रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र शुरू हो गया है. राज्यपाल अनुसुइया उइके ने गुरुवार को राज्य की पांचवीं विधानसभा के नववर्ष में आयोजित विशेष सत्र के दौरान अपने भाषण में कहा कि 'छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बहुत कम समय में अपनी उत्कृष्ट कार्यप्रणाली से गौरवशाली परंपराएं स्थापित की हैं'.
उन्होंने कहा कि 'आज इस विधानसभा में नए वर्ष में मेरा पहला अवसर है. जिसकी सुखद अनुभूति मुझे भावुक भी कर रही है और एक नई ऊर्जा से ऊर्जित भी कर रही है. मुझे विश्वास है कि हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ विधानसभा की कीर्ति-पताका को ऊंचा करने में सफल होंगे. आप सब प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं के अनुरूप नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने में अपना योगदान पूरे मनोयोग से करें. इसके लिए मेरी शुभकामनाएं'
'संविधान के प्रति निष्ठा प्रदर्शित करने का मौका'
राज्यपाल ने कहा कि 'मेरे लिए यह अत्यंत हर्ष और गौरव का विषय है कि नए वर्ष में छत्तीसगढ़ विधानसभा के कार्यकलापों की शुरुआत एक विशेष अवसर के रूप में हो रही है. जिससे हमें भारत के महान और पावन संविधान के प्रति अगाध निष्ठा, प्रतिबद्धता प्रदर्शित करने का मौका मिला है.
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'सौभाग्य का विषय है'
उन्होंने कहा कि 'भारतीय संविधान में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण की समय-सीमा बढ़ाए जाने के लिए जो निर्धारित प्रक्रिया है, उसे पूरा करने में आपकी भागीदारी दर्ज होना निश्चय ही बड़े सौभाग्य का विषय है'.
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'सरकार ने बेहतर जिदंगी की रौशनी दी'
राज्यपाल ने आगे कहा कि मुझे यह कहते हुए बहुत प्रसन्नता हो रही है कि सरकार ने छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्गों को बेहतर जिदंगी की रौशनी दी है. इन वर्गों के प्रति संवेदनशीलता और इन्हें संविधान प्रदत्त अधिकारों से सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता ने सरकार के प्रति विश्वास के एक नए युग की शुरुआत की है.