबसे पहले अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि दी गई. सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस अपूरणीय क्षति को भर पाना मुश्किल है. उनकी लगन, परिश्रम और निष्ठा अद्वितीय थी. वे हमेशा नेतृत्व के लिए समर्पित थे. इस शून्यता को भर पाना कठिन है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सबका प्रिय नेता चला गया. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ कांग्रेस के प्रिय नहीं बल्कि विपक्ष के भी प्रिय थे. गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पत्रकार, पार्षद से लेकर लंबा राजनीतिक सफर उन्होंने तय किया. उन्होंने कहा कि 45 साल के संबंधों में परिवार जैसा स्नेह वोरा जी से मिला. उनसे बहुत सीखा. वोरा जी का पूरा जीवन पाठशाला था.

'वोरा से कई पीढ़ियों को सीखना चाहिए'

जेसीसी (जे) विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि, 'वे राजनीति के अजातशत्रु थे. उनका व्यक्तित्व बहुत मिलनसार था. धरमजीत सिंह ने कहा कि उन्हें जो दायित्व मिला, उसे उन्होंने निभाया. वे राजनीति के विश्वविद्यालय थे. उनसे हमारी पीढ़ी ने सीखा, उनसे नई पीढ़ियों को सीखना चाहिए.'

पढ़ें: LIVE UPDATE: मोतीलाल वोरा का पार्थिव देह आज पहुंचेगा रायपुर, दुर्ग में अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी

जन्मदिन के दूसरे दिन ली अंतिम सांस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. राजस्थान में जन्मे वोरा ने पत्रकारिता से लेकर राजनीति तक का लंबा सफर तय किया. अपने जन्मदिन के दूसरे दिन उन्होंने अंतिम सांस ली. अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान में हुआ था. उनके पिता का नाम मोहनलाल वोरा और मां का नाम अंबा बाई था. उनका विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था. उनके चार बेटियां और दो बेटे हैं.

पढ़ें: कांग्रेस के सीनियर लीडर और थिंक टैंक मोतीलाल वोरा ने खेली लंबी सियासी पारी, पाई-पाई का भी रखते थे हिसाब

पार्षद से पार्लियामेंट तक का सफर

वे दो बार (1985 से 1988 और जनवरी 1989 से दिसंबर 1989 तक) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया. वोरा ने कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया. मोतीलाल वोरा ने 1968 में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा. वोरा ने अपने पांच दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में पार्टी और सरकार में कई अहम भूमिकाएं निभाईं. वह इस साल अप्रैल तक राज्यसभा के सदस्य रहे. कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के महासचिव (प्रशासन) की भूमिका निभा रहे थे. उन्होंने करीब दो दशकों तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और संगठन में कई अन्य जिम्मेदारियां निभाईं.

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन सबसे पहले अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मोतीलाल वोरा को श्रद्धांजलि दी गई. सत्ता और विपक्ष के विधायकों ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता को श्रद्धांजलि अर्पित की. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि इस अपूरणीय क्षति को भर पाना मुश्किल है. उनकी लगन, परिश्रम और निष्ठा अद्वितीय थी. वे हमेशा नेतृत्व के लिए समर्पित थे. इस शून्यता को भर पाना कठिन है.

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सबका प्रिय नेता चला गया. उन्होंने कहा कि वे सिर्फ कांग्रेस के प्रिय नहीं बल्कि विपक्ष के भी प्रिय थे. गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पत्रकार, पार्षद से लेकर लंबा राजनीतिक सफर उन्होंने तय किया. उन्होंने कहा कि 45 साल के संबंधों में परिवार जैसा स्नेह वोरा जी से मिला. उनसे बहुत सीखा. वोरा जी का पूरा जीवन पाठशाला था.

'वोरा से कई पीढ़ियों को सीखना चाहिए'

जेसीसी (जे) विधायक धरमजीत सिंह ने कहा कि, 'वे राजनीति के अजातशत्रु थे. उनका व्यक्तित्व बहुत मिलनसार था. धरमजीत सिंह ने कहा कि उन्हें जो दायित्व मिला, उसे उन्होंने निभाया. वे राजनीति के विश्वविद्यालय थे. उनसे हमारी पीढ़ी ने सीखा, उनसे नई पीढ़ियों को सीखना चाहिए.'

पढ़ें: LIVE UPDATE: मोतीलाल वोरा का पार्थिव देह आज पहुंचेगा रायपुर, दुर्ग में अंतिम संस्कार की तैयारियां पूरी

जन्मदिन के दूसरे दिन ली अंतिम सांस

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा ने दुनिया को अलविदा कह दिया है. राजस्थान में जन्मे वोरा ने पत्रकारिता से लेकर राजनीति तक का लंबा सफर तय किया. अपने जन्मदिन के दूसरे दिन उन्होंने अंतिम सांस ली. अविभाजित मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री वोरा का जन्म 20 दिसंबर 1928 को राजस्थान में हुआ था. उनके पिता का नाम मोहनलाल वोरा और मां का नाम अंबा बाई था. उनका विवाह शांति देवी वोरा से हुआ था. उनके चार बेटियां और दो बेटे हैं.

पढ़ें: कांग्रेस के सीनियर लीडर और थिंक टैंक मोतीलाल वोरा ने खेली लंबी सियासी पारी, पाई-पाई का भी रखते थे हिसाब

पार्षद से पार्लियामेंट तक का सफर

वे दो बार (1985 से 1988 और जनवरी 1989 से दिसंबर 1989 तक) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे. मोतीलाल वोरा ने कई वर्षों तक पत्रकारिता के क्षेत्र में काम किया. वोरा ने कई समाचार पत्रों का प्रतिनिधित्व किया. मोतीलाल वोरा ने 1968 में राजनीति के क्षेत्र में कदम रखा. वोरा ने अपने पांच दशकों से अधिक के राजनीतिक जीवन में पार्टी और सरकार में कई अहम भूमिकाएं निभाईं. वह इस साल अप्रैल तक राज्यसभा के सदस्य रहे. कुछ महीने पहले तक कांग्रेस के महासचिव (प्रशासन) की भूमिका निभा रहे थे. उन्होंने करीब दो दशकों तक कांग्रेस के कोषाध्यक्ष और संगठन में कई अन्य जिम्मेदारियां निभाईं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.