रायपुर: शुक्रवार को सीएम हाउस में हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को नहीं बुलाए जाने का मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. एक ओर जहां भाजपा मध्यप्रदेश के महाराजा को आत्मसम्मान से जोड़ने की कोशिश की है, तो वहीं दूसरी ओर अधिकारियों पर जमकर भड़ास भी निकाली है.
कोरोना वायरस को लेकर पूरे प्रदेश में हाईअलर्ट है.सीएम हाउस में मुख्यमंत्री आलाधिकारियों की बैठक की गई, जिसमें विभाग के मुखिया टीएस सिंहदेव को ही नहीं बुलाया. बैठक में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव को न बुलाए जाने को लेकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज हो चुका है.
छत्तीसगढ़ में भी कोई सिंधिया न निकल जाए
भाजपा के वरिष्ठ नेता बृजमोहन अग्रवाल ने मामले को राजनैतिक रंग दे दिया है. उनका कहना है कि 'देश में सभी जगह कांग्रेस अपने वरिष्ठ नेताओं की उपेक्षा कर रही है. अब छत्तीसगढ़ में भी कोई सिंधिया न निकल जाए.
अधिकारियों को देनी चाहिए थी बैठक जानकारी
वहीं स्वास्थ्य विभाग के आपातकालीन बैठक में विभाग के कैबिनेट मंत्री सिंहदेव को न बुलाए जाने पर उन्होंने खुद हैरानी जताई है. सिंहदेव ने कहा कि 'मुख्यमंत्री निवास में हो रही बैठक में सीएम हाउस के अधिकारियों को प्रोटोकॉल का तो ध्यान रखना चाहिए और अधिकारियों को कम से कम बैठक की तो जानकारी देनी चाहिए थी'.
सादगी और सरल स्वभाव के लिए पहचाने जाते हैं सिंहदेव
बता दें टीएस सिंहदेव अपनी सादगी और सरल स्वभाव के लिए पहचाने जाते हैं. छत्तीसगढ़ सरकार में कैबिनेट मंत्री और सरगुजा रियासत के महाराजा टी एस सिंहदेव की विभागीय बैठक में उपेक्षा कहीं न कहीं उनको भी आहत करती है. मध्यप्रदेश में चल रहे सियासी उठापटक के बाद भाजपा ने इसे राजा महाराजाओं के स्वाभिमान से जोड़कर इसे राजनीतिक रंग दे दिया है.