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रायपुर: महिला आयोग ने की 38 मामलों की सुनवाई, आधे से ज्यादा का हुआ निराकरण

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Published : Oct 30, 2020, 1:26 PM IST

रायपुर में छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने गुरुवार को महिलाओं के उत्पीड़न से संबंधित 38 केस की सुनवाई की, जिनमें से आधे से ज्यादा मामलों का निराकरण हुआ, जबकि बाकी बचे प्रकरणों को आगामी सुनवाई के लिए आयोग में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए.

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महिला आयोग ने की 38 प्रकरण की सुनवाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने गुरुवार को रायपुर के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की. इनमें से एक प्रकरण में बिना तलाक लिए दूसरी शादी का मामला सामने आया है, जिसमें आवेदिका ने अपने पति पर दूसरी महिला के साथ शादी करके उसके साथ में रहने की शिकायत की है.

आवेदिका ने साक्ष्य के रूप में शिकायत पत्र के साथ सम्पत्ति विक्रय विलेख का फोटो कॉपी अटैच किया है. इस केस में अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि पत्नी से बिना तलाक लिए दूसरी शादी करना गैरकानूनी है. समाज में किसी भी रूप में यह मान्य किए जाने योग्य नहीं है. केस में यह स्पष्ट है कि अनावेदक ने पहली पत्नी से बिना तलाक लिए दूसरी शादी की है, क्योंकि उभय पक्ष की दो संतान भी है, जिसका भविष्य इससे प्रभावित हुआ है, जबकि लिव इन में या पत्नी के रूप में रहने वाली दूसरी महिला की भूमिका भी संदिग्ध है.

अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश

अध्यक्ष ने उभय पक्षों को निर्देशित किया कि आगामी तिथि में आवेदिका अपने दोनों नाबालिग बच्चों और अनावेदक दूसरी पत्नी को लेकर आवश्यक रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित हो. इसी तरह एक प्रकरण में आवेदिका को बहू द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत पर दोनों पक्षों को बुलाया गया. दोनों पक्ष उपस्थित हुए, जिसमें अनावेदक आवेदिका का मकान खाली करने के लिए तैयार है. अनावेदक पुलिस की उपस्थिति में आवेदिका का मकान खाली करने की सूचना थाना प्रभारी राजेन्द्र को देंगे. फिर उनके सामने अपना सामान निकालकर ले जाएंगे, ताकि आवेदिका को कोई परेशानी न हो.

मां की बीमारी बताकर अनुपस्थित रहे अनावेदक

एक केस में अनावेदक आयोग की सुनवाई की सूचना मिलने और अपनी मां की बीमारी बताकर अनुपस्थित रहे, जिस पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने निर्देश जारी करते हुए आगामी सुनवाई यानी 10 नवंबर को उपस्थित होने को कहा है. अध्यक्ष किरणमयी नायक ने अनावेदक को आवेदिका के समस्त दस्तावेज, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मैरिज सर्टिफिकेट, बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, सर्विस पास बुक और जमीन के कागजात को लेकर थाने के माध्यम से उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

अनावेदक का भतीजा और अनावेदक ने की आयोग को गुमराह करने की कोशिश

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के शिकायत को लेकर अनावेदक के भतीजे और अनावेदक ने आयोग को गुमराह करने की कोशिश की. इस प्रकरण में कहा गया कि अनावेदक घर से गायब है और वह आवेदिका को नहीं पहचानता. जबकि बीते 28 अक्टूबर को आयोग की पेशी में अनावेदक का भतीजा अनावेदक के साथ उपस्थित था.

पढ़ें: राजनांदगांव: महिला उत्पीड़न के 15 मामलों की सुनवाई, 8 का हुआ निराकरण

गुरुवार को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अनावेदक की उपस्थिति होकर झूठी जानकारी देने और आवेदिका के हक से इंकार करने की कोशिश करने का झूठा और धोखाधड़ी का मामला आयोग के न्यायालीन क्षेत्राधिकार में सामने आया है. इस पर रायपुर के तेलीबांधा थाना प्रभारी को बुलाकर कर अनावदेक के खिलाफ धारा 420 का अपराध दर्ज कर कस्टडी में लेने के निर्देश दिए गए हैं.


घरेलू हिंसा का मामला आया सामने

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को अनावेदक द्वारा घरेलू हिंसा और प्रताड़ित करने का मामला आयोग के समक्ष आया. इस प्रकरण मे दोनों पक्षों को बुलाकर समझाइश दिया गया. इसके बाद अनावेदक आयोग से ही आवेदिका के घर जाकर आवेदिका का साथ लिखाकर ले जाने को तैयार है. साथ ही पत्नि को पूरे अधिकार और सम्मान के अपने साथ रखने को तैयार है.

पढ़ें: बिलासपुर: पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से नोटिस


गुरुवार को रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की गई. कुछ प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थिति नहीं होने पर अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है. आयोग ने पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना और घरेलू हिंसा से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की.

कोविड के गाइड लाइन का किया गया पालन

सुनवाई के दौरान कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का पालन किया गया. सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. साथ ही सैनिटाइजर की व्यवस्था करते हुए और अन्य आवश्यक उपबंध करते हुए सुनवाई की गई.

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने गुरुवार को रायपुर के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की. इनमें से एक प्रकरण में बिना तलाक लिए दूसरी शादी का मामला सामने आया है, जिसमें आवेदिका ने अपने पति पर दूसरी महिला के साथ शादी करके उसके साथ में रहने की शिकायत की है.

आवेदिका ने साक्ष्य के रूप में शिकायत पत्र के साथ सम्पत्ति विक्रय विलेख का फोटो कॉपी अटैच किया है. इस केस में अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कहा कि पत्नी से बिना तलाक लिए दूसरी शादी करना गैरकानूनी है. समाज में किसी भी रूप में यह मान्य किए जाने योग्य नहीं है. केस में यह स्पष्ट है कि अनावेदक ने पहली पत्नी से बिना तलाक लिए दूसरी शादी की है, क्योंकि उभय पक्ष की दो संतान भी है, जिसका भविष्य इससे प्रभावित हुआ है, जबकि लिव इन में या पत्नी के रूप में रहने वाली दूसरी महिला की भूमिका भी संदिग्ध है.

अगली सुनवाई में उपस्थित होने का निर्देश

अध्यक्ष ने उभय पक्षों को निर्देशित किया कि आगामी तिथि में आवेदिका अपने दोनों नाबालिग बच्चों और अनावेदक दूसरी पत्नी को लेकर आवश्यक रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित हो. इसी तरह एक प्रकरण में आवेदिका को बहू द्वारा प्रताड़ित करने की शिकायत पर दोनों पक्षों को बुलाया गया. दोनों पक्ष उपस्थित हुए, जिसमें अनावेदक आवेदिका का मकान खाली करने के लिए तैयार है. अनावेदक पुलिस की उपस्थिति में आवेदिका का मकान खाली करने की सूचना थाना प्रभारी राजेन्द्र को देंगे. फिर उनके सामने अपना सामान निकालकर ले जाएंगे, ताकि आवेदिका को कोई परेशानी न हो.

मां की बीमारी बताकर अनुपस्थित रहे अनावेदक

एक केस में अनावेदक आयोग की सुनवाई की सूचना मिलने और अपनी मां की बीमारी बताकर अनुपस्थित रहे, जिस पर छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग अध्यक्ष ने निर्देश जारी करते हुए आगामी सुनवाई यानी 10 नवंबर को उपस्थित होने को कहा है. अध्यक्ष किरणमयी नायक ने अनावेदक को आवेदिका के समस्त दस्तावेज, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, मैरिज सर्टिफिकेट, बच्ची का जन्म प्रमाण पत्र, बैंक पासबुक, सर्विस पास बुक और जमीन के कागजात को लेकर थाने के माध्यम से उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

अनावेदक का भतीजा और अनावेदक ने की आयोग को गुमराह करने की कोशिश

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका के शिकायत को लेकर अनावेदक के भतीजे और अनावेदक ने आयोग को गुमराह करने की कोशिश की. इस प्रकरण में कहा गया कि अनावेदक घर से गायब है और वह आवेदिका को नहीं पहचानता. जबकि बीते 28 अक्टूबर को आयोग की पेशी में अनावेदक का भतीजा अनावेदक के साथ उपस्थित था.

पढ़ें: राजनांदगांव: महिला उत्पीड़न के 15 मामलों की सुनवाई, 8 का हुआ निराकरण

गुरुवार को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर अनावेदक की उपस्थिति होकर झूठी जानकारी देने और आवेदिका के हक से इंकार करने की कोशिश करने का झूठा और धोखाधड़ी का मामला आयोग के न्यायालीन क्षेत्राधिकार में सामने आया है. इस पर रायपुर के तेलीबांधा थाना प्रभारी को बुलाकर कर अनावदेक के खिलाफ धारा 420 का अपराध दर्ज कर कस्टडी में लेने के निर्देश दिए गए हैं.


घरेलू हिंसा का मामला आया सामने

एक अन्य प्रकरण में आवेदिका को अनावेदक द्वारा घरेलू हिंसा और प्रताड़ित करने का मामला आयोग के समक्ष आया. इस प्रकरण मे दोनों पक्षों को बुलाकर समझाइश दिया गया. इसके बाद अनावेदक आयोग से ही आवेदिका के घर जाकर आवेदिका का साथ लिखाकर ले जाने को तैयार है. साथ ही पत्नि को पूरे अधिकार और सम्मान के अपने साथ रखने को तैयार है.

पढ़ें: बिलासपुर: पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला को हाईकोर्ट से नोटिस


गुरुवार को रायपुर जिले के पंजीकृत प्रकरणों की सुनवाई की गई. कुछ प्रकरणों में पक्षकार के उपस्थिति नहीं होने पर अगली सुनवाई की तिथि निर्धारित की गई है. आयोग ने पति-पत्नी विवाद, दैहिक शोषण, मारपीट, प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, कार्यस्थल पर प्रताड़ना और घरेलू हिंसा से संबंधित प्रकरणों की सुनवाई की.

कोविड के गाइड लाइन का किया गया पालन

सुनवाई के दौरान कोरोना संक्रमण के रोकथाम के लिए राज्य शासन द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देशों का पालन किया गया. सुनवाई के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. साथ ही सैनिटाइजर की व्यवस्था करते हुए और अन्य आवश्यक उपबंध करते हुए सुनवाई की गई.

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