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World Tourism Day: 4 से 6 महीने में छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थलों पर दिखने लगेगा काम

ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू बताया कि उनकी सरकार के आने के बाद पर्यटन के विकास के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. प्रदेश के सभी पर्यटन स्थल को चिंन्हित कर विकास के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है. इसके लिए इंजीनियरों से पर्यटन स्थल का सर्वे कराया जा रहा है.

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Published : Sep 27, 2019, 2:03 PM IST

विश्व पर्यटन दिवस पर ETV Bharat ने की पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू से खास बातचीत

रायपुर: विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर देश सहित प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. लंबे समय से प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं बनाकर काम किया गया है. इसके लिए करोड़ों रुपये सरकार के द्वारा खर्च किए गए है. बावजूद इसके प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में विकास दिखता नजर नहीं आ रहा है. जिस अनुपात में प्रदेश में सैलानी आने चाहिए उस अनुपात में सैलानी नहीं पहुंच रहे हैं.

4 से 6 महीने में पर्यटन स्थलों पर दिखने लगेगा काम

मामले में ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू बताया कि उनकी सरकार के आने के बाद पर्यटन के विकास के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. प्रदेश के सभी पर्यटन स्थल को चिंन्हित कर विकास के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है. इसके लिए इंजीनियरों से पर्यटन स्थल का सर्वे कराया जा रहा है. साथ ही वहां की जरूरतों के हिसाब से विकास का ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है. जिसमें पर्यटन स्थलों पर आने वाले सैलानियों को किसी तरह की असुविधा न हो और उन्हें उसी स्थल पर रुकने खाने-पीने सहित खरीदारी करने की व्यवस्था की जा रही है.

ताम्रध्वज साहू ने बताया कि गंगरेल में जल जहाज चलाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही दुर्ग में भी जल जहाज चलाने को लेकर विचार किया जा रहा है. इन जगहों पर जल जहाज से किनारे से लेकर बीच में बने टीले तक सैलानियों को पहुंचाया जाएगा. वहां पर एक गार्डन भी विकसित करने का प्लान है. साहू ने गंगरेल को मिनी गोवा के रूप में विकसित करने की योजना पर कहा कि पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि एक साथ सब संभव नहीं है, लेकिन इसके लिए योजना बनाई जा रही है.

पढ़े:World Tourism Day: कुदरत का करिश्मा, यहां उल्टा बहता है पानी, उछलती है जमीन

बीजेपी की 15 साल की सरकार के दौरान पर्यटन के विकास के लिए संचालित योजनाओं पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पूर्व में पर्यटन स्थलों के विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया है. बीजेपी शासन में मोटलों का निर्माण किया गया था, लेकिन घटिया निर्माण के चलते उनकी दीवारों में दरारें आ गई है. आगे के प्लान पर सवाल के जवाब में साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल के आसपास होटल, चाय-पान ठेला समेत दुकानों की व्यवस्था की जा रही है. जिसका सेट तैयार कराया जा रहा है. इसके लिए पर्यटन स्थल को व्यवस्थित करने के लिए इंजीनियरों को भेजा गया है और उनसे सलाह लेकर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी. ताम्रध्वज साहू ने कहा कि यदि प्रदेश में सैलानियों की संख्या बढ़ेगी तो इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. पर्यटन मंत्री ने 139 पर्यटन स्थलों को लेकर कहा कि आगामी 4 से 6 महीने में प्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों पर काम दिखने लगेगा.

रायपुर: विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर देश सहित प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. लंबे समय से प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं बनाकर काम किया गया है. इसके लिए करोड़ों रुपये सरकार के द्वारा खर्च किए गए है. बावजूद इसके प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में विकास दिखता नजर नहीं आ रहा है. जिस अनुपात में प्रदेश में सैलानी आने चाहिए उस अनुपात में सैलानी नहीं पहुंच रहे हैं.

4 से 6 महीने में पर्यटन स्थलों पर दिखने लगेगा काम

मामले में ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत में पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू बताया कि उनकी सरकार के आने के बाद पर्यटन के विकास के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं. प्रदेश के सभी पर्यटन स्थल को चिंन्हित कर विकास के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है. इसके लिए इंजीनियरों से पर्यटन स्थल का सर्वे कराया जा रहा है. साथ ही वहां की जरूरतों के हिसाब से विकास का ब्लूप्रिंट तैयार किया जा रहा है. जिसमें पर्यटन स्थलों पर आने वाले सैलानियों को किसी तरह की असुविधा न हो और उन्हें उसी स्थल पर रुकने खाने-पीने सहित खरीदारी करने की व्यवस्था की जा रही है.

ताम्रध्वज साहू ने बताया कि गंगरेल में जल जहाज चलाने की तैयारी की जा रही है. साथ ही दुर्ग में भी जल जहाज चलाने को लेकर विचार किया जा रहा है. इन जगहों पर जल जहाज से किनारे से लेकर बीच में बने टीले तक सैलानियों को पहुंचाया जाएगा. वहां पर एक गार्डन भी विकसित करने का प्लान है. साहू ने गंगरेल को मिनी गोवा के रूप में विकसित करने की योजना पर कहा कि पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा. हालांकि उन्होंने कहा कि एक साथ सब संभव नहीं है, लेकिन इसके लिए योजना बनाई जा रही है.

पढ़े:World Tourism Day: कुदरत का करिश्मा, यहां उल्टा बहता है पानी, उछलती है जमीन

बीजेपी की 15 साल की सरकार के दौरान पर्यटन के विकास के लिए संचालित योजनाओं पर ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पूर्व में पर्यटन स्थलों के विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया है. बीजेपी शासन में मोटलों का निर्माण किया गया था, लेकिन घटिया निर्माण के चलते उनकी दीवारों में दरारें आ गई है. आगे के प्लान पर सवाल के जवाब में साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए पर्यटन स्थल के आसपास होटल, चाय-पान ठेला समेत दुकानों की व्यवस्था की जा रही है. जिसका सेट तैयार कराया जा रहा है. इसके लिए पर्यटन स्थल को व्यवस्थित करने के लिए इंजीनियरों को भेजा गया है और उनसे सलाह लेकर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी. ताम्रध्वज साहू ने कहा कि यदि प्रदेश में सैलानियों की संख्या बढ़ेगी तो इससे रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे. पर्यटन मंत्री ने 139 पर्यटन स्थलों को लेकर कहा कि आगामी 4 से 6 महीने में प्रदेश के सभी पर्यटन स्थलों पर काम दिखने लगेगा.

Intro:रायपुर । विश्व पर्यटन दिवस के अवसर पर देश सहित प्रदेश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है लंबे समय से प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं बनाकर काम किया गया है इसके लिए करोड़ों अरबों रुपए सरकार के द्वारा खर्च किए गए बावजूद इसके प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में विकास दिखता नजर नहीं आ रहा है जिस अनुपात में प्रदेश में सैलानी आने चाहिए उस अनुपात में सलामी नहीं पहुंच रहे हैं इसकी कई वजह बताई जा रही है




Body:इस विषय पर ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने। ताम्रध्वज साहू ने बताया कि उनकी सरकार के आने के बाद पर्यटन के विकास के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे है । प्रदेश के सभी पर्यटन स्थल को चिन्हित कर उनके विकास के लिए रूपरेखा तैयार की जा रही है । इंजीनियरों को पर्यटन स्थल भेजकर सर्वे कराया जा रहा है साथ ही वहां पर किन चीजों की जरूरत है कैसे इन स्थलों का विकास हो सकता है उसके लिए एक सही तरीके रूपरेखा तैयार की जा रही है । जिससे पर्यटन स्थलों पर आने वाले सैलानियों को किसी तरह की असुविधा ना हो उन्हें उसी स्थल पर रुकने खाने-पीने सहित खरीदारी करने की व्यवस्था की जा रही है

ताम्रध्वज ने बताया कि गंगरेल में जल जहाज चलाने की तैयारी की जा रही है साथ ही दुर्ग में भी जल जहाज चलाने को लेकर रूपरेखा तैयार की जा रही है इन जगहों पर जल जहाज से किनारे से लेकर बीच मे बने टीले तक सैलानियों को पहुंचाया जाएगा वहां पर भी गार्डन विकसित करने और अन्य व्यवस्थाएं जुटाने के लिए बोला गया है जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग इन जगहों पर भ्रमण कर सकें।

ताम्रध्वज से पूछा गया कि गंगरेल को मिनी गोवा के रूप में विकसित करने पूर्वर्ती सरकार के द्वारा योजना बनाई गई थी लेकिन इसका किराया इतना ज्यादा है कि लोग उतने किराए में गोवा घूमकर आ सकते हैं तो ऐसे में इन पर्यटन स्थलों पर सैलानियों की संख्या कैसे बढ़ाई जाएगी

जिसके जवाब में ताम्रध्वज ने कहा कि क्रमशः पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा एक साथ सब नहीं हो पाएगा इसके लिए योजना बनाई जा रही है नेटवर्क तैयार किया जा रहा है ट्रांसपोर्ट की व्यवस्था को लेकर भी चर्चा की जा रही है

मंत्री से जब पूछा गया कि पिछले 15 सालों में पूर्व की भाजपा सरकार द्वारा भी पर्यटन के विकास के लिए कई योजनाएं संचालित की गई और उसके लिए करोड़ों अरबों रुपए खर्च किए गए बावजूद इसके प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा नहीं दिया जा सका इसे लेकर क्या कहेंगे

जिसके जवाब में ताम्रध्वज साहू ने कहा कि पूर्व में पर्यटन स्थलों के विकास के नाम पर कुछ नहीं किया गया है बीजेपी शासन काल में मोटलो का निर्माण किया गया लेकिन घटिया निर्माण के चलते उनकी दीवारों में दरार आ गया है यहां तक कि उन क्रेक में घास उग आई है मोटरों का दुरुपयोग किया गया है सदुपयोग नहीं हुआ है

ताम्रध्वज से पूछा गया कि आप की सरकार आगे क्या करने वाली है जिसके जवाब में सांसद ने कहा कि यहां पहुंचने वालों को पर्यटन स्थल के आसपास होटल चाय पान ठेला सहित दुकान की व्यवस्था की जा रही है इसके लिए सेट तैयार कराया जाएगा इस पूरे पर्यटन स्थल को सुव्यवस्थित करने के लिए इंजीनियरों को भेजा गया है उनसे सलाह लेकर आगे की रूपरेखा तैयार की जाएगी ।

ताम्रध्वज ने कहा कि यदि प्रदेश में सैलानियों की संख्या बढ़ेगी तो इससे रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे इस और भी प्रयास किए जा रहे हैं

जब मंत्री से पूछा गया कि 28 जिलों में 139 पर्यटन स्थल है इसको लेकर और क्या योजना है और यह कब तक अपने स्वरूप में आ जाएगी, जिसके जवाब मे मंत्री ने कहा कि आगामी 4 से 6 महीने में इन पर्यटन स्थलों पर काम दिखने लगेगा




Conclusion:बता दें कि पर्यटन विभाग और मंडल ने मिलकर बड़े-बड़े दावे किए हैं लेकिन सुविधाएं विकसित करने पिछड़ गए आलम यह है कि गंगरेल डैम को गोवा की तरह विकसित करने का दावा किया गया लेकिन इसके मुताबिक सुविधाएं विकसित नहीं की गई और खाने-पीने में जितना खर्च आता है उसके बजाय लोग गोवा घूम कर आना ज्यादा पसंद करते हैं गंगरेल ही नहीं बल्कि शिरपुर, कोडार, रायपुर और तांदुला को मिलाकर मेगा टूरिज्म सर्किट बनाने की योजना बनाई गई इस योजना पर काम ही नहीं हो पाया। मैनपाट चित्रकूट और गिरोधपुरी में सुविधा और पार्क बनाने की योजना भी पूरी नहीं हो सकी ।

राज्य में इको टूरिज्म और धार्मिक पर्यटन स्थलों को मिलाकर 139 केंद्र तय किये गए हैं लेकिन दर्जनभर केंद्रों को छोड़ दें तो बाकी जगहों पर म रहने खाने पीने की सुविधा तो दूर पीने के पानी की व्यवस्था भी नहीं है ऐसे में प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा मिले तो कैसे मिले


नोट :- पर्यटन मंत्री तामे साहू का 121 लाइव यू से पर्यटन दिवस 121 नाम से भेजा गया है
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