ETV Bharat / state

रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना, सरकारी स्कूलों में बच्चियां सीखेंगी कराते जूडो - RANI LAXMIBAI SELF DEFENSE TRAINING

कोरबा जिले के स्कूलों में बच्चियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग मिलेगी.रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा योजना के तहत बच्चियां आत्मनिर्भर बनेंगी.

RANI LAXMIBAI SELF DEFENSE TRAINING
सरकारी स्कूलों में बच्चियां सीखेंगी कराते जूडो (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : 12 hours ago

कोरबा : बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में बच्चियों को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा. कोरबा जिले में आगामी तीन माह तक 513 मिडिल, 293 हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में ये कार्यक्रम चलाए जाएंगे. दिसंबर से फरवरी के बीच तीन माह तक संचालित इस कार्यक्रम में इस साल 47 हजार 205 बालिकाओं को ट्रेनिंग मिलेगी. इसके लिए राज्य शासन से प्रत्येक स्कूलों के लिए 15 हजार रुपए का आवंटन मिला है.

राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक देंगे ट्रेंनिंग : इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में बच्चियों को ताइक्वांडो, कराते जैसे स्किल में प्रशिक्षक पारंगत करेंगे. इस ट्रेनिंग के लिए मापदंडों पर खरा उतरने वाले राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर कराते, ताइक्वांडो में पुरस्कार प्राप्त युवाओं को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.जिससे उन्हें कुछ महीनों के लिए आमदनी भी होती है.

Girls learn self defense techniques
पढ़ाई के साथ आत्मरक्षा का गुर सिखने का मौका (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाना क्यों है जरुरी : स्कूल आने वाली छात्राओं को कई बार ईव टीजिंग का शिकार होना पड़ता है. लड़कियों के प्रति होने वाले अपराध भी बढ़ रहे हैं. जानकार बताते हैं कि अधिकांश छात्राएं अपने खिलाफ हो रही टीजिंग का विरोध नहीं करती.इसी वजह से सामने वालों का मनोबल बढ़ता है. समस्या यहां तक आ जाती है कि कई बालिकाएं स्कूल छोड़ देती हैं.


खासतौर पर कोरबा जैसे वनांचल एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइमरी तक बालिकाओं को गांव में ही शिक्षा मिल जाती है. लेकिन मिडिल और इससे आगे की पढ़ाई के लिए वाले गांव से बाहर जाना पड़ता है. इसके लिए शासन ने बालिकाओं को साइकिल भी उपलब्ध कराया है. लेकिन लेमरू, देवपहरी, अजगरबहार, मोरगा जैसे इलाकों में हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल 10 से 15 किलोमीटर दूर हैं. ऐसी जगहों पर छुट्टी होने तक शाम हो जाती है.जिसके कारण स्कूल की बच्चियों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित रहते हैं.



समस्याओं से निपटने के लिए आत्मरक्षा की ट्रेनिंग : इन समस्याओं को देखते हुए बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने बालिकाओं में स्वयं की सुरक्षा के प्रति आत्मविश्वास जागृत करने के उद्देश्य से योग्य प्रशिक्षक से प्रशिक्षण दिलाने की योजना लाई. राज्य सरकार से आवंटित राशि स्कूल प्रबंधन को दी जाएगी. जल्द ही प्रशिक्षक नियुक्त कर प्रशिक्षण शुरू कराने के आदेश हैं. प्रत्येक स्कूल में एक पीरियड खेल का होता है. इसी दौरान बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक मिडिल और हाई स्कूलों के लिए शासन स्तर से 15-15 हजार रुपये का आवंटन मिला है.

स्कूलों को राशि दी गई है. दिसंबर तक योग्य प्रशिक्षक नियुक्त कर बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य यही है कि बालिकाएं विपरीत परिस्थितियों में आत्मरक्षा के लिए तत्पर रहे -तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय,जिला शिक्षा अधिकारी



प्रशिक्षण के साथ मोटीवेशन क्लासेस : शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं को आत्मरक्षा के साथ विपरीत परिस्थितियों में सुरक्षित रहने के उपायों की भी जानकारी दी जाएगी. इसके लिए मोटीवेशनल क्लासेस भी होंगे. इस दौरान उन्हे संगठित रहना, घर से स्कूल के लिए अकेले के बजाए समूह में जाना. स्वजन और पुलिस का मोबाइल नंबर अपने पास रखना, बिना जानकारी दिए बाहर ना जाना, असुरक्षित होने पर सहयोग के लिए शोर मचाना, गुड एवं बैड टच की भी जानकारी दी जाएगी. स्कूल, कॉलेज में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना, एनएसस जैसे गतिविधियों में शामिल होने के साथ ही जो लड़कियां सेना या पुलिस में भर्ती की इच्छुक हैं. उन्हें भी बेहतर तैयारी का अवसर मिलेगा. खेल और खेल शिक्षक के तौर पर करियर की चाह रखने वाली बच्चियों के लिए भी यह एक बेहतर मौका होगा.

दुर्ग में एसीबी का तगड़ा एक्शन, प्रधान आरक्षक गिरफ्तार

रिश्वत लेते पकड़े गए एसईसीएल के दो अधिकारी, एसीबी की बड़ी कार्रवाई

जीपीएम में एसीबी की रेड, मनरेगा लोकपाल 25000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार

कोरबा : बालिकाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए स्कूलों में बच्चियों को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण दिया जाएगा. कोरबा जिले में आगामी तीन माह तक 513 मिडिल, 293 हाई एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में ये कार्यक्रम चलाए जाएंगे. दिसंबर से फरवरी के बीच तीन माह तक संचालित इस कार्यक्रम में इस साल 47 हजार 205 बालिकाओं को ट्रेनिंग मिलेगी. इसके लिए राज्य शासन से प्रत्येक स्कूलों के लिए 15 हजार रुपए का आवंटन मिला है.

राष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षक देंगे ट्रेंनिंग : इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में बच्चियों को ताइक्वांडो, कराते जैसे स्किल में प्रशिक्षक पारंगत करेंगे. इस ट्रेनिंग के लिए मापदंडों पर खरा उतरने वाले राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर कराते, ताइक्वांडो में पुरस्कार प्राप्त युवाओं को प्रशिक्षण देने की जिम्मेदारी सौंपी गई है.जिससे उन्हें कुछ महीनों के लिए आमदनी भी होती है.

Girls learn self defense techniques
पढ़ाई के साथ आत्मरक्षा का गुर सिखने का मौका (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

बच्चियों को आत्मनिर्भर बनाना क्यों है जरुरी : स्कूल आने वाली छात्राओं को कई बार ईव टीजिंग का शिकार होना पड़ता है. लड़कियों के प्रति होने वाले अपराध भी बढ़ रहे हैं. जानकार बताते हैं कि अधिकांश छात्राएं अपने खिलाफ हो रही टीजिंग का विरोध नहीं करती.इसी वजह से सामने वालों का मनोबल बढ़ता है. समस्या यहां तक आ जाती है कि कई बालिकाएं स्कूल छोड़ देती हैं.


खासतौर पर कोरबा जैसे वनांचल एवं ग्रामीण क्षेत्रों में प्राइमरी तक बालिकाओं को गांव में ही शिक्षा मिल जाती है. लेकिन मिडिल और इससे आगे की पढ़ाई के लिए वाले गांव से बाहर जाना पड़ता है. इसके लिए शासन ने बालिकाओं को साइकिल भी उपलब्ध कराया है. लेकिन लेमरू, देवपहरी, अजगरबहार, मोरगा जैसे इलाकों में हाई और हायर सेकेंडरी स्कूल 10 से 15 किलोमीटर दूर हैं. ऐसी जगहों पर छुट्टी होने तक शाम हो जाती है.जिसके कारण स्कूल की बच्चियों की सुरक्षा को लेकर अभिभावक चिंतित रहते हैं.



समस्याओं से निपटने के लिए आत्मरक्षा की ट्रेनिंग : इन समस्याओं को देखते हुए बालिकाओं की सुरक्षा को लेकर शिक्षा विभाग ने बालिकाओं में स्वयं की सुरक्षा के प्रति आत्मविश्वास जागृत करने के उद्देश्य से योग्य प्रशिक्षक से प्रशिक्षण दिलाने की योजना लाई. राज्य सरकार से आवंटित राशि स्कूल प्रबंधन को दी जाएगी. जल्द ही प्रशिक्षक नियुक्त कर प्रशिक्षण शुरू कराने के आदेश हैं. प्रत्येक स्कूल में एक पीरियड खेल का होता है. इसी दौरान बालिकाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा.
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय ने बताया कि रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक मिडिल और हाई स्कूलों के लिए शासन स्तर से 15-15 हजार रुपये का आवंटन मिला है.

स्कूलों को राशि दी गई है. दिसंबर तक योग्य प्रशिक्षक नियुक्त कर बालिकाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इस योजना का उद्देश्य यही है कि बालिकाएं विपरीत परिस्थितियों में आत्मरक्षा के लिए तत्पर रहे -तामेश्वर प्रसाद उपाध्याय,जिला शिक्षा अधिकारी



प्रशिक्षण के साथ मोटीवेशन क्लासेस : शिक्षा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार प्रशिक्षण के दौरान बालिकाओं को आत्मरक्षा के साथ विपरीत परिस्थितियों में सुरक्षित रहने के उपायों की भी जानकारी दी जाएगी. इसके लिए मोटीवेशनल क्लासेस भी होंगे. इस दौरान उन्हे संगठित रहना, घर से स्कूल के लिए अकेले के बजाए समूह में जाना. स्वजन और पुलिस का मोबाइल नंबर अपने पास रखना, बिना जानकारी दिए बाहर ना जाना, असुरक्षित होने पर सहयोग के लिए शोर मचाना, गुड एवं बैड टच की भी जानकारी दी जाएगी. स्कूल, कॉलेज में संचालित राष्ट्रीय सेवा योजना, एनएसस जैसे गतिविधियों में शामिल होने के साथ ही जो लड़कियां सेना या पुलिस में भर्ती की इच्छुक हैं. उन्हें भी बेहतर तैयारी का अवसर मिलेगा. खेल और खेल शिक्षक के तौर पर करियर की चाह रखने वाली बच्चियों के लिए भी यह एक बेहतर मौका होगा.

दुर्ग में एसीबी का तगड़ा एक्शन, प्रधान आरक्षक गिरफ्तार

रिश्वत लेते पकड़े गए एसईसीएल के दो अधिकारी, एसीबी की बड़ी कार्रवाई

जीपीएम में एसीबी की रेड, मनरेगा लोकपाल 25000 की रिश्वत लेते गिरफ्तार

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.