रायपुर: छत्तीसगढ़ निकाय चुनाव में कुछ खास बदलाव किए गए हैं. इनमें से अहम बदलाव महापौर के चुनाव को लेकर किया गया है. प्रदेश में अप्रत्यक्ष प्रणाली से महापौर का चुनाव होगा, जिसके बाद अब पार्षद, मेयर का चुनाव करेंगे. मध्य प्रदेश में पहले ही ये निर्णय लिया जा चुका था. नगरीय निकाय चुनाव समिति की बैठक में ये फैसला लिया गया है.
समिति की बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री शिव डहरिया से ETV भारत की हुई खास बातचीत में निकाय चुनाव को लेकर हुए फैसले के बारे में बताया.
'इसी प्रक्रिया से चुने जाते हैं पीएम और सीएम'
निकाय चुनाव में महापौर के चुनाव में बदलाव के बारे में पूछे जाने पर मंत्री डहरिया ने बताया कि पहले महापौर का चुनाव प्रत्यक्ष प्रणाली से किया जाता था, लेकिन समिति की बैठक में इस पर बदलाव किया गया है और निर्वाचित पार्षदों में से किसी एक को अध्यक्ष या महापौर के लिए चुना जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का चयन भी इसी प्रक्रिया से होता है.
समय और पैसे की बचत
मंत्री डहरिया ने आगे नियमों का हवाला देते हुए कहा कि इस प्रणाली से समय और अनावश्यक पैसों के खर्च से बचा जा सकता है. साथ ही वार्डों का विकास सही तरीके से हो पाएगा.
भाजपा का आरोप
नगरी निकाय चुनाव में बदलाव के बाद भाजपा नेताओं ने खरीद फरोख्त होने का आरोप लगाया है. इस विषय पर उन्होंने कहा कि भाजपा का इस प्रकार का आरोप लगाना जनता का अपमान है.
मतपत्रों से चुनाव
समिति ने बैठक में एक और खास बदलाव किया है, निकाय चुनाव अब EVM की जगह मतपत्रों से होगा. मंत्री डहरिया ने कहा कि EVM को लेकर बहुत सारी भ्रांतियां है. साथ ही उन्होंने बताया कि नियमों के मुताबिक दोनों माध्यम से चुनाव करने का प्रावधान है.