रायपुर: 2 मार्च से छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षाएं होने वाली हैं. इस बार 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा ऑफलाइन ली जा रही है. 12वीं की परीक्षा 2 मार्च और दसवीं की परीक्षा 3 मार्च से शुरू हो रही है. बोर्ड परीक्षा को लेकर बच्चों में तनाव की स्थिति है. परीक्षा को लेकर बच्चों में तनाव किस तरह से कम हो और बच्चों को परीक्षा में किस तरह से तैयारी करनी चाहिए, इसे लेकर ईटीवी भारत ने जे एन पांडे शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला के प्राचार्य एमआर सावन से खास बातचीत की.
सवाल- परीक्षा का समय नजदीक है. बोर्ड परीक्षा की तैयारी बच्चों को किस तरह से करनी चाहिए?
जवाब- इस बार बोर्ड द्वारा चाइल्ड साइकोलॉजी को ध्यान में रखते हुए 10वीं और 12वीं की पहली परीक्षा हिंदी विषय से शुरू की गई है ताकि बच्चों में भय ना रहे. जिस स्कूल में बच्चे पढ़ते हैं, उसी केंद्र में परीक्षा ली जाएगी. ऑफलाइन एग्जाम सक्सेसफुली हो पाए और बच्चे संक्रमित ना हों, इसके लिए परीक्षा केंद्र की संख्या भी बढ़ाई गई है.
सवाल- लंबे समय तक बच्चों की पढ़ाई प्रभावित रही. बच्चों ने ऑनलाइन एग्जाम दिया. अब ऑफलाइन एग्जाम होने जा रहा है. एग्जाम को लेकर बच्चों में भी भय है?
जवाब- जो बच्चे पढ़ाई के लिए सिंसियर हैं, उन्होंने ऑनलाइन मोड में भी अच्छे से पढ़ाई की है. घर पर किताबों को भी देखा है. पढ़ने का कोई बहाना नहीं बनाया है. लेकिन यह तो तय है कि बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हुई. स्वास्थ्य कारणों से स्कूल बंद थे. हालांकि सरकार ने प्रयास किया कि बच्चों का स्कूल ऑफलाइन मोड में संचालित हो ताकि वे लगातार पढ़ाई कर सकें.
छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बोर्ड परीक्षा के प्रश्न पत्र और उत्तर पुस्तिका का किया वितरण
सवाल- अबतक बच्चों ने ऑफलाइन मोड में परीक्षा नहीं दी है. एग्जाम देते समय बच्चों को क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए?
जवाब- इस बार बारहवीं और दसवीं के जो बच्चे परीक्षा दे रहे हैं, उन्होंने 2 सालों से कोई भी ऑफलाइन परीक्षा नहीं दी है. उन्हें आदत नहीं है. लंबे समय बाद ऑफलाइन परीक्षा आयोजित की जा रही है. बच्चों में डर है. दसवीं क्लास के बच्चे एग्जाम लिखते समय यह ध्यान रखें कि पहले सरल प्रश्न को हल करें. ऐसा करने से उनके अंदर कॉन्फिडेंस डेवलप होगा. 12वीं के बच्चे भी ऐसे प्रश्नों को हल करें, जो उन्हें अच्छे से बनते हैं. ऐसा करने से उनका डर निकल जाएगा. वे उन प्रश्नों को भी अच्छे से हल कर पाएंगे जो कठिन हैं. जिन्हें टवीस्ट करके पूछा गया है.
सवाल- बच्चों की शिकायत रहती है कि वे जो पढ़कर जाते हैं, उसे एग्जाम हॉल में भूल जाते हैं? उस सिचुएशन में बच्चों को क्या करना चाहिए?
जवाब- भूलने का मुख्य कारण हड़बड़ाहट है. बच्चे परीक्षा सेंटर में देरी से पहुंचते हैं. घबराहट के कारण एग्जाम सेंटर में पहुंचते ही सब चीज भूल जाते हैं. इससे बचने के लिए सबसे अच्छा तरीका है कि बच्चे परीक्षा केंद्र में समय से पहले पहुंच जाएं. कम से कम 30 मिनट पहले पहुंचकर एग्जाम हॉल के वातावरण को एडजस्ट कर लें. रिलैक्स होकर कॉन्फिडेंस के साथ काम करें, लिखकर पढ़ते रहे ऐसा करने से लंबे समय तक चीजें याद रहती हैं
बेमेतरा में बोर्ड परीक्षा के लिए प्रश्नपत्र का वितरण
सवाल- कई बच्चे रात को पढ़ाई करते हैं. रात को पढ़ाई करना कितना फायदेमंद है या ऐसा नहीं करना चाहिए?
जवाब- हर व्यक्ति के लिए 6 घंटे की नींद बहुत आवश्यक है. अगर कोई रात में पढ़ाई कर रहा है तो उसे दिन में 6 घंटे की नींद पूरी करनी चाहिए. जिन्हें सुबह उठने की आदत है वे सुबह से उठकर अच्छे से पढ़ाई करें. जो काम हम रात को करते हैं, अगर सुबह उठकर उसे करें तो हम दोगुनी एनर्जी के साथ उसे कर सकते हैं. कोशिश करें कि सुबह उठकर पढ़ाई करें. ऐसा करने से फायदा मिलेगा.
सवाल- बच्चों को किस तरह से रिवीजन करना चाहिए?
जवाब- पाठ्यक्रम को देखकर तैयारी करें. सिलेबस को अच्छे से देखें-समझें. माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बहुत से ऐसे चैप्टर को काट दिया है, जो परीक्षा में नहीं पूछे जाएंगे. यह चीज नहीं मालूम है तो अपने स्कूल और दोस्तों से भी पूछ लें. जो पाठ्यक्रम में नहीं है, उसे ना पढ़ें. छोटे-छोटे प्रश्नों से तैयारी करना शुरू करें. 2 नंबर, 3 नंबर की तैयारी करें. बड़े प्रश्नों को भी हल करें.
Offline mode में आयोजित होगी 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा !
सवाल- प्रश्न पत्र मिलने के दौरान बच्चों को किस तरह के सवाल पहले हल करना चाहिए?
जवाब- बोर्ड के नियम अनुसार बच्चों को 15 मिनट पहले प्रश्न पत्र दिए जाते हैं. कई बच्चे प्रश्न पत्र मिलने के बाद बिना पढ़े ही उसे बनाना शुरू कर देते हैं. पहले प्रश्न पत्र को सावधानी से पढ़ें कि प्रश्न क्या पूछा जा रहा है. यदि हम प्रश्नों को ध्यान से समझ लेते हैं तो मेरा मानना है कि आधा प्रश्न वहीं हल हो जाता है. कुछ बच्चे प्रश्न ही नहीं समझते और उत्तर लिखने की हड़बड़ाहट में भटक जाते हैं. प्रश्न में ही उत्तर है. स्टेप बाय स्टेप वैल्यूएशन किया जाता है. किसी भी प्रश्न को छोड़े नहीं. सभी को हल करें. उस प्रश्न से संबंधित जो चीज आपको आती है, उसे हल जरूर करें. उसमें आपको कुछ ना कुछ नंबर मिलेगा, जिससे विद्यार्थी के पास होने की संभावना बढ़ जाती है.
इसी तरह टॉपर को भी यह ध्यान रखना होगा कि जिन्होंने अच्छे से पाठ्यक्रम पढ़ा है, पहले उस सरल प्रश्न को बनाएं जिसे आपने पढ़ा है. टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें. फिजूल का समय बर्बाद ना करें. कई बच्चे दो नंबर के सवाल में आधा पेज आंसर लिखते हैं. ऐसा करने से बचें. ऐसा करने से लास्ट में समय कम बचता है. शुरुआत से ही टाइम मैनेजमेंट का ध्यान रखें. तालमेल के साथ चलें. अपने साथ घड़ी जरूर रखें. जो सवाल आपसे पहले बनते हैं, उसे पहले हल करें. टाइम मैनेजमेंट के साथ सवाल हल करें.
सवाल- एग्जाम के 1 दिन पहले बच्चों को क्या तैयारी करनी चाहिए? कैसे रिलैक्स रहना चाहिए?
जवाब- सभी सब्जेक्ट के नोट्स तैयार कर लें. पिछले साल हुए एग्जाम के प्रश्न पत्रों से अपना सेल्फ टेस्ट करें कि समय पर अपना प्रश्न पत्र हल कर पा रहे हैं या नहीं. बच्चे घर पर खुद का सेल्फ टेस्ट लें और असेसमेंट करें. ऐसा करने से उन्हें बहुत फायदा मिलेगा.
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सवाल- बच्चों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब- निर्भिक और भयमुक्त होकर एग्जाम दें. बोर्ड ने बहुत ही संतुलित पेपर तैयार किया है. प्रश्न पत्र बहुत सरल आएगा, यह मानते हुए आप पढ़ाई करें.