रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को 24 अप्रैल को हेमचंद यादव यूनिवर्सिटी ने मानद उपाधि दी थी. वहीं शनिवार को सोरबोन यूनिवर्सिटी ऑफ पेरिस, जो की एक ग्लोबल यूनिवर्सिटी है. उसने सीएम भूपेश को डॉक्टरेट की मानद उपाधि दी है. छत्तीसगढ़ के किसान, मजदूर, आदिवासी, जनप्रतिनिधि और अधिकारी के प्रयासों से ही प्रदेश ने नई ऊंचाईयां को हासिल किया है.''
ये पूरे प्रदेश का सम्मान है : इस दौरान मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में कहा कि " फ्रांस की प्रतिष्ठित सोरबोन यूनिर्विसिटी ने छत्तीसगढ़ शासन के विकास कार्यक्रमों को सराहा है. मुझे आज डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा है. इसके लिए बहुत-बहुत धन्यवाद. जब काम करना शुरू किया तो बस ये चाह थी कि, अच्छा काम करते रहना है. काम करते गए और रास्ता निकलता गया. ये उपाधि जरूर मुझे मिली है. लेकिन इसके पीछे योगदान मेरे परिवार वालों का है. जनप्रतिनिधियों का है अधिकारी-कर्मचारियों का है. यह सम्मान छत्तीसगढ़ के सभी मेहनतकश लोगों का सम्मान है. जिन्होंने अपने श्रम से छत्तीसगढ़ को खड़ा किया"
छत्तीसगढ़ में संसाधनों की भरमार : मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि '' छत्तीसगढ़ भौगोलिक रूप से समृद्ध प्रदेश में से हैं.हमारे पास जंगल है. हिमालय के बाद सबसे अधिक नाले हमारे यहां हैं. हमारे यहां खनिज संसाधन पर्याप्त है. दुनिया भर में बैटरी गाड़ी की डिमांड हो रही है.हमारे यहां लिथियम है.आरबीआई के सर्वे के मुताबिक हमारे यहां गरीबी रेखा के नीचे बड़ी आबादी है. उद्योग भी है फिर भी गरीबी है. देश के आकांक्षी जिलों में 10 हमारे यहां हैं. दंतेवाड़ा और कोरबा में प्लांट भी हैं. फिर भी इन जिलों में गरीबी है.''
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क्या है सोरबोन यूनिवर्सिटी :सोरबोन यूनिवर्सिटी का वैश्विक शैक्षणिक परिदृश्य में बड़ा स्थान है. यहां से निकले छात्र छात्राओं को 33 नोबेल पुरस्कार मिल चुके हैं. इस यूनिवर्सिटी ने मुख्यमंत्री बघेल के छत्तीसगढ़ में चलाई जा रही गोधन न्याय योजना को सराहा है. इसके तहत गोबर खरीदी एवं सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी कार्यक्रम के संचालन की सराहना भी की है.ग्रामीण अर्थव्यवस्था के विकास को आगे बढ़ाने के लिए जो काम किए गए हैं, उन पर यूनिवर्सिटी के शोधार्थी एवं प्रोफेसर रिसर्च पेपर भी तैयार कर रहे हैं, जिसे यूनिवर्सिटी के विश्व प्रसिद्ध रिसर्च जनरल में प्रकाशित किया जाएगा.