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EXCLUSIVE: जोगी का हाथ छोड़, भाजपा में शामिल होने को तैयार आरके राय - जनता कांग्रेस खत्म

मरवाही उपचुनाव में जेसीसी(जे) से दावेदारी कर रहे जोगी परिवार का नामांकन निरस्त होने के बाद आरके राय ने अब सत्ता सरकार का विरोध करते हुए भाजपा की ओर झुकाव दिखाया है. आरके राय ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा कि मरवाही में अजीत जोगी के जाने के बाद उनके परिवार की परंपरागत सीट रही है, लेकिन सरकार ने काला कानून लाकर वहां बड़ा खेल किया है. देखिये पूर्व विधायक आरके राय से खास बात...

former MLA RK Rai
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Published : Nov 7, 2020, 11:47 PM IST

Updated : Nov 7, 2020, 11:57 PM IST

रायपुर: जोगी समर्थक और पूर्व विधायक रहे आरके राय अब भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं. मरवाही उपचुनाव में जेसीसी(जे) से दावेदारी कर रहे जोगी परिवार का नामांकन निरस्त होने के बाद आरके राय ने अब सत्ता सरकार का विरोध करते हुए भाजपा की ओर झुकाव दिखाया है. ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए उन्होंने राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

पूर्व विधायक आरके राय से खास बातचीत पार्ट-1

पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए

पुलिस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में प्रवेश करने वाले आरके राय जेसीसी(जे) के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के समर्थक माने जाते रहे हैं. कांग्रेस पार्टी से वे विधायक भी रह चुके हैं. जोगी कांग्रेस से वे 2018 में विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं. पूर्व विधायक रहे आरके राय जेसीसी(जे) की कोर कमेटी में भी शामिल हैं.

अजीत जोगी और अमित जोगी में जमीन आसमान का अंतर : ज्ञानेंद्र उपाध्याय

सत्ता का दुरुपयोग कर रही कांग्रेस

मरवाही चुनाव को लेकर उन्होंने राज्य सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. आरके राय ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा कि मरवाही में अजीत जोगी के जाने के बाद उनके परिवार की परंपरागत सीट रही है, लेकिन सरकार ने काला कानून लाकर वहां बड़ा खेल किया है. एक षड्यंत्र के तहत जोगी परिवार को इस चुनाव से बाहर कर दिया गया है. इतना ही नहीं मरवाही में उनके समर्थकों और आम लोगों के सामने जोगी का अपमान किया गया है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जोगी की मरवाही में लोगों के घरों में तस्वीर लगी थी, उसे भी उनके दबाव में वहां निकलवाया गया है.

'मरवाही से जोगी को अलग नहीं कर सकते'

आरके राय ने कहा कि मरवाही की जनता और अजीत जोगी के बीच एक परिवार एक का रिश्ता रहा है. जोगी परिवार के प्रति वहां के लोगों में भावनात्मक जुड़ाव है. उन्होंने कहा कि मरवाही चुनाव में वे भी गए थे, वहां जोगी जी का प्रभाव कम होते नहीं दिखा. सत्ता सरकार भले ही वहां कितना भी जोर लगा ले, पैसे पानी की तरह बहा ले, लेकिन कोई भी जोगी को मरवाही की जनता से अलग नहीं कर सकते.

अजीत जोगी के बाद बिखर रहा जेसीसी(जे) का कुनबा, कांग्रेस में भी मचा तूफान

भाजपा के साथ किया मंच साझा

पूर्व विधायक आरके राय ने जोगी परिवार के लोगों के नामांकन निरस्त होने को लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाया है. मरवाही में जिस तरह से जेसीसी(जे) के प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त किया गया है. इसके बाद पार्टी के कोर कमेटी सदस्यों ने भी सत्ता सरकार को सबक सिखाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का मन बनाया है. वे खुद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ मरवाही चुनाव प्रचार के दौरान नवागांव की सभा में मंच शेयर कर चुके हैं. इस सभा में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, आदिवासी नेता रामविचार नेताम भी मौजूद थे.

मरवाही में बीजेपी जीतेगी

आरके राय ने कहा कि जिस तरह से सत्ता सरकार के मद में आकर कांग्रेस ने जोगी परिवार के राजनीतिक कैरियर को खराब करने के लिए साम-दाम-दण्ड-भेद का फार्मूला यूज किया है, लेकिन वहां की जनता यह सब समझती है. मरवाही की जनता ने 77 प्रतिशत तक मतदान किया है, इसे लेकर भी राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं. अगर मरवाही के स्थानीय लोग जो भावनात्मक रूप से जोगी जी से जुड़े हैं, उनका वोट अगर बीजेपी में जाता है तो बीजेपी जीतेगी.

कांग्रेस में नहीं जा सकते दोनों विधायक

जेसीसी(जे) के विधायक दल में टकराव होने के सवाल पर आरके राय ने कहा कि जेसीसी(जे) के 2 विधायकों ने कांग्रेस के लिए समर्थन देने की बात कही है. दल बदल के लिए एक तिहाई बहुमत होना जरूरी है और यदि ऐसा नहीं होता तो दोबारा चुनाव जीत कर आना आसान नहीं है. इस वजह से जो समर्थन दिए हैं, वह भी खुलकर पार्टी में प्रवेश नहीं कर सकते हैं.

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कांग्रेस ने पूरी दुश्मनी निकाल दी

आरके राय ने कहा कि जब हमारी जेसीसी(जे) से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को ही चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया. उनके परिवार को वहां से बेदखल कर दिया गया. ऐसे में अब बचता यहीं है कि भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया जाए. खुद रेणु जोगी ने भी यह खुलकर कहा है कि अब वे कांग्रेस में नहीं जाएंगी. कांग्रेस पार्टी के लिए वफादार रहने के बाद भी रेणु जोगी को कांग्रेस पार्टी ने बीते चुनाव में विधानसभा का टिकट नहीं दिया था. मजबूरी में उन्हें जेसीसी(जे) से चुनाव लड़ना पड़ा. आरके राय ने कहा कि अगर वे भी कांग्रेस में जाते हैं तो उनके साथ भी वहां धोखा ही होगा.

भाजपा में जाने की बात पर मुहर

पार्टी ज्वाइनिंग की बात को लेकर आरके राय ने ईटीवी भारत से कहा कि वह भाजपा में जा रहे हैं, हालांकि इसके लिए औपचारिक कार्यक्रम राजधानी में ही होगा. एक दिन पहले ही गुंडरदेही में सामाजिक कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा सांसद के साथ मंच शेयर भी किया है. उन्होंने कहा जिस तरह से अब उनके प्रदेश अध्यक्ष को भी चुनाव से बाहर कर दिया गया. ऐसे में उनके राजनीतिक जीवन में लंबा समय देने के बाद उन्होंने जो कुछ इमेज बनाई है, वह सब व्यर्थ हो जाएगा.

रायपुर: जोगी समर्थक और पूर्व विधायक रहे आरके राय अब भाजपा का दामन थामने जा रहे हैं. मरवाही उपचुनाव में जेसीसी(जे) से दावेदारी कर रहे जोगी परिवार का नामांकन निरस्त होने के बाद आरके राय ने अब सत्ता सरकार का विरोध करते हुए भाजपा की ओर झुकाव दिखाया है. ईटीवी भारत से खास चर्चा करते हुए उन्होंने राज्य सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाये हैं.

पूर्व विधायक आरके राय से खास बातचीत पार्ट-1

पुलिस की नौकरी छोड़ राजनीति में आए

पुलिस की नौकरी छोड़ कर राजनीति में प्रवेश करने वाले आरके राय जेसीसी(जे) के सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के समर्थक माने जाते रहे हैं. कांग्रेस पार्टी से वे विधायक भी रह चुके हैं. जोगी कांग्रेस से वे 2018 में विधानसभा चुनाव भी लड़े हैं. पूर्व विधायक रहे आरके राय जेसीसी(जे) की कोर कमेटी में भी शामिल हैं.

अजीत जोगी और अमित जोगी में जमीन आसमान का अंतर : ज्ञानेंद्र उपाध्याय

सत्ता का दुरुपयोग कर रही कांग्रेस

मरवाही चुनाव को लेकर उन्होंने राज्य सरकार पर सत्ता का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है. आरके राय ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा कि मरवाही में अजीत जोगी के जाने के बाद उनके परिवार की परंपरागत सीट रही है, लेकिन सरकार ने काला कानून लाकर वहां बड़ा खेल किया है. एक षड्यंत्र के तहत जोगी परिवार को इस चुनाव से बाहर कर दिया गया है. इतना ही नहीं मरवाही में उनके समर्थकों और आम लोगों के सामने जोगी का अपमान किया गया है. उन्होंने प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम पर भी आरोप लगाते हुए कहा कि जोगी की मरवाही में लोगों के घरों में तस्वीर लगी थी, उसे भी उनके दबाव में वहां निकलवाया गया है.

'मरवाही से जोगी को अलग नहीं कर सकते'

आरके राय ने कहा कि मरवाही की जनता और अजीत जोगी के बीच एक परिवार एक का रिश्ता रहा है. जोगी परिवार के प्रति वहां के लोगों में भावनात्मक जुड़ाव है. उन्होंने कहा कि मरवाही चुनाव में वे भी गए थे, वहां जोगी जी का प्रभाव कम होते नहीं दिखा. सत्ता सरकार भले ही वहां कितना भी जोर लगा ले, पैसे पानी की तरह बहा ले, लेकिन कोई भी जोगी को मरवाही की जनता से अलग नहीं कर सकते.

अजीत जोगी के बाद बिखर रहा जेसीसी(जे) का कुनबा, कांग्रेस में भी मचा तूफान

भाजपा के साथ किया मंच साझा

पूर्व विधायक आरके राय ने जोगी परिवार के लोगों के नामांकन निरस्त होने को लेकर राज्य सरकार पर आरोप लगाया है. मरवाही में जिस तरह से जेसीसी(जे) के प्रत्याशियों का नामांकन निरस्त किया गया है. इसके बाद पार्टी के कोर कमेटी सदस्यों ने भी सत्ता सरकार को सबक सिखाने के लिए भाजपा को समर्थन देने का मन बनाया है. वे खुद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के साथ मरवाही चुनाव प्रचार के दौरान नवागांव की सभा में मंच शेयर कर चुके हैं. इस सभा में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह, आदिवासी नेता रामविचार नेताम भी मौजूद थे.

मरवाही में बीजेपी जीतेगी

आरके राय ने कहा कि जिस तरह से सत्ता सरकार के मद में आकर कांग्रेस ने जोगी परिवार के राजनीतिक कैरियर को खराब करने के लिए साम-दाम-दण्ड-भेद का फार्मूला यूज किया है, लेकिन वहां की जनता यह सब समझती है. मरवाही की जनता ने 77 प्रतिशत तक मतदान किया है, इसे लेकर भी राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हैं. अगर मरवाही के स्थानीय लोग जो भावनात्मक रूप से जोगी जी से जुड़े हैं, उनका वोट अगर बीजेपी में जाता है तो बीजेपी जीतेगी.

कांग्रेस में नहीं जा सकते दोनों विधायक

जेसीसी(जे) के विधायक दल में टकराव होने के सवाल पर आरके राय ने कहा कि जेसीसी(जे) के 2 विधायकों ने कांग्रेस के लिए समर्थन देने की बात कही है. दल बदल के लिए एक तिहाई बहुमत होना जरूरी है और यदि ऐसा नहीं होता तो दोबारा चुनाव जीत कर आना आसान नहीं है. इस वजह से जो समर्थन दिए हैं, वह भी खुलकर पार्टी में प्रवेश नहीं कर सकते हैं.

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कांग्रेस ने पूरी दुश्मनी निकाल दी

आरके राय ने कहा कि जब हमारी जेसीसी(जे) से पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को ही चुनाव लड़ने से वंचित कर दिया गया. उनके परिवार को वहां से बेदखल कर दिया गया. ऐसे में अब बचता यहीं है कि भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया जाए. खुद रेणु जोगी ने भी यह खुलकर कहा है कि अब वे कांग्रेस में नहीं जाएंगी. कांग्रेस पार्टी के लिए वफादार रहने के बाद भी रेणु जोगी को कांग्रेस पार्टी ने बीते चुनाव में विधानसभा का टिकट नहीं दिया था. मजबूरी में उन्हें जेसीसी(जे) से चुनाव लड़ना पड़ा. आरके राय ने कहा कि अगर वे भी कांग्रेस में जाते हैं तो उनके साथ भी वहां धोखा ही होगा.

भाजपा में जाने की बात पर मुहर

पार्टी ज्वाइनिंग की बात को लेकर आरके राय ने ईटीवी भारत से कहा कि वह भाजपा में जा रहे हैं, हालांकि इसके लिए औपचारिक कार्यक्रम राजधानी में ही होगा. एक दिन पहले ही गुंडरदेही में सामाजिक कार्यक्रम में उन्होंने भाजपा सांसद के साथ मंच शेयर भी किया है. उन्होंने कहा जिस तरह से अब उनके प्रदेश अध्यक्ष को भी चुनाव से बाहर कर दिया गया. ऐसे में उनके राजनीतिक जीवन में लंबा समय देने के बाद उन्होंने जो कुछ इमेज बनाई है, वह सब व्यर्थ हो जाएगा.

Last Updated : Nov 7, 2020, 11:57 PM IST
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