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SPECIAL: लगातार बढ़ रहे हैं BREAST CANCER के मरीज, जानिए लक्षण और बचने के उपाय - कैंसर के बढ़ते आंकड़े

सुरसा की तरह मुंह पसार रही घातक बीमारी ब्रेस्ट कैंसर को लेकर केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक देशभर में महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है.

BREAST CANCER
ब्रेस्ट कैंसर
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Published : Dec 22, 2019, 3:22 PM IST

Updated : Feb 4, 2020, 10:05 AM IST

रायपुर: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोगों के पसीने छूटने लगते हैं. कैंसर किसी भी उम्र में और शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है. बदलती लाइफ स्टाइल और सेहत के प्रति लापरवाही की वजह से ये बीमारी अपने पैर पसार रही है. हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर के चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आए हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं.

लगातार बढ़ रहे हैं BREAST CANCER के मरीज

सुरसा की तरह मुंह पसार रही इस घातक बीमारी को लेकर केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक देशभर में महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अब तक देशभर में कुल 1 लाख 52 हजार से ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मरीज सामने आए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में कुल 9 हजार 4 सौ 48 मामले सामने आए हैं.

देश में कैंसर के बढ़ते आंकड़े

  • साल 2016 में 42 हजार से ज्यादा
  • साल 2017 में 50 हजार से ज्यादा
  • साल 2018 में 60 हजार के करीब ब्रेस्ट कैंसर के मरीज देशभर में सामने आए

छत्तीसगढ़ के आंकड़े

  • साल 2016 में 2944
  • साल 2017 में 3145 और
  • साल 2018 में 3359 ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए.

ये वो आंकड़े हैं, जो शहरों के अस्पतालों तक पहुंच जाते हैं. कैंसर मरीजों के बीच लगातार काम कर रहे एक्सपर्ट सुदेशना रुहान के मुताबिक छत्तीसगढ़ का बड़ा इलाका ग्रामीण है, जहां रेलवे कनेक्टिविटी बेहद कमजोर है, ऐसे में कई मरीज बड़े शहरों में इलाज के लिए पहुंच ही नहीं पाते. जागरूकता की कमी और महिलाओं की दर्द सहने की प्रवृत्ति भी इस बीमारी के जल्द इलाज करने में बाधक है.

महिलाएं लंबे समय तक दर्द सहती रहती हैं और जब वे इस बीमारी के बारे में बताती हैं तब तक काफी देरी हो चुकी होती है क्योंकि लास्ट स्टेज में इसका इलाज कठिन है. इस बीमारी को लेकर जागरूकता लाने के साथ ही हेल्दी लाइफ स्टाइल को अपनाना बेहद जरूरी है.

ब्रेस्ट कैंसर के लक्ष्ण

  • ब्रेस्ट में गठान का होना
  • निप्पल से किसी तरह के द्रव्य का बहना, जो आमतौर पर हरे या लाल रंग का होता है.
  • ब्रेस्ट के साइज में बदलाव
  • ब्रेस्ट के ऊपर की चमड़ी का मोटा होना

ब्रेस्ट कैंसर के कारण-

  • कैंसर आमतौर पर हमारे जीन्स, जीवन शैली, और खान-पान की वजह से फैलता है.
  • अधि‍क उम्र में पहला बच्चा होना
  • बच्चे को स्‍तनपान नहीं कराना
  • वजन में अत्यधिक वृद्धि

स्तन कैंसर को रोकने के उपाय:

  • एक्सरसाइज और योग नियमित तौर पर करें
  • नमक का अत्यधिक सेवन न करें
  • रेड मीट के अधि‍क सेवन से बचें
  • सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
  • अधिक मात्रा में धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें.
  • गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें.

रायपुर: कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसका नाम सुनते ही लोगों के पसीने छूटने लगते हैं. कैंसर किसी भी उम्र में और शरीर के किसी भी भाग में हो सकता है. बदलती लाइफ स्टाइल और सेहत के प्रति लापरवाही की वजह से ये बीमारी अपने पैर पसार रही है. हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर के चौंकाने वाले आंकड़ें सामने आए हैं, जो बेहद चिंताजनक हैं.

लगातार बढ़ रहे हैं BREAST CANCER के मरीज

सुरसा की तरह मुंह पसार रही इस घातक बीमारी को लेकर केंद्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है, जिसके मुताबिक देशभर में महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक अब तक देशभर में कुल 1 लाख 52 हजार से ज्यादा ब्रेस्ट कैंसर के मरीज सामने आए हैं. वहीं छत्तीसगढ़ में कुल 9 हजार 4 सौ 48 मामले सामने आए हैं.

देश में कैंसर के बढ़ते आंकड़े

  • साल 2016 में 42 हजार से ज्यादा
  • साल 2017 में 50 हजार से ज्यादा
  • साल 2018 में 60 हजार के करीब ब्रेस्ट कैंसर के मरीज देशभर में सामने आए

छत्तीसगढ़ के आंकड़े

  • साल 2016 में 2944
  • साल 2017 में 3145 और
  • साल 2018 में 3359 ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए.

ये वो आंकड़े हैं, जो शहरों के अस्पतालों तक पहुंच जाते हैं. कैंसर मरीजों के बीच लगातार काम कर रहे एक्सपर्ट सुदेशना रुहान के मुताबिक छत्तीसगढ़ का बड़ा इलाका ग्रामीण है, जहां रेलवे कनेक्टिविटी बेहद कमजोर है, ऐसे में कई मरीज बड़े शहरों में इलाज के लिए पहुंच ही नहीं पाते. जागरूकता की कमी और महिलाओं की दर्द सहने की प्रवृत्ति भी इस बीमारी के जल्द इलाज करने में बाधक है.

महिलाएं लंबे समय तक दर्द सहती रहती हैं और जब वे इस बीमारी के बारे में बताती हैं तब तक काफी देरी हो चुकी होती है क्योंकि लास्ट स्टेज में इसका इलाज कठिन है. इस बीमारी को लेकर जागरूकता लाने के साथ ही हेल्दी लाइफ स्टाइल को अपनाना बेहद जरूरी है.

ब्रेस्ट कैंसर के लक्ष्ण

  • ब्रेस्ट में गठान का होना
  • निप्पल से किसी तरह के द्रव्य का बहना, जो आमतौर पर हरे या लाल रंग का होता है.
  • ब्रेस्ट के साइज में बदलाव
  • ब्रेस्ट के ऊपर की चमड़ी का मोटा होना

ब्रेस्ट कैंसर के कारण-

  • कैंसर आमतौर पर हमारे जीन्स, जीवन शैली, और खान-पान की वजह से फैलता है.
  • अधि‍क उम्र में पहला बच्चा होना
  • बच्चे को स्‍तनपान नहीं कराना
  • वजन में अत्यधिक वृद्धि

स्तन कैंसर को रोकने के उपाय:

  • एक्सरसाइज और योग नियमित तौर पर करें
  • नमक का अत्यधिक सेवन न करें
  • रेड मीट के अधि‍क सेवन से बचें
  • सूर्य के तेज किरणों के प्रभाव से बचें
  • अधिक मात्रा में धूम्रपान और नशीले पदार्थों का सेवन न करें.
  • गर्भनिरोधक गोलियों का लगातार सेवन करने से पहले चिकित्सकीय परामर्श लें.
Intro:Body:कैंसर का नाम सुनते ही डर पैदा हो जाता है… जिस तेजी से इस बीमारी ने पैर पसारा है वो बेहद चिंताजनक है. हाला ही में इस घातक बीमारी को लेकर केन्द्र सरकार ने एक रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक देशभर में महिलाओं में होने वाले ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है. इस रिपोर्ट के मुताबिक 2016 में 42 हजार से ज्यादा, 2017 में 50 हजार से ज्यादा और 2018 में 60 हजार के करीब ब्रेस्ट कैंसर के मरीज देशभर में सामने आए. वहीं छत्तीसगढ़ के बात की जाए तो 2016 में 2944, 2017 में 3145 और 2018 में 3359 ब्रेस्ट कैंसर के मामले सामने आए. जिस तेजी से ये फऐल रहा है और इसके चलते मरने वालों की तादाद बढ़ रही है वो हैरान करने वाली है… छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में आखिर इसके बढ़ने के क्या कारण हो सकते हैं… जानने की कोशिश की-

बाइट- डॉ राजीव जैन

दरअसल ये वो आंकड़े हैं जो शहरों के अस्पतालों तक पहुंच जाते हैं, कैंसर मरीजों के बीच लगातार काम कर रहे एक्सपर्ट के मुताबिक छत्तीसगढ़ का बड़ा इलाका ग्रामीण है, जहां रेलवे कनेक्टिवीटी बेहद कमजोर है… ऐसे में कई मरीज बड़े शहरों में इलाज के लिए पहुंच ही नहीं पाते और दर्दनाक मौत मर जाते हैं. जागरुकता की कमी और महिलाओं की दर्द सहने की प्रवृत्ति भी इस बीमारी के जल्दी डायग्नोशन करने में बाधक है.. महिलाएं लंबे समय तक दर्द सहती रहती हैं और जब वे इस बीमारी के बारे में बताती हैं तबतक काफी देरी हो चुकी होती है क्योंकि लास्ट स्टेज में इसका उपचार कठीन हैं.

बाइट- सुदेशना रुहान ( कैसंर शोधकर्ता )

इस बीमारी को लेकर जागरुकता लाने के साथ जरूरी है हेल्दी लाइफ स्टाइल को अपनाना. क्योंकि सुरसा की तरह ये बीमारी अपना मुंह खोल रहा है, वो बेहद घातक परिणाम लेकर आ सकता है.Conclusion:
Last Updated : Feb 4, 2020, 10:05 AM IST
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