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Dev Uthani Ekadashi 2022 जानिए कब है देवउठनी एकादशी, महत्व और पूजा विधि

Dev Uthani Ekadashi 2022 कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की एकादशी देवउठनी एकादशी के नाम से जानी जाती है. यह एकादशी देवोत्थान या प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी पूरे भारत में मशहूर है. साल 2022 में देवउठनी एकादशी 4 नवंबर, दिन शुक्रवार को पड़ रही है. हिन्दू धर्म में देवउठनी एकादशी को महत्वपूर्ण माना गया है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस एकादशी के साथ ही चातुर्मास और भगवान विष्णु की निद्रा पूर्ण हो जाती है.इस दिन के बाद से ही सारे शुभ काम शुरु होते हैं.

Dev Uthani Ekadashi 2022
जानिए कब है देवउठनी एकादशी, महत्व और पूजा विधि
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Published : Nov 4, 2022, 2:41 AM IST

Dev Uthani Ekadashi 2022 : एकादशी के दिन की गई पूजा सौ गुना फल देती है और व्यक्ति को 1000 यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.इसलिए इस दिन खास तरीके से पूजा का लाभ आपको प्राप्त हो सकता है. आज हम आपको ऐसे ही पूजा का विधान बताने जा रहे हैं.

कैसे करें एकादशी के दिन पूजा

  • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें
  • स्नान के पश्चात भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें
  • संकल्प के बाद घर के आंगन को अच्छे से धोकर शुद्ध कर लें
  • फिर घर के आंगन में भगवान विष्णु के पैरों की आकृति बनाएं
  • ध्यान रहे पैरों की आकृति घर के अंदर की तरफ आती ही बनाएं
  • रात के समय पूरे घर के साथ साथ घर की चौखट और आंगन में दिए जलाएं
  • भगवान विष्णु के पुनः वैकुण्ठ लौटने की खुशी में दीप जलाने की परंपरा मानी जाती है
  • रात्रि में भगवान विष्णु समेत सभी देवी देवताओं की आरती करें
  • शंख और घंटी बजाकर भगवान विष्णु को उठाएं
  • भगवान विष्णु को भोग लगाएं और प्रसाद वितरण करें
  • एकादशी की अगली सुबह से भगवान विष्णु की नियमित पूजा आरंभ कर दें

देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें, क्या नहीं

  • देवउठनी एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखें
  • अगर आप निर्जल नहीं रह सकते तो सिर्फ पानी ही पिएं
  • घर के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं या बीमारी लोग व्रत के दौरान फलाहार का पालन कर सकते हैं
  • एकादशी के दिन भूलकर भी चावल (चावल के पकवान) न खाएं
  • मासाहारी या तामसिक भोजन खाने से बचें.
  • व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि पर ही करें.

Dev Uthani Ekadashi 2022 : एकादशी के दिन की गई पूजा सौ गुना फल देती है और व्यक्ति को 1000 यज्ञों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है.इसलिए इस दिन खास तरीके से पूजा का लाभ आपको प्राप्त हो सकता है. आज हम आपको ऐसे ही पूजा का विधान बताने जा रहे हैं.

कैसे करें एकादशी के दिन पूजा

  • एकादशी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें
  • स्नान के पश्चात भगवान विष्णु का स्मरण करते हुए व्रत का संकल्प लें
  • संकल्प के बाद घर के आंगन को अच्छे से धोकर शुद्ध कर लें
  • फिर घर के आंगन में भगवान विष्णु के पैरों की आकृति बनाएं
  • ध्यान रहे पैरों की आकृति घर के अंदर की तरफ आती ही बनाएं
  • रात के समय पूरे घर के साथ साथ घर की चौखट और आंगन में दिए जलाएं
  • भगवान विष्णु के पुनः वैकुण्ठ लौटने की खुशी में दीप जलाने की परंपरा मानी जाती है
  • रात्रि में भगवान विष्णु समेत सभी देवी देवताओं की आरती करें
  • शंख और घंटी बजाकर भगवान विष्णु को उठाएं
  • भगवान विष्णु को भोग लगाएं और प्रसाद वितरण करें
  • एकादशी की अगली सुबह से भगवान विष्णु की नियमित पूजा आरंभ कर दें

देवउठनी एकादशी के दिन क्या करें, क्या नहीं

  • देवउठनी एकादशी के दिन निर्जला व्रत रखें
  • अगर आप निर्जल नहीं रह सकते तो सिर्फ पानी ही पिएं
  • घर के बुजुर्ग, गर्भवती महिलाएं या बीमारी लोग व्रत के दौरान फलाहार का पालन कर सकते हैं
  • एकादशी के दिन भूलकर भी चावल (चावल के पकवान) न खाएं
  • मासाहारी या तामसिक भोजन खाने से बचें.
  • व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी तिथि पर ही करें.
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