रायपुर: प्रदेश कांग्रेस ने संसद में कैग की रिपोर्ट पर मोदी सरकार पर हमला किया है. इस रिपोर्ट पर प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के 10 आकांक्षी जिलों के विकास के लिए मोदी सरकार गंभीर नहीं है.
छत्तीसगढ़ के 10 जिलों को कैग की सूची में शामिल किया गया है, जिसमें राजनांदगांव, महासमुंद, कोरबा, बीजापुर, कांकेर, बस्तर, कोंडागांव, दंतेवाड़ा, धमतरी और कवर्धा जिला शामिल है. छत्तीसगढ़ में 6 माह में ही भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार ने इन्हीं जिलों सहित पूरे प्रदेश के विकास की दिशा में कदम बढ़ाए हैं, लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस दिशा में कोई महत्वपूर्ण पहल अब तक नहीं की है.
केंद्र और राज्य स्तर पर नहीं उठाए कदम
निरीक्षक एवं महालेखा परीक्षक कैग ने केंद्र सरकार के साथ-साथ असम, छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में एसडीजी को लेकर की गई प्रगति की समीक्षा की. संसद में पिछले सप्ताह पेश कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार ने केंद्र और राज्यों के स्तर पर कोई कदम नहीं उठाए हैं.
रोडमैप तैयार करने का काम अब भी बाकी
शैलेश ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि हर क्षेत्र में कई ऐसे पहलू है, जिन पर ध्यान देने के साथ ही सुधारात्मक उपायों की जरूरत है. केंद्र स्तर पर एसडीजी को लेकर नीतिगत दस्तावेज तैयार करने का काम अब तक पूरा नहीं हो सका है. संयुक्त राष्ट्र के एसडीजी लक्ष्यों के अनुरूप साल 2020, 2025 और 2030 के लिए पूर्व परिभाषित लक्ष्य है. रोडमैप तैयार करने का काम अभी बाकी है.
विपक्ष ने मामले को संसद में उठाया
कांग्रेस प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया ने भी मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा है सिर्फ कह देने से क्या होगा, इसके लिए व्यवस्था करनी चाहिए. पुनिया ने कहा कि विपक्ष ने इस मामले को संसद में उठाया गया था, जिसके बाद सरकार ने इस पर विचार करने की बात कही है.
जरूरी संसाधन और बजट का प्रावधान नहीं
बता दें कि सरकार की यह योजना अभी ठंडे बस्ते में जाती हुई नजर आ रही है, क्योंकि सरकार ने इस योजना के लिए जिलों की तो घोषणा कर दी है, लेकिन उसके क्रियान्वयन के लिए जरूरी संसाधन और बजट का प्रावधान नहीं है.