रायपुर: भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम इन दिनों आसमान छू रहे हैं. ईंधन के बढ़ते दाम को लेकर शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने हाथ में पोस्टर लेकर प्रदर्शन किया है. कार्यकर्ताओं का कहना है कि केंद्र सरकार पेट्रोल डीजल के दाम में मनमाने बढ़ोतरी कर रही है. इससे आम जनता परेशान हो रही है.
कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए ग्राम चरौदा से धरसीवां तक पैदल यात्रा निकाली. इस दौरान उन्होंने पेट्रोलियम मंत्री का पुतला भी फूंका. जिला सचिव चंद्रकांत वर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों को लेकर असंवेदनशील रवैया अपना रही है.
आम लोगों को हो रही परेशानी
कार्यकर्ताओं का कहना है कि लगातार बढ़ती कीमतें कहीं न कहीं देश में महंगाई को आमंत्रण दे रही है. इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है. पेट्रोल-डीजल की कीमतें आम लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी को सीधा प्रभावित कर रही है. व्यापार पर इसका सीधा असर पड़ रहा है. पेट्रोल-डीजल के बढ़े हुए दाम की वजह से ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ा है. इसका सीधा असर आम लोगों की जेब पर पड़ रहा है.
SPECIAL: पेट्रोल के बढ़ते दाम ने बिगाड़ा बजट, जनता परेशान
कैसे तय होती है कीमत ?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम और विदेशी मुद्रा दरों के आधार पर हर रोज पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव होता है. पेट्रोल-डीजल के दाम में सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी, वैट, सेस और डीलर कमीशन जोड़ने के बाद इसका दाम लगभग दोगुना हो जाता है.
पढ़ें: 10 दिनों की लगातार बढ़ोतरी के बाद आज पेट्रोल और डीजल के दाम स्थिर
क्यों बढ़ रहे हैं दाम ?
जानकारों की मानें, तो कोरोना के बाद अब एक बार फिर से दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियां तेज हुई हैं, जिससे कच्चे तेल का भाव लगातार बढ़ रहा है. इसके साथ ही विदेशी मुद्रा की दरें भी बड़ी वजह है. बीते साल पेट्रोल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 19.98 रुपए थी, जो अब 32.98 रुपए हो चुकी है. इसी तरह डीजल पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी 15.83 रुपए से बढ़ाकर 31.83 रुपए प्रति लीटर कर दी गई. इसके अलावा है. केंद्र के बाद राज्य सरकार वैट लगाती है. झारखंड में 22 प्रतिशत वैट जोड़ा जाता है. इसके अलावा एक रुपए प्रति लीटर सेस भी लिया जाता है.