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स्कूल-कॉलेज बंद होने से स्टेशनरी बिजनेस ठप ! - Stationary business affected due to corona

कोरोना संक्रमण दौर के बाद से स्टेशनरी, बुक डिपो और लाइब्रेरी के हालात खराब हैं. बुक डिपो संचालकों का कहना है कि स्टेशनरी व्यापार में 60% की गिरावट दर्ज की गई है.

Stationary business affected
किताबों की बिक्री हुई कम
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Published : Jan 20, 2021, 8:44 PM IST

रायपुर: कोरोना संक्रमण दौर के बाद धीरे-धीरे सभी सेक्टरों में तेजी आ रही है. लेकिन स्कूल और शिक्षण संस्थान अब भी बंद स्थिति में हैं. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने अबतक स्कूल और कॉलेजों को खोलने की इजाजत नहीं दी है. इसके अलावा हजारों की संख्या में कोचिंग संस्थानों में भी ताले लटके हैं. जिसका सीधा असर बुक डिपो और स्टेशनरी की दुकान पर देखने को मिल रहा है. स्टेशनरी, बुक डिपो और लाइब्रेरी जैसे व्यापार की रौनक गायब हो गई है. बुक डिपो संचालकों का कहना है कि स्टेशनरी व्यापार में 60% की गिरावट दर्ज की गई है.

किताबों की बिक्री हुई कम

राजधानी रायपुर में लगभग 8 लाइब्रेरी हैं. जहां पर लोग प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ अन्य दूसरी पुस्तकें पढ़ा करते थे. लेकिन लाइब्रेरी के बंद हो जाने से लाइब्रेरी वीरान है. कोरोना की वजह से स्कूल कॉलेज और लाइब्रेरी मार्च महीने से बंद कर दी गई है. जिसका सीधा असर बुक डिपो और स्टेशनरी पर पड़ा है.

पढ़ें: कांकेर: रियासतकालीन मेला रद्द होने से व्यापारियों को भारी नुकसान

कम हुई किताबों की मांग

राजधानी के बुक डिपो और स्टेशनरी के संचालकों से ETV भारत ने बात की है. उन्होंने बताया कि उनकी दुकानों पर लोग बुक खरीदने कम आते हैं, बल्कि लोग घर पर पड़ी पुरानी और रद्दी किताबों को बेचने के लिए स्टेशनरी पहुंच रहे हैं. कोरोना की वजह से सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बच्चे ऑनलाइन क्लास ज्वाइन कर रहे हैं. ऐसे में इन्हें स्टेशनरी और बुक्स की जरूरत कम पड़ती है.

किताब की बिक्री हुई कम

स्टेशनरी और बुक डिपो के संचालकों ने बताया कि पीएससी-यूपीएससी और असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षाओं के लिए कुछ लोगों बुक जरूर खरीदे रहे हैं. लेकिन सामान्य दिनों की तुलना में इन किताबों की खरीदी कम हुई है. क्योंकि सरकार ने अधिकांश परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. जिसका असर स्टेशनरी और बुक डिपो पर पड़ा है.

पढ़ें: रायपुर: लॉकडाउन के बाद पहले जूट मेले का आयोजन, व्यापारियों में जगी उम्मीदें

राजधानी में लगभग 200 स्टेशनरी और बुक डिपो

राजधानी रायपुर की बात की जाए तो पूरे शहर में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 200 स्टेशनरी और बुक डिपो होंगे. लेकिन पिछले 10 महीनों से ग्राहक यहां नहीं पहुंच रहे हैं. बच्चे ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. जिसके कारण किताब और स्टेशनरी के सामान में गिरावट आई है.

पढ़ें: रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कुंभ मेले को लेकर दिये दिशा-निर्देश

स्कूल-कॉलेज खुलने का इंतजार

स्टेशनरी और बुक डिपो के संचालक सिर्फ और सिर्फ इसी इंतजार में बैठे हैं कि कब स्कूल कॉलेज खुलें. लोग स्टेशनरी और बुक डिपो में बुक्स और स्टेशनरी के सामान की खरीदी करें. जिससे इनके नुकसान की भरपाई हो सके और इनका व्यापार भी सामान्य दिनों की तरह फिर से पटरी पर आ जाए.

रायपुर: कोरोना संक्रमण दौर के बाद धीरे-धीरे सभी सेक्टरों में तेजी आ रही है. लेकिन स्कूल और शिक्षण संस्थान अब भी बंद स्थिति में हैं. छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ने अबतक स्कूल और कॉलेजों को खोलने की इजाजत नहीं दी है. इसके अलावा हजारों की संख्या में कोचिंग संस्थानों में भी ताले लटके हैं. जिसका सीधा असर बुक डिपो और स्टेशनरी की दुकान पर देखने को मिल रहा है. स्टेशनरी, बुक डिपो और लाइब्रेरी जैसे व्यापार की रौनक गायब हो गई है. बुक डिपो संचालकों का कहना है कि स्टेशनरी व्यापार में 60% की गिरावट दर्ज की गई है.

किताबों की बिक्री हुई कम

राजधानी रायपुर में लगभग 8 लाइब्रेरी हैं. जहां पर लोग प्रतियोगी परीक्षाओं के साथ अन्य दूसरी पुस्तकें पढ़ा करते थे. लेकिन लाइब्रेरी के बंद हो जाने से लाइब्रेरी वीरान है. कोरोना की वजह से स्कूल कॉलेज और लाइब्रेरी मार्च महीने से बंद कर दी गई है. जिसका सीधा असर बुक डिपो और स्टेशनरी पर पड़ा है.

पढ़ें: कांकेर: रियासतकालीन मेला रद्द होने से व्यापारियों को भारी नुकसान

कम हुई किताबों की मांग

राजधानी के बुक डिपो और स्टेशनरी के संचालकों से ETV भारत ने बात की है. उन्होंने बताया कि उनकी दुकानों पर लोग बुक खरीदने कम आते हैं, बल्कि लोग घर पर पड़ी पुरानी और रद्दी किताबों को बेचने के लिए स्टेशनरी पहुंच रहे हैं. कोरोना की वजह से सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक बच्चे ऑनलाइन क्लास ज्वाइन कर रहे हैं. ऐसे में इन्हें स्टेशनरी और बुक्स की जरूरत कम पड़ती है.

किताब की बिक्री हुई कम

स्टेशनरी और बुक डिपो के संचालकों ने बताया कि पीएससी-यूपीएससी और असिस्टेंट प्रोफेसर की भर्ती परीक्षाओं के लिए कुछ लोगों बुक जरूर खरीदे रहे हैं. लेकिन सामान्य दिनों की तुलना में इन किताबों की खरीदी कम हुई है. क्योंकि सरकार ने अधिकांश परीक्षाओं को रद्द कर दिया है. जिसका असर स्टेशनरी और बुक डिपो पर पड़ा है.

पढ़ें: रायपुर: लॉकडाउन के बाद पहले जूट मेले का आयोजन, व्यापारियों में जगी उम्मीदें

राजधानी में लगभग 200 स्टेशनरी और बुक डिपो

राजधानी रायपुर की बात की जाए तो पूरे शहर में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 200 स्टेशनरी और बुक डिपो होंगे. लेकिन पिछले 10 महीनों से ग्राहक यहां नहीं पहुंच रहे हैं. बच्चे ऑनलाइन क्लास के माध्यम से अपनी पढ़ाई कर रहे हैं. जिसके कारण किताब और स्टेशनरी के सामान में गिरावट आई है.

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स्कूल-कॉलेज खुलने का इंतजार

स्टेशनरी और बुक डिपो के संचालक सिर्फ और सिर्फ इसी इंतजार में बैठे हैं कि कब स्कूल कॉलेज खुलें. लोग स्टेशनरी और बुक डिपो में बुक्स और स्टेशनरी के सामान की खरीदी करें. जिससे इनके नुकसान की भरपाई हो सके और इनका व्यापार भी सामान्य दिनों की तरह फिर से पटरी पर आ जाए.

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