रायपुर: देशभर के 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियन और अन्य स्वतंत्र फेडरेशन के राष्ट्रीय मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ 26 नवंबर को देशव्यापी हड़ताल का एलान किया है. ट्रेड यूनियन ने मोदी सरकार पर मजदूर और किसान विरोधी होने का आरोप लगाया है.
छत्तीसगढ़ ट्रेड यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मराज महापात्रा ने कहा कि श्रमिकों और मेहनतकश वर्ग अपने अधिकारों और सुविधाओं पर केंद्र सरकार की ओर से किए गए हमले के खिलाफ मजबूती से लड़ रहे हैं. देश की रक्षा संस्थानों के कर्मचारी भी रक्षा उद्योग के निजीकरण के खिलाफ 12 अक्टूबर 2020 से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने के लिए तैयार थे. जो आश्वासन के बाद स्थगित कर दिया गया है.
आंदोलन को सफल बनाने का आह्वान
धर्मराज ने कहा कि हम किसानों के प्रति पूरी एकजुटता प्रदर्शित करते हैं, जो उन किसान विरोधी कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. मजदूर किसानों के साथ मजबूती से खड़े हैं. उन्होंने कहा कि हम श्रमिकों, किसानों और कृषि श्रमिकों के सभी वर्गों की एकजुटता का आह्वान करते हैं और छत्तीसगढ़ के सभी श्रमिक वर्ग को सभी मांगों पर 26 नवंबर की देशव्यापी हड़ताल को सफल बनाने का आह्वान करते हैं.
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ट्रेड यूनियन की प्रमुख मांगें:
- सभी गैर आयकर दाता परिवारों के लिए हर महीने 7 हजार 500 रुपये का नकद हस्तांतरण
- सभी जरुरतमंदों को प्रति व्यक्ति हर महीने 10 किलो मुफ्त राशन
- ग्रामीण क्षेत्रों में एक साल में 200 दिनों का काम बढ़ी हुई मजदूरी पर उपलब्ध कराने के लिए मनरेगा का विस्तार
- शहरी क्षेत्रों में रोजगार गारंटी का विस्तार
- सभी किसान विरोधी कानूनों और मजदूर विरोधी श्रम संहिता को वापस लेने की मांग
- वित्तीय क्षेत्र सहित सार्वजनिक क्षेत्र के निजीकरण को रोकने की मांग
- रेलवे, आयुध कारखानो, बंदरगाह आदि जैसे सरकारी विनिर्माण उपक्रम और सेवा संस्थाओं का निगमीकरण बंद करने की मांग
- सरकार और पीएसयू कर्मचारियों की समय से पहले सेवानिवृत्ति पर ड्रैकियन सर्कुलर को वापस लेना
- एनपीएस को खत्म कर और पहले की पेंशन को बहाल कर ईपीएफ में सुधार