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रायपुर में सोशल मीडिया बन रहा तलाक का कारण

रायपुर में इन दिनों तलाक का मामला अधिक देखने को मिल रहा (Increase in divorce cases in Raipur ) है. रायपुर में तलाक का कारण सोशल मीडिया को माना जा रहा है. इस विषय में ईटीवी भारत ने अधिवक्ता दिवाकर सिन्हा से बातचीत की.

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Published : Jun 12, 2022, 7:18 PM IST

Social media is becoming the reason for divorce
सोशल मीडिया बन रहा तलाक का कारण

रायपुर: इन दिनों पति-पत्नी के बीच तलाक का मामला काफी देखने को मिल रहा है. कहीं न कहीं इसका कारण आधुनिकता के साथ-साथ तकनीक (Increase in divorce cases in Raipur) भी है. बात अगर रायपुर की करें तो इन दिनों यहां सोशल मीडिया को तलाक का कारण माना जा रहा है. आपस में कम और मोबाइल या फिर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अधिक बातचीत पती-पत्नी में दूरियां का मूल कारण (marriages falling apart in raipur) है. कई बार तो छोटी-छोटी बातें भी तलाक तक पहुंच जाती है. आलम यह है कि एक साल में जितनी शादियां होती है उतनी शादियां टूट भी जाती है.

रायपुर में तलाक के मामलों में बढ़ोतरी

40 फीसद मामले जाते हैं कोर्ट में: इस तरह मार्च 2022 तक 4019 मामले पेंडिंग हैं. पिछले 15 महीने की बात की जाए तो लगभग 2647 नए तलाक के मामले कोर्ट में पहुंचे हैं. रायपुर कोर्ट में लगभग प्रतिदिन पांच यानी कि महीने में डेढ़ सौ तलाक के मामले पहुंच रहे हैं. यह वे मामले हैं, जो कोर्ट तक पहुंचते हैं. जिनमें सुलह की गुंजाइश भी बरकरार है. ऐसे 40 फीसद मामले ही होते हैं, जबकि 60 फीसद मामलों में कोर्ट का दरवाजा ही नहीं खटखटाया जाता है.

प्रति महीने तलाक के लगभग डेढ़ सौ मामले कोर्ट पहुंच रहे हैं: तलाक के मामलों के जानकार एडवोकेट दिवाकर सिन्हा का कहना है कि रायपुर के फैमिली कोर्ट में प्रति महीने लगभग डेढ़ सौ आवेदन तलाक के लिए आते हैं, जो कि काफी बड़ी संख्या है.

सोशल मीडिया की वजह से हो रहे है तलाक: सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तलाक की अर्जी छोटी-मोटी मामूली बातों को लेकर आ रही है. इस बीच सोशल मीडिया में व्यस्त रहने के कारण भी पति-पत्नी एक दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं. वह भी तलाक की वजह बन रही है. दिवाकर सिन्हा बताते हैं कि उनके पास पहुंचने वाले तलाक के मामलों में जहां एक ओर पत्नी का कहना रहता है कि ऑफिस से आने के बाद भी उनके पति मोबाइल में व्यस्त रहते हैं. उन्हें समय नहीं देते हैं

सोशल मीडिया पर शादी के पहले की तस्वीर भी तलाक का कारण: दिवाकर सिन्हा का कहना है कि कई बार पति-पत्नी की पुरानी फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया की फोटो भी तलाक की वजह बन जाती है. क्योंकि शादी के पहले किसी दोस्त सहेली या फिर अन्य के साथ तस्वीर होती है. जबकि उन फोटो का वर्तमान में कोई औचित्य नहीं रहता. बावजूद इसके यह तलाक के मुख्य कारण बन जाता है. इस तरह के मामलों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है, जो कि चिंता का विषय है.

यह भी पढ़ें: रायपुर में क्यों टूट रहे दुकानों के ताले

हर साल हो रही शादियों से अधिक टूट रहा घर: एक अनुमान के मुताबिक रायपुर में प्रतिवर्ष लगभग 5000 शादियां टूट रही है. जबकि प्रतिवर्ष 5000 शादियां रायपुर में नहीं होती है. इससे ज्यादा तलाक रायपुर में हो रहे हैं. इस तलाक के पीछे कोई बड़ी वजह नहीं बल्कि छोटी-मोटी बातें होती हैं. खाना बनाने से लेकर खरीदारी करने तक की छोटी-छोटी बातें भी तलाक की वजह है. वहीं अब पति-पत्नी में सोशल मीडिया भी तलाक का मुख्य कारण बनता जा रहा है.

एक नजर तलाक के आंकड़ों पर:

साल 2021
जनवरी217
फरवरी 140
मार्च 300
अप्रैल196
मई00
जून 23
जुलाई 160
अगस्त 178
सितंबर 20
अक्टूबर 305
नवंबर174
दिसंबर340
साल 2022
जनवरी 184
फरवरी 183
मार्च233

रायपुर: इन दिनों पति-पत्नी के बीच तलाक का मामला काफी देखने को मिल रहा है. कहीं न कहीं इसका कारण आधुनिकता के साथ-साथ तकनीक (Increase in divorce cases in Raipur) भी है. बात अगर रायपुर की करें तो इन दिनों यहां सोशल मीडिया को तलाक का कारण माना जा रहा है. आपस में कम और मोबाइल या फिर सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर अधिक बातचीत पती-पत्नी में दूरियां का मूल कारण (marriages falling apart in raipur) है. कई बार तो छोटी-छोटी बातें भी तलाक तक पहुंच जाती है. आलम यह है कि एक साल में जितनी शादियां होती है उतनी शादियां टूट भी जाती है.

रायपुर में तलाक के मामलों में बढ़ोतरी

40 फीसद मामले जाते हैं कोर्ट में: इस तरह मार्च 2022 तक 4019 मामले पेंडिंग हैं. पिछले 15 महीने की बात की जाए तो लगभग 2647 नए तलाक के मामले कोर्ट में पहुंचे हैं. रायपुर कोर्ट में लगभग प्रतिदिन पांच यानी कि महीने में डेढ़ सौ तलाक के मामले पहुंच रहे हैं. यह वे मामले हैं, जो कोर्ट तक पहुंचते हैं. जिनमें सुलह की गुंजाइश भी बरकरार है. ऐसे 40 फीसद मामले ही होते हैं, जबकि 60 फीसद मामलों में कोर्ट का दरवाजा ही नहीं खटखटाया जाता है.

प्रति महीने तलाक के लगभग डेढ़ सौ मामले कोर्ट पहुंच रहे हैं: तलाक के मामलों के जानकार एडवोकेट दिवाकर सिन्हा का कहना है कि रायपुर के फैमिली कोर्ट में प्रति महीने लगभग डेढ़ सौ आवेदन तलाक के लिए आते हैं, जो कि काफी बड़ी संख्या है.

सोशल मीडिया की वजह से हो रहे है तलाक: सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि तलाक की अर्जी छोटी-मोटी मामूली बातों को लेकर आ रही है. इस बीच सोशल मीडिया में व्यस्त रहने के कारण भी पति-पत्नी एक दूसरे को समय नहीं दे पाते हैं. वह भी तलाक की वजह बन रही है. दिवाकर सिन्हा बताते हैं कि उनके पास पहुंचने वाले तलाक के मामलों में जहां एक ओर पत्नी का कहना रहता है कि ऑफिस से आने के बाद भी उनके पति मोबाइल में व्यस्त रहते हैं. उन्हें समय नहीं देते हैं

सोशल मीडिया पर शादी के पहले की तस्वीर भी तलाक का कारण: दिवाकर सिन्हा का कहना है कि कई बार पति-पत्नी की पुरानी फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया की फोटो भी तलाक की वजह बन जाती है. क्योंकि शादी के पहले किसी दोस्त सहेली या फिर अन्य के साथ तस्वीर होती है. जबकि उन फोटो का वर्तमान में कोई औचित्य नहीं रहता. बावजूद इसके यह तलाक के मुख्य कारण बन जाता है. इस तरह के मामलों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती ही जा रही है, जो कि चिंता का विषय है.

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हर साल हो रही शादियों से अधिक टूट रहा घर: एक अनुमान के मुताबिक रायपुर में प्रतिवर्ष लगभग 5000 शादियां टूट रही है. जबकि प्रतिवर्ष 5000 शादियां रायपुर में नहीं होती है. इससे ज्यादा तलाक रायपुर में हो रहे हैं. इस तलाक के पीछे कोई बड़ी वजह नहीं बल्कि छोटी-मोटी बातें होती हैं. खाना बनाने से लेकर खरीदारी करने तक की छोटी-छोटी बातें भी तलाक की वजह है. वहीं अब पति-पत्नी में सोशल मीडिया भी तलाक का मुख्य कारण बनता जा रहा है.

एक नजर तलाक के आंकड़ों पर:

साल 2021
जनवरी217
फरवरी 140
मार्च 300
अप्रैल196
मई00
जून 23
जुलाई 160
अगस्त 178
सितंबर 20
अक्टूबर 305
नवंबर174
दिसंबर340
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जनवरी 184
फरवरी 183
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