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'फाइटर हैं जोगी', रिटायर्ड IAS सुशील त्रिवेदी ने ETV BHARAT के साथ साझा किए अनुभव

पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की हालत गंभीर है. उनके साथ काम कर चुके रिटायर्ड IAS सुशील त्रिवेदी ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने अजीत जोगी की कार्यप्रणाली और उनसे जुड़े कई अनुभवों को साझा किया.

sushil trivedi
सुशील त्रिवेदी
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Published : May 12, 2020, 9:24 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की हालत गंभीर है. वे कोमा में हैं, ऐसे में हर कोई उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहा है. अजीत जोगी के साथ काम कर चुके रिटायर्ड IAS सुशील त्रिवेदी ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की और उनके साथ काम करने के अनुभव को साझा किया.

रिटायर्ड IAS सुशील त्रिवेदी की ईटीवी भारत से खास बातचीत

अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के बड़े राजनेता हैं, उनकी कार्यप्रणाली और उनके कुशल नेतृत्व के कारण वे लोगोंं के चहेते रहे हैं. राजनीति में आने से पहले अजीत जोगी प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, इसके अलावा वो शिक्षक भी रहे हैं. जब अजीत जोगी नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने, तो उनकी कार्यप्रणाली बहुत ही अच्छी थी. उनके काम करने के अंदाज को आज भी लोग भूले नहीं हैं.

उनके साथ काम कर चुके रिटायर्ड आईएएस सुशील त्रिवेदी ने बताया कि अजीत जोगी शुरू से ही संघर्ष करने वाले व्यक्ति रहे हैं. उन्होंने अपने जीवन के हर मोड़ पर संघर्ष किया और कभी हार नहीं मानी. सुशील त्रिवेदी बताते हैं कि उनके मुख्यमंत्री काल में सभी प्रशासनिक अधिकारी उनके नियंत्रण में रहते थे, वे एक-एक चीज की बैठक लिया करते थे और इस दौरान किसी भी अधिकारी ने जरा सी भी चूक की, तो वो डांटने से भी नहीं परहेज करते थे. जोगी अपने काम को लेकर काफी गंभीर रहते थे.

राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी कर रहे उनके स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना

सुशील त्रिवेदी ने बताया कि राजनीति में उनके कई लोगों से तीव्र मतभेद हुआ करते थे, लेकिन किसी से मनभेद नहीं हुआ. यही कारण है कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय आज उनके स्वस्थ होने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर रहे हैं.

पढ़ने के शौकीन हैं जोगी

सुशील त्रिवेदी ने बताया कि अजीत जोगी को पढ़ने का काफी शौक है. उनके पास भव्य लाइब्रेरी है. हिंदी के साथ-साथ उनकी अंग्रेजी पर भी बहुत अच्छी पकड़ है. कुशल वक्ता के साथ-साथ वे कुशल लेखक भी हैं.

लोगों की दुआओं से जीते हैं जोगी

सुशील त्रिवेदी ने कहा कि आज अजीत जोगी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उनके अंदर जीवित रहने और अपनी बीमारी से संघर्ष करने की शक्ति है. अजीत जोगी खुद कहते हैं कि वे दवाओं से ज्यादा दुआओं से जीते हैं. अभी तक जितनी भी बड़ी-बड़ी बीमारियों से अजीत जोगी निकलकर सामने आए हैं, उनमें कहीं ना कहीं लोगों की दुआएं ही हैं. लोगों की दुआओं का ही असर है कि अजीत जोगी कई बार मौत के मुंह से बाहर आए हैं.

बता दें कि अजीत जोगी को शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिलहाल वो कोमा में हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. सीएम भूपेश बघेल, राज्यपाल अनुसुइया उइके, पूर्व सीएम रमन सिंह समेत तमाम नेता-मंत्रियों ने अस्पताल आकर उनका हाल जाना है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री अजीत जोगी की हालत गंभीर है. वे कोमा में हैं, ऐसे में हर कोई उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना कर रहा है. अजीत जोगी के साथ काम कर चुके रिटायर्ड IAS सुशील त्रिवेदी ने ईटीवी भारत के साथ खास बातचीत की और उनके साथ काम करने के अनुभव को साझा किया.

रिटायर्ड IAS सुशील त्रिवेदी की ईटीवी भारत से खास बातचीत

अजीत जोगी छत्तीसगढ़ के बड़े राजनेता हैं, उनकी कार्यप्रणाली और उनके कुशल नेतृत्व के कारण वे लोगोंं के चहेते रहे हैं. राजनीति में आने से पहले अजीत जोगी प्रशासनिक अधिकारी के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं, इसके अलावा वो शिक्षक भी रहे हैं. जब अजीत जोगी नवगठित राज्य छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री बने, तो उनकी कार्यप्रणाली बहुत ही अच्छी थी. उनके काम करने के अंदाज को आज भी लोग भूले नहीं हैं.

उनके साथ काम कर चुके रिटायर्ड आईएएस सुशील त्रिवेदी ने बताया कि अजीत जोगी शुरू से ही संघर्ष करने वाले व्यक्ति रहे हैं. उन्होंने अपने जीवन के हर मोड़ पर संघर्ष किया और कभी हार नहीं मानी. सुशील त्रिवेदी बताते हैं कि उनके मुख्यमंत्री काल में सभी प्रशासनिक अधिकारी उनके नियंत्रण में रहते थे, वे एक-एक चीज की बैठक लिया करते थे और इस दौरान किसी भी अधिकारी ने जरा सी भी चूक की, तो वो डांटने से भी नहीं परहेज करते थे. जोगी अपने काम को लेकर काफी गंभीर रहते थे.

राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी भी कर रहे उनके स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना

सुशील त्रिवेदी ने बताया कि राजनीति में उनके कई लोगों से तीव्र मतभेद हुआ करते थे, लेकिन किसी से मनभेद नहीं हुआ. यही कारण है कि उनके राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी रहे भाजपा के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय आज उनके स्वस्थ होने के लिए महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर रहे हैं.

पढ़ने के शौकीन हैं जोगी

सुशील त्रिवेदी ने बताया कि अजीत जोगी को पढ़ने का काफी शौक है. उनके पास भव्य लाइब्रेरी है. हिंदी के साथ-साथ उनकी अंग्रेजी पर भी बहुत अच्छी पकड़ है. कुशल वक्ता के साथ-साथ वे कुशल लेखक भी हैं.

लोगों की दुआओं से जीते हैं जोगी

सुशील त्रिवेदी ने कहा कि आज अजीत जोगी अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन उनके अंदर जीवित रहने और अपनी बीमारी से संघर्ष करने की शक्ति है. अजीत जोगी खुद कहते हैं कि वे दवाओं से ज्यादा दुआओं से जीते हैं. अभी तक जितनी भी बड़ी-बड़ी बीमारियों से अजीत जोगी निकलकर सामने आए हैं, उनमें कहीं ना कहीं लोगों की दुआएं ही हैं. लोगों की दुआओं का ही असर है कि अजीत जोगी कई बार मौत के मुंह से बाहर आए हैं.

बता दें कि अजीत जोगी को शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. फिलहाल वो कोमा में हैं और उनकी हालत नाजुक बनी हुई है. सीएम भूपेश बघेल, राज्यपाल अनुसुइया उइके, पूर्व सीएम रमन सिंह समेत तमाम नेता-मंत्रियों ने अस्पताल आकर उनका हाल जाना है.

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