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जंगल सफारी में बना प्रदेश का पहला स्नैक पार्क, कई प्रजातियों के रखे गए सांप - Snake Park in Jungle Safari

एशिया के मानव निर्मित सबसे बड़े जंगल सफारी में चेन्नई के हिंदी राष्ट्रीय उद्यान की तर्ज पर स्नेक पार्क बनाया गया है. स्नेक पार्क में अलग-अलग 10 प्रजातियों के सांपों को रखने के लिए 10 बड़े बनाए गए हैं.

जंगल सफारी
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Published : Apr 18, 2022, 8:54 AM IST

रायपुर: एशिया के मानव निर्मित सबसे बड़े जंगल सफारी में चेन्नई के हिंदी राष्ट्रीय उद्यान की तर्ज पर स्नेक पार्क बनाया गया है. स्नेक पार्क में अलग-अलग 10 प्रजातियों के सांपों को रखने के लिए 10 बड़े बनाए गए हैं. इसमें देसी के साथ विदेशी प्रजाति के बेहद खतरनाक प्रजाति के विषैले सांपों को रखने की व्यवस्था की गई है. सांप को आम पर्यटक पारदर्शी कांच की दीवार से देख सकते हैं.

यह भी पढ़ें: रायपुर जंगल सफारी में बनेगा पक्षी विहार: नेशनल जू अथॉरिटी से सफारी प्रबंधन को मिली हरी झंडी

बता दें कि छत्तीसगढ़ के किसी जू में इस तरह का पहला स्नेक पार्क है, जहां सफारी में अलग से सांपों के लिए बाड़े बनाए गए हैं. जंगल सफारी के अधिकारियों के मुताबिक बाड़ा निर्माण का कार्य वर्ष 2020 में शुरू किया गया था. नए बाड़े का उद्घाटन वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर करेंगे. उद्घाटन के बाद स्नेक पार्क को आम दर्शकों के लिए खोला जाएगा. स्नेक पार्क बनाने का प्रमुख उद्देश्य लोगों के मन में सांपों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने और विलुप्त प्रजाति के सांपों की संरक्षण संवर्धन के लिए प्रेरित करना है.

सांपों के लिए बनाया प्राकृतिक रहवास: सांपों को प्राकृतिक माहौल देने बाड़ो का निर्माण इस तरह किया गया है. जिससे उन्हें प्राकृतिक निवास जैसा ही माहौल मिले. इसके साथ ही सांपों के लिए तैयार बांबी को मिट्टी और लकड़ी से तैयार किया गया है. जमीन गीली रहे इसके लिए मिट्टी के ऊपर रेत डाली गई है. साथ ही रेत और मिट्टी में नमी बनाए रखने ड्रिप स्प्रिंकलर की व्यवस्था की गई है.

स्वयं के शिकार का करते हैं भक्षण: सभी तरह के सांप की एक खास विशेषता होती है. वे कभी भी पहले से मरे हुए की कीट या जीव का भक्षण नहीं करते. सांप अपने द्वारा शिकार किए गए जीव, कीट का ही भक्षण करते हैं. ज्यादातर सांप, मेंढक और चूहे का शिकार कर खाते हैं. इसलिए स्नेक पार्क में सांपों के आहार के अनुरूप जिंदा चूहा और मेंढक दिए जाते हैं. चूहे और मेढ़क उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में सांपों को मुर्गी का चूजा आहार में दिया जाता है. इसके साथ अजगर जैसे सांपों के लिए आहार में मुर्गे की व्यवस्था की जाती है.

इन प्रजातियों के सांप: पार्क में विशाल सर्प के रूप में अजगर पायथन है, जो पूर्व से ही जंगल सफारी में हैं. इसके अलावा कोबरा के साथ किंग कोबरा, कैट स्नेक, बैंबू वाइपर, इंडियन रेड स्नेक, कॉमन करैत सहित चिकल्ड किल स्नेक पार्क में रखे गए हैं. जंगल सफारी की संचालक एम मर्शिवेला ने बताया कि जंगल सफारी में स्नेक पार्क बनकर तैयार हो गया है. प्रबंधन द्वारा स्नेक पार्क के लिए 10 बाड़े का निर्माण किया गया है. सफारी में चेन्नई और कानन पेंडारी से सांपों को लाने की तैयारी की जा रही है. इससे पहले हमने कुछ सांप लाकर बाड़े में रख चुके हैं. कुछ और सांप लाने की तैयारी की जा रही है.

रायपुर: एशिया के मानव निर्मित सबसे बड़े जंगल सफारी में चेन्नई के हिंदी राष्ट्रीय उद्यान की तर्ज पर स्नेक पार्क बनाया गया है. स्नेक पार्क में अलग-अलग 10 प्रजातियों के सांपों को रखने के लिए 10 बड़े बनाए गए हैं. इसमें देसी के साथ विदेशी प्रजाति के बेहद खतरनाक प्रजाति के विषैले सांपों को रखने की व्यवस्था की गई है. सांप को आम पर्यटक पारदर्शी कांच की दीवार से देख सकते हैं.

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बता दें कि छत्तीसगढ़ के किसी जू में इस तरह का पहला स्नेक पार्क है, जहां सफारी में अलग से सांपों के लिए बाड़े बनाए गए हैं. जंगल सफारी के अधिकारियों के मुताबिक बाड़ा निर्माण का कार्य वर्ष 2020 में शुरू किया गया था. नए बाड़े का उद्घाटन वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री मोहम्मद अकबर करेंगे. उद्घाटन के बाद स्नेक पार्क को आम दर्शकों के लिए खोला जाएगा. स्नेक पार्क बनाने का प्रमुख उद्देश्य लोगों के मन में सांपों को लेकर फैली भ्रांतियों को दूर करने और विलुप्त प्रजाति के सांपों की संरक्षण संवर्धन के लिए प्रेरित करना है.

सांपों के लिए बनाया प्राकृतिक रहवास: सांपों को प्राकृतिक माहौल देने बाड़ो का निर्माण इस तरह किया गया है. जिससे उन्हें प्राकृतिक निवास जैसा ही माहौल मिले. इसके साथ ही सांपों के लिए तैयार बांबी को मिट्टी और लकड़ी से तैयार किया गया है. जमीन गीली रहे इसके लिए मिट्टी के ऊपर रेत डाली गई है. साथ ही रेत और मिट्टी में नमी बनाए रखने ड्रिप स्प्रिंकलर की व्यवस्था की गई है.

स्वयं के शिकार का करते हैं भक्षण: सभी तरह के सांप की एक खास विशेषता होती है. वे कभी भी पहले से मरे हुए की कीट या जीव का भक्षण नहीं करते. सांप अपने द्वारा शिकार किए गए जीव, कीट का ही भक्षण करते हैं. ज्यादातर सांप, मेंढक और चूहे का शिकार कर खाते हैं. इसलिए स्नेक पार्क में सांपों के आहार के अनुरूप जिंदा चूहा और मेंढक दिए जाते हैं. चूहे और मेढ़क उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में सांपों को मुर्गी का चूजा आहार में दिया जाता है. इसके साथ अजगर जैसे सांपों के लिए आहार में मुर्गे की व्यवस्था की जाती है.

इन प्रजातियों के सांप: पार्क में विशाल सर्प के रूप में अजगर पायथन है, जो पूर्व से ही जंगल सफारी में हैं. इसके अलावा कोबरा के साथ किंग कोबरा, कैट स्नेक, बैंबू वाइपर, इंडियन रेड स्नेक, कॉमन करैत सहित चिकल्ड किल स्नेक पार्क में रखे गए हैं. जंगल सफारी की संचालक एम मर्शिवेला ने बताया कि जंगल सफारी में स्नेक पार्क बनकर तैयार हो गया है. प्रबंधन द्वारा स्नेक पार्क के लिए 10 बाड़े का निर्माण किया गया है. सफारी में चेन्नई और कानन पेंडारी से सांपों को लाने की तैयारी की जा रही है. इससे पहले हमने कुछ सांप लाकर बाड़े में रख चुके हैं. कुछ और सांप लाने की तैयारी की जा रही है.

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