रायपुर: चेन्नई के रहने वाले अश्व ह्दयराजन साइकिल से हजारों किलोमीटर नाप चुके हैं. इनका चयन आईआईएम रायपुर में हुआ है. चेन्नई से रायपुर का सफर इन्होंने साइकिल से तय किया. न मोटर गाड़ियों का शौक, न मन में डर. इनके पास था जुनून, जिसके सहारे इन्होंने हजारों किलोमीटर साइकिल से नाप दिए.
अश्व हृदराजन चेन्नई से रायपुर आ रहे थे, तो उन्होंने अपनी यात्रा का अनुभव साझा किया. अश्व हृदराजन ने बताया जब वो सुकमा और जगदलपुर के बीच पहुंचा तो उसे अचानक कुछ लोगों ने रोक लिया. लोगों के रोकने से ही वो डर गए और लगा कि कहीं ये नक्सली तो नहीं.
क्यों डर गए ह्दयराजन
चारों तरफ सन्नाटा और सामने उसके कुछ लोग मन में शंका आ गई, लेकिन बाद में पता चला कि ये ग्रामीण हैं जो कोई त्योहार मना रहे हैं. और आने-जाने वालों से पैसा ले रहे हैं. फिर क्या उसने भी 10 का नोट निकालकर दिया, तो उन्हें जाने दिया गया. इसी तरह कुछ और जगहों पर उन्हें रोककर चंदा मांगा गया. इन खट्टी मीठी यादों को समेटे और एक संदेश देते वे आगे बढ़ते हुए अपना सफर पूरा किया.
स्वस्थ और दुरुस्त रहने का दे रहे संदेश
बता दें कि हर साल तापमान में हो रहे बढ़ोतरी को देखते हुए अश्व हृदराजन साइकिल से रास्ता तय करते हैं, जिससे वो स्वस्थ और दुरुस्त रहे. इसी के साथ ही अश्व लोगों को भी पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए जागरूक कर रहा है.