तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 5 जुलाई 1995 को जन्मी पी वी सिंधु के पिता का नाम पी वी रमण और मां का नाम पी विजया है. पीवी सिंधु के माता-पिता वॉलीबाल के अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी थे. उनके पिता को वॉलीबाल के लिए अर्जुन पुरस्कार भी मिल चुका है. 2016 में चीन ओपन का खिताब अपने नाम करने वाली सिंधु ने पुलेला गोपीचंद से प्रभावित होकर बैंडमिंटन को चुना और 8 साल की उम्र से बैंडमिंटन खेलना शुरू कर दिया. महबूब अली उनके पहले कोच थे. लेकिन बाद में वे गोपीचंद की शिष्या बनीं और उन्हीं की अकादमी से प्रशिक्षण लिया है.
रियो ओलंपिक में जीता था मेडल
आपको याद होगा जब उन्होंने रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीतने के बाद वे आइसक्रीम खा रही थीं. दरअसल वो उनके कोच की कड़ाई और सिंधु का खुद से किया वादा था. रियो ओलंपिक की तैयारी के लिए कोच गोपीचंद ने उनका मोबाइल फोन ले लिया था और चॉकलेट खाने पर भी पाबंदी लगा दी थी. सिंधु ओलिंपक में मेडल लाईं और उन्हें आइसक्रीम वापस मिल गई.
पी वी सिंधु 9 साल की उम्र में 56 किलोमीटर दूर बैडमिंटन कैंप में ट्रेनिंग लेने जाती थीं. वे रोजाना सुबह एकेडमी जाने के लिए 3 बजे उठतीं थी क्योंकि सेशन 4.30 बजे शुरू हो जाता था. सिंधु वहां से आते ही 8.30 बजे स्कूल जाती थी और फिर एकेडमी में प्रैक्टिस के लिए जाती थीं. उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण ने वो सफलता दिलाई कि ओलंपिक में तिरंगा शान से लहरा उठा.
एक नजर सिंधु के करियर पर डाल लेते हैं
- 2011 कॉमनवेल्थ यूथ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता.
- 2014 (ग्लास्गो) कॉमनवेल्थ गेम्स में ब्रॉंन्ज मेडल जीता.
- 2014 एशिया चैंपियनशिप (जिमचीऑन) में जीता ब्रॉन्ज मेडल.
- साल 2016 रियो ओलंपिक में सिल्वर मेडल जीता.
- 2019 (बेसल) वर्ल्ड चैंपियनशिप में जीता गोल्ड.
- सिंधु को मिल चुके हैं ये पुरस्कार
- 2020 में पद्म भूषण के लिए चयनित हुईं हैं.
- 2016 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार मिला.
- 2015 में पद्म श्री पुरस्कार से सम्मानित.
- 2013 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हुईं.
बैडमिंटन के लिए समर्पण, मेहनती और अनुशासित पी वी सिंधु के रूप में देश के पास हीरा है, साथ ही ये उम्मीद भी कि देश का तिरंगा लड़कियों के हाथों में शान से लहराता रहेगा.