रायपुर/हैदराबाद: सुप्रीम कोर्ट ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के 1 जनवरी 2022 के उस फैसले को रद्द कर दिया है, जिसमें पूर्व प्रधान सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति के मामले में दर्ज FIR को रद्द कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को जांच के राजनीतिक रूप से प्रेरित होने के आरोपों को खारिज कर दिया और भूपेश सरकार को पूर्व प्रधान सचिव के खिलाफ जांच को आगे जारी रखने की परमिशन दी.
जस्टिस रवींद्र भट और दीपांकर दत्ता की सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि "सिर्फ इसलिए कि एक नई राजनीतिक व्यवस्था ने भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों के तहत पिछले शासन के सदस्यों पर आरोप लगाया है, जांच को दुर्भावनापूर्ण नहीं कहा जा सकता है. क्योंकि कार्रवाई पूर्व सीएम रमन सिंह के खिलाफ नहीं बल्कि एक लोक सेवक के खिलाफ हई थी."
भूपेश पर लगाए थे उत्पीड़न के आरोप : पूर्व प्रधान सचिव और उनकी पत्नी की ओर से सीनियर वकील महेश जेठमलानी ने कोर्ट में ये दलील दी थी कि सीएम भूपेश बघेल ने पूर्ववर्ती रमन सरकार को अनावश्यक उत्पीड़न करने के लिए पूर्व नौकरशाहों के खिलाफ कार्रवाई की थी.
ये है मामला: साल 2019 में उचित शर्मा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चिट्ठी लिखकर आरोप लगाया कि पूर्व प्रधान सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नी यास्मीन सिंह भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल है. उनके पास 2500 करोड़ रुपये से ज्यादा आय से अधिक संपत्ति है. शिकायत मिलने के बाद मुख्यमंत्री बघेल ने चीफ सेक्रेटरी को जांच करने का आदेश दिया. जिसके बाद 25 फरवरी 2020 को EOW ने अमन सिंह और यास्मीन सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की.