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benefits of stevia : डायबिटीज मरीजों के लिए वरदान है स्टीविया - डायबिटीज

डायबिटीज के रोगियों के लिए शक्कर जहर के सामान है. यदि किसी भी मरीज ने शक्कर का ज्यादा सेवन कर लिया तो समझिए उसकी हालत खराब हो जाएगी. लेकिन आयुर्वेद में एक पौधा ऐसा है जो ऐसे शुगर पेशेंट को ना सिर्फ शक्कर जैसा मीठा स्वाद देता है बल्कि उनके शरीर में ग्लूकोज की मात्रा को भी नहीं बढ़ने देता. ways to reduce sugar level

benefits of stevia
मीठी तुलसी का इस्तेमाल
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Published : Mar 21, 2023, 8:08 PM IST

Updated : Nov 14, 2023, 11:50 AM IST

मीठी तुलसी का इस्तेमाल

रायपुर : डायबिटीज के मरीजों को अक्सर शक्कर का सेवन मना होता है. शक्कर खाने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है. लेकिन आयुर्वेद में शक्कर की बीमारी से पीड़ित लोगों का भी इलाज संभव है. आयुर्वेद में हम आपको ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो शक्कर की तरह ही मीठा है. इसका इस्तेमाल करने से डायबटीज पीड़ित व्यक्ति के शरीर में शक्कर की मात्रा नहीं बढ़ती है. इस पौधे का इस्तेमाल शुगर पेशेंट कर सकते हैं जिससे उनके शरीर में शक्कर की मात्रा नहीं बढ़ती है.

क्या है पौधे का नाम : इस पौधे को स्टीविया के नाम से जाना जाता है. वहीं कुछ लोग इसे मीठी तुलसी भी कहते हैं. स्टीविया के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है. इसके साथ इसमें कैल्शियम आयरन कॉपर, मैग्नीज, फास्फोरस, एंटी इन्फ्लेमेटरी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. गौरतलब है कि, शुगर पेशेंट शक्कर का इस्तेमाल नहीं करते हैं. मार्केट में बहुत सारे प्रोडक्ट हैं जो शुगर फ्री होते हैं. लेकिन बहुत से मरीजों की शिकायत है कि उसके इस्तेमाल के बाद भी उनका शुगर लेवल बढ़ जाता है. ऐसे लोगों के लिए स्टीविया एक वरदान की तरह है.

कृषि विश्वविद्यालय में उगाया जा रहा है ये पौधा : स्टीविया का पौधा पंजाब, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे इलाकों में बहुत अधिक मात्रा में उगाया जाता है. लेकिन अब छत्तीसगढ़ में भी इस पौधे को उगाया जा रहा है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्टीविया के पौधे लगाए जा रहे हैं. वहीं कुछ प्राइवेट फार्म में स्टीविया की खेती हो रही है. वजन कम करने के लिए भी इसे उपयोग में लाया जाता है.

ये भी पढ़ें- वायुसेना में अग्निवीर बनने का सुनहरा मौका

जानिए आयुर्वेद एक्सपर्ट की राय : आयुर्वेदिक एक्सपर्ट रजत शुक्ला बताते हैं कि " जो डायबिटीज पेशेंट है वो स्टीविया के पौधे से पत्ते तोड़कर या तो हरे हरे पत्ते ही चाय कॉफी या पेय पदार्थ में डालकर या फिर उसे सुखाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये एक नेचुरल स्वीटनर है, साथ ही ब्लड शुगर को भी कम करता है. लो कैलरी होने की वजह से जो ओवरवेट हैं, उनके वेट को कम करने में भी यह फायदेमंद हैं. इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं. यदि इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए. तो यह ब्लड प्रेशर को लो कर सकता है. लगभग 12 एमजी प्रत्येक बॉडी वेट के हिसाब से इसकी मात्रा रहती है. उससे ज्यादा इसे नहीं लेना चाहिए. रायपुर में अभी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में इसकी खेती की जा रही है, साथ ही प्राइवेट एरिया में भी इसे उगाया जा रहा है."

मीठी तुलसी का इस्तेमाल

रायपुर : डायबिटीज के मरीजों को अक्सर शक्कर का सेवन मना होता है. शक्कर खाने से शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ने लगती है. लेकिन आयुर्वेद में शक्कर की बीमारी से पीड़ित लोगों का भी इलाज संभव है. आयुर्वेद में हम आपको ऐसे पौधे के बारे में बताने जा रहे हैं जो शक्कर की तरह ही मीठा है. इसका इस्तेमाल करने से डायबटीज पीड़ित व्यक्ति के शरीर में शक्कर की मात्रा नहीं बढ़ती है. इस पौधे का इस्तेमाल शुगर पेशेंट कर सकते हैं जिससे उनके शरीर में शक्कर की मात्रा नहीं बढ़ती है.

क्या है पौधे का नाम : इस पौधे को स्टीविया के नाम से जाना जाता है. वहीं कुछ लोग इसे मीठी तुलसी भी कहते हैं. स्टीविया के पौधे में एंटीऑक्सीडेंट गुण होता है. इसके साथ इसमें कैल्शियम आयरन कॉपर, मैग्नीज, फास्फोरस, एंटी इन्फ्लेमेटरी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं. गौरतलब है कि, शुगर पेशेंट शक्कर का इस्तेमाल नहीं करते हैं. मार्केट में बहुत सारे प्रोडक्ट हैं जो शुगर फ्री होते हैं. लेकिन बहुत से मरीजों की शिकायत है कि उसके इस्तेमाल के बाद भी उनका शुगर लेवल बढ़ जाता है. ऐसे लोगों के लिए स्टीविया एक वरदान की तरह है.

कृषि विश्वविद्यालय में उगाया जा रहा है ये पौधा : स्टीविया का पौधा पंजाब, कश्मीर, हिमाचल प्रदेश जैसे इलाकों में बहुत अधिक मात्रा में उगाया जाता है. लेकिन अब छत्तीसगढ़ में भी इस पौधे को उगाया जा रहा है. इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में स्टीविया के पौधे लगाए जा रहे हैं. वहीं कुछ प्राइवेट फार्म में स्टीविया की खेती हो रही है. वजन कम करने के लिए भी इसे उपयोग में लाया जाता है.

ये भी पढ़ें- वायुसेना में अग्निवीर बनने का सुनहरा मौका

जानिए आयुर्वेद एक्सपर्ट की राय : आयुर्वेदिक एक्सपर्ट रजत शुक्ला बताते हैं कि " जो डायबिटीज पेशेंट है वो स्टीविया के पौधे से पत्ते तोड़कर या तो हरे हरे पत्ते ही चाय कॉफी या पेय पदार्थ में डालकर या फिर उसे सुखाकर भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये एक नेचुरल स्वीटनर है, साथ ही ब्लड शुगर को भी कम करता है. लो कैलरी होने की वजह से जो ओवरवेट हैं, उनके वेट को कम करने में भी यह फायदेमंद हैं. इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी हैं. यदि इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए. तो यह ब्लड प्रेशर को लो कर सकता है. लगभग 12 एमजी प्रत्येक बॉडी वेट के हिसाब से इसकी मात्रा रहती है. उससे ज्यादा इसे नहीं लेना चाहिए. रायपुर में अभी इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय में इसकी खेती की जा रही है, साथ ही प्राइवेट एरिया में भी इसे उगाया जा रहा है."

Last Updated : Nov 14, 2023, 11:50 AM IST
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