रायपुर: दीनदयाल अंत्योदय योजना के अंतर्गत गठित राज्य स्तरीय आश्रय स्थल निगरानी समिति की बैठक आयोजित की गई. समिति के अध्यक्ष सुयोग्य कुमार मिश्रा की उपस्थिति में बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में उन्होंने कोरोना काल में शहरी बेघरों की वास्तविक स्थिति के बारे में पता करने नगरीय निकायों को सर्वेक्षण करने के निर्देश दिए.
शहरी बेघर नीति-2020 पर चर्चा
दरअसल रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के सभाकक्ष में आयोजित निगरानी समिति की छठवी बैठक में छत्तीसगढ़ शहरी बेघर नीति-2020 पर चर्चा की गई. इसके साथ ही पिछली बैठक में समिति के निर्देशों के परिपालन में की गई कारर्वाई पर भी विस्तृत जानकारी दी गई.बैठक में इस बात की जानकारी दी गई कि राज्य में 51 आश्रय स्थल स्वीकृत है, जिनमें से 24 आश्रय स्थल वर्तमान में संचालित है और 15 आश्रय स्थलों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में हैं. इस बात की भी जानकारी दी गई कि रायपुर नगर निगम के अंतर्गत 80 बिस्तरों वाला आश्रय स्थल पंडरी बस स्टैंड के पास और 50 सीटर आश्रयस्थल भीमराव अम्बेडकर वार्ड मोवा में संचालित है. इसी तरह धमतरी, बलौदाबाजार, दुर्ग, कवर्धा, भिलाई, बेमेतरा, राजनांदगांव, बालोद, जगदलपुर, बीजापुर, कोण्डागांव, कांकेर, रायगढ़, अम्बिकापुर, सूरजपुर, जशपुर, नारायणपुर, सारंगढ़ में आश्रय स्थल संचालित किए जा रहे हैं.
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योजना का लाभ ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य
समिति के अध्यक्ष एवं सेवानिवृत्त मुख्य सचिव मिश्रा ने कहा कि बेघरों के लिए बनने वाले आश्रय स्थल हर जरूरतमंद के लिए उपयोगी होना चाहिए. नगरीय निकायों का इस बात का ध्यान रखना है कि योजना का लाभ सभी को मिल सकें. योजना के तहत आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार की तरफ से आश्रय स्थल बनाकर बेघर व्यक्तियों और परिवारों को निश्चित समयावधि के लिए ठहराने की व्यवस्था की जाती है. बैठक में समिति के सदस्य गौतम बंदोपाध्याय, रायपुर नगर पालिक निगम आयुक्त सौरभ कुमार, शहरी विकास अभिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सौमिल रंजन चौबे, उपमुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेंद्र कुमार दोहरे, परियोजना अधिकारी मिथलेश अवस्थी भी मौजूद रहे.