रायपुर: छत्तीसगढ़ में संचालित महतारी दुलार योजना के तहत अब प्राइवेट स्कूल (Private schools) में पढ़ रहे बच्चों की स्कूल फीस भी राज्य शासन चुकाएगी. इसकी घोषणा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने की है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 'हमारे कई बच्चों ने कोरोना काल में अपनों को खो दिया है. हम अपने बच्चों की पढ़ाई नहीं रुकने देंगे'. इसके साथ ही प्राइवेट स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की फीस भी राज्य सरकार द्वारा चुकाने की जानकारी उन्होंने दी है.
मुफ्त शिक्षा के साथ ही हर माह दी जाएगी स्कॉलरशिप
'महतारी दुलार योजना' के अंतर्गत जो बच्चे स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के लिए आयु संबंधी पात्रता रखते हैं, उन्हें कक्षा पहली से बारहवीं तक की मुफ्त शिक्षा दी जाएगी, साथ ही इस योजना के तहत पात्र स्कूलों में प्रवेशित छात्रों को हर महीने छात्रवृत्ति (scholarship) भी मिलेगी. शासन हर माह कक्षा पहली से आठवीं तक के छात्रों को 500 रुपए और कक्षा नवमी से बारहवीं तक के छात्रों को 1000 रुपए की राशि छात्रवृत्ति के तौर पर देगी.
कोरोना में माता पिता को खो चुके बच्चों की पढ़ाई का जिम्मा उठाएगी छत्तीसगढ़ सरकार
आगामी शिक्षण सत्र से शुरू होगा योजना का क्रियान्वयन
'छत्तीसगढ़ महतारी दुलार योजना-2021' की शुरुआत शैक्षणिक सत्र 2021-22 से होगी. इस योजना के अंतर्गत लाभार्थी को छत्तीसगढ़ का निवासी होना अनिवार्य होगा. पात्र बच्चों को प्रदेश के शासकीय स्कूलों में नि:शुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. इन बच्चों को प्रदेश के शासकीय अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में प्रवेश की प्राथमिकता दी जाएगी. पात्र छात्रों को स्कूली शिक्षा के बाद भी उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन दिया जाएगा. छत्तीसगढ़ शासन प्रतिभावान छात्रों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए कोचिंग की भी सुविधा उपलब्ध कराएगी. इस योजना का लाभ लेने के लिए छात्र खुद या उनके अभिभावक जिला शिक्षा अधिकारी को सीधे आवेदन कर सकते हैं.
इन बच्चों को मिलेगा 'महतारी दुलार योजना' का लाभ, ऐसे करना होगा आवेदन
100 बच्चों को मिलेगा योजना का फायदा
महतारी दुलार योजना के लिए शिक्षा विभाग (education Department) को नोडल विभाग बनाया गया है. इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग (Health Department) और समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department) उनकी मदद करेगा. सर्वे में महासमुंद जिले में 349 लोगों में से 55 परिवार ऐसे मिले, जिनके परिवार से कमाने वाले माता या पिता या दोनों की मृत्यु करोना से हो गई है. ऐसे 100 बच्चों को इस योजना के तहत मुफ्त शिक्षा, (free education) 1 से 8वीं तक के बच्चे को हर महीने 500 रुपये और 9वीं से 12वीं तक के बच्चों को 1 हजार रुपये हर महीने स्कॉलरशिप मिलेगी. स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल (swami atmanand english medium school) में प्रवेश में प्राथमिकता भी मिलेगी.
बच्चों को दिया जाएगा प्रशिक्षण
शिक्षा विभाग के सहायक संचालक का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग लिस्ट तैयार कर रहा है. सर्वे कर अनाथ बच्चों की लिस्ट भी तैयार की जा रही है. इससे बच्चों को पढ़ाई में कोई दिक्कत नहीं आ पाएगी. साथ ही आने वाले समय में संख्या में बढ़ोतरी भी हो सकती है. किसी घर में एक या एक से ज्यादा बच्चे भी हैं, तो सभी की पढ़ाई और स्कॉलरशिप मुहैया कराई जाएगी. इस योजना के तहत प्रतिभावान छात्रों को व्यावसायिक पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए प्रशिक्षण, कोचिंग की सुविधा (coaching facilities) भी उपलब्ध कराई जाएगी. साथ ही स्कूल शिक्षा के बाद उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाएगा.