रायपुर : कांग्रेस द्वारा विधानसभा चुनाव के पहले की गई 36 घोषणाओं का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है. जहां एक ओर कांग्रेस का दावा है कि उन्होंने तीन साल में 36 में से 34 वादे पूरे कर लिये हैं. वहीं विपक्ष लगातार इन दावों को लेकर सरकार पर सवाल उठा रहा है. कुछ दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह (Former Chief Minister Raman Singh) ने ईटीवी भारत से चर्चा के दौरान 36 में से 4 वादे भी पूरे न किए जाने की बात कही थी.
रायपुर जिला भाजपा अध्यक्ष ने कांग्रेस को दिया खुला चैलेंज
वहीं अब पूर्व विधायक एवं भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी (Srichand Sundrani) ने ईटीवी भारत के सामने एक बड़ा बयान देकर सभी को चौंका दिया है. उन्होंने कांग्रेस को चैलेंज करते हुए कहा है कि यदि कांग्रेस सरकार ने 36 में से पूरे किए 10 वादे भी गिना दिए तो वे राजनीति से सन्यास ले लेंगे. वहीं कांग्रेस ने पूर्व विधायक के इस चैलेंज को स्वीकार कर लिया है. ईटीवी भारत से खास बातचीत के दौरान पूर्व विधायक एवं भाजपा जिला अध्यक्ष श्रीचंद सुंदरानी ने कहा कि आज प्रदेश में चरस, अफीम और गांजा सहित अन्य प्रकार के नशे का कारोबार फल-फूल रहे हैं. कानून व्यवस्था बिगड़ रही है, जो 36 वादे इन्होंने किए थे उसमें से 35 वादे पूरे नहीं किए गए हैं.
कोई भी नेता कर लें डिस्कशन
सुंदरानी ने कहा कि मेरे साथ सीएम सहित कोई भी कांग्रेसी नेता वन-टू-वन करने डिस्कशन पर आमने-सामने बैठें, मैं बहस करने को तैयार हूं. अगर वे 10 वादे गिना देंगे, जिन्हें पूरा किया गया तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा या फिर वह राजनीति छोड़ दें.
कांग्रेस का दावा-किसी प्रवक्ता का नाम तय कर लें, वह डिबेट को तैयार
वहीं कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने सुंदरानी के इस चैलेंज को स्वीकार किया है. शुक्ला ने कहा कि मुख्यमंत्री से डिबेट करने की बात तो दूर सुंदरानी कांग्रेस के किसी भी प्रवक्ता का नाम बता दें, जिसके साथ में डिबेट करने में उन्हें सुविधा हो. अपनी सुविधानुसार प्रवक्ता चयन करें, वह प्रवक्ता उनके साथ डिबेट करने के लिए तैयार है.
हमने 36 में से 34 वादे किये पूरे : सुशील
सुशील आनंद शुक्ला (Sushil Anand Shukla) ने कहा कि हमारी सरकार ने 36 में से 34 वादे पूरे किए हैं. इसे हमारे द्वारा सार्वजनिक भी किया गया है. एक-एक वादे के साथ कांग्रेस ने क्या कार्रवाई की है, उन सारी चीजों का उल्लेख किया गया है. सुंदरानी को अध्ययन करना चाहिए. हमने वादे पूरे किए हैं, इसलिए आज भाजपा मुद्दों के दिवालियापन से गुजर रही है. भाजपा के पास कहने और करने को कुछ बचा नहीं है. बहरहाल श्रीचंद सुंदरानी के इस चैलेंज को सुशील आनंद शुक्ला ने स्वीकार कर लिया है. अब देखने वाली बात है कि यह दोनों कब आमने-सामने बैठते हैं. उसका क्या नतीजा निकलता है.