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सर्दियों में पारंपरिक व्यंजन और ड्राई फ्रूट्स से बाजार गुलजार, लेकिन नहीं हो रही बिक्री

कोरोना के कारण ज्यादातर बाजार मंदी की मार झेल रहे हैं. जिसका असर अब भी खत्म नहीं हुआ है. ठंड में ड्राई फ्रूट्स के व्यापारियों का सामान नहीं बिकने से वो खासे नाराज हैं.

Traders in losses in cold weather in raipur
ड्राई फ्रूट्स मार्केट
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Published : Dec 19, 2020, 7:29 PM IST

Updated : Dec 19, 2020, 8:08 PM IST

रायपुर : सर्दियों के इस मौसम में पारंपरिक व्यंजन और ड्राई फ्रूट्स से बाजार गुलजार हो चुके हैं. लेकिन कोरोना की वजह से बाजार से रौनक गायब सी हो गई है. गिने-चुने ग्राहक पारंपरिक व्यंजन और ड्राई फ्रूट्स की दुकानों पर खरीदी करने आ रहें हैं. दुकानदारों के चेहरों पर मायूसी साफ नजर आ रही है. इन दुकानों में ड्राई फ्रूट्स के सामान अंजीर, बादाम, छुहारा, काजू किसमिस, पेन खजूर से भरा पड़ा है. पारंपरिक व्यंजनों में शक्कर और गुड़ के लड्डू, फल्ली, पापड़ी, गजक रेवड़ी जैसे सामानों से बाजार गुलजार है.

व्यापारी हताश

रायपुर की सड़कों के साथ बाजार में पारंपरिक व्यंजनों के साथ ही ड्राई फ्रूटस की लगभग 50 दुकानें लगी हुई है. लेकिन कोरोना के कारण इन दुकानों में रौनक नहीं दिख रहा है. इस कारण दुकानदार खासे परेशान हैं. दुकानदारों का कहना है कि इन चीजों की डिमांड सर्दियों के मौसम में ज्यादा रहती है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण दुकानों में ग्राहकी कम है और धंधा भी जीरो है. इस कारण कहीं न कहीं कोरोना का असर ड्राई फ्रूट्स और पारंपरिक व्यंजन के दुकानों पर भी देखने को मिल रहा है.

Traders in losses in cold weather in raipur
ड्राई फ्रूट्स मार्केट वीरान
Traders in losses in cold weather in raipur
नहीं हो रही बिक्री

पढ़ें : सूरजपुर: कोहरे और ठंड का बढ़ा प्रकोप, 7 डिग्री तक लुढ़का पारा

मध्य प्रदेश से आते हैं व्यापारी

पारंपरिक व्यंजन बेचने वाले दुकानदार खास तौर पर सर्दियों के इस मौसम में गजक और रेवड़ी का बिजनेस करते हैं. दुकानदार बताते हैं कि गजक रेवड़ी और तिलपट्टी आगरा ग्वालियर और मुरैना से मंगाए जाते हैं. राजधानी के बाजार और सड़कों पर दुकानदार अपनी दुकानों पर गजक और रेवड़ी की बिक्री करते हैं. पारंपरिक व्यंजन और ड्राई फ्रूट्स के ज्यादातर व्यापारी मध्य प्रदेश के रीवा, सतना और मुरैना के रहने वाले हैं, जो रोजी-रोटी की तलाश में राजधानी पहुंचते हैं.

Traders in losses in cold weather in raipur
ड्राई फ्रूट्स मार्केट का धंधा मंदा

रायपुर : सर्दियों के इस मौसम में पारंपरिक व्यंजन और ड्राई फ्रूट्स से बाजार गुलजार हो चुके हैं. लेकिन कोरोना की वजह से बाजार से रौनक गायब सी हो गई है. गिने-चुने ग्राहक पारंपरिक व्यंजन और ड्राई फ्रूट्स की दुकानों पर खरीदी करने आ रहें हैं. दुकानदारों के चेहरों पर मायूसी साफ नजर आ रही है. इन दुकानों में ड्राई फ्रूट्स के सामान अंजीर, बादाम, छुहारा, काजू किसमिस, पेन खजूर से भरा पड़ा है. पारंपरिक व्यंजनों में शक्कर और गुड़ के लड्डू, फल्ली, पापड़ी, गजक रेवड़ी जैसे सामानों से बाजार गुलजार है.

व्यापारी हताश

रायपुर की सड़कों के साथ बाजार में पारंपरिक व्यंजनों के साथ ही ड्राई फ्रूटस की लगभग 50 दुकानें लगी हुई है. लेकिन कोरोना के कारण इन दुकानों में रौनक नहीं दिख रहा है. इस कारण दुकानदार खासे परेशान हैं. दुकानदारों का कहना है कि इन चीजों की डिमांड सर्दियों के मौसम में ज्यादा रहती है. लेकिन इस बार कोरोना के कारण दुकानों में ग्राहकी कम है और धंधा भी जीरो है. इस कारण कहीं न कहीं कोरोना का असर ड्राई फ्रूट्स और पारंपरिक व्यंजन के दुकानों पर भी देखने को मिल रहा है.

Traders in losses in cold weather in raipur
ड्राई फ्रूट्स मार्केट वीरान
Traders in losses in cold weather in raipur
नहीं हो रही बिक्री

पढ़ें : सूरजपुर: कोहरे और ठंड का बढ़ा प्रकोप, 7 डिग्री तक लुढ़का पारा

मध्य प्रदेश से आते हैं व्यापारी

पारंपरिक व्यंजन बेचने वाले दुकानदार खास तौर पर सर्दियों के इस मौसम में गजक और रेवड़ी का बिजनेस करते हैं. दुकानदार बताते हैं कि गजक रेवड़ी और तिलपट्टी आगरा ग्वालियर और मुरैना से मंगाए जाते हैं. राजधानी के बाजार और सड़कों पर दुकानदार अपनी दुकानों पर गजक और रेवड़ी की बिक्री करते हैं. पारंपरिक व्यंजन और ड्राई फ्रूट्स के ज्यादातर व्यापारी मध्य प्रदेश के रीवा, सतना और मुरैना के रहने वाले हैं, जो रोजी-रोटी की तलाश में राजधानी पहुंचते हैं.

Traders in losses in cold weather in raipur
ड्राई फ्रूट्स मार्केट का धंधा मंदा
Last Updated : Dec 19, 2020, 8:08 PM IST
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