राज्यपाल के कृतज्ञता ज्ञापन प्रस्ताव पर सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि, 'ये परंपरा रही है कि जब भी नए कैलेंडर वर्ष में सत्र आहूत हो तो राज्यपाल उसे एड्रेस करें. इस परंपरा का पालन किया गया है'. उन्होंने कहा कि, 'परिस्थिति बदली और संसद में ये विधेयक पारित किया गया इसीलिए विशेष सत्र बुलाने की बाध्यता थी. इसके लिए विपक्ष से चर्चा की गई, लेकिन पता नहीं था कि विपक्ष इतना बिखरा हुआ है'.
सीएम ने कहा कि, 'राज्यपाल के अभिभाषण में बहिष्कार करने की परंपरा छत्तीसगढ़ में नहीं रही है'. आरक्षण को लेकर सीएम ने कहा कि, 'समझना होगा कि सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में बेचने की तैयारी की जा रही है जिससे बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया है'.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय निकाय चुनाव में ऐतिहासिक जीत के लिए प्रदेश की जनता को धन्यवाद दिया और अंत में उन्होंने विपक्ष को लेकर कहा कि, 'विपक्षी सदस्य विरोध करके चले गए ये उनका अधिकार है लेकिन ये स्वस्थ परंपरा नहीं है'.
इसके बाद सदन की कार्रवाई अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई.