रायपुर: दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर रेल मंडल के दो वरिष्ठ अधिकारियों को रेलवे राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयनित किया गया है. इसे लेकर मंडल रेल प्रबंधक श्याम सुंदर गुप्ता ने खुशी जाहिर की है. वरिष्ठ मंडल परिचालन प्रबंधक डॉ प्रकाश चंद्र त्रिपाठी और मंडल विद्युत इंजीनियर शशांक कोष्टा को 65वां वार्षिक रेलवे राष्ट्रीय पुरस्कार 2020 से समानित किया जाएगा.
यह पुरस्कार रायपुर रेल मंडल विशिष्ट कीर्तिमान हासिल करने के लिए अधिकारियों का चयन किया है. रायपुर रेल मंडल परिचालन के क्षेत्र में 10 वें स्थान से 8 वें स्थान पर आ गया है. वहीं विगत वर्ष कम क्षेत्र का मंडल होने के बावजूद 35.75 मिलियन टन लदान कर कीर्तिमान हासिल किया. देश में सर्वप्रथम 3 माल गाड़ियों को जोड़कर एनाकोंडा गाड़ी चलाने का कीर्तिमान दर्ज है. अब तक रायपुर रेल मंडल सफलतापूर्वक लगभग 98 एनाकोंडा मालगाड़ियों का परिचालन कर चुका है. अप्रैल-मई की कठिन परिस्थितियों में कम लोडिंग के बाद से अभिनव प्रयास कर नए ग्राहकों को रेल की ओर आकर्षित करने में सफलता हासिल की.
65 प्रतिशत अधिक लदान में सफलता
सितंबर महीने में पिछले वर्ष के मुकाबले 35 प्रतिशत अधिक और अक्टूबर महीने में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 65 प्रतिशत अधिक लदान हासिल करने में सफलता अर्जित की है. यह वृद्वि कोल, फ़ूडग्रेन, ऑइल, सीमेंट,क्लिंकर, डोलोमाइट, लौह अयस्क और नए स्टील ग्राहकों को जोड़कर प्राप्त की जा सकी है. 2019- 20 फरवरी महीने में प्रतिदिन 1713 वैगनों का लदान कर विशिष्ट कीर्तिमान हासिल कर ऐतिहासिक लोडिंग की थी.
शशांक कोष्टा डिविजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में पदस्थ
शशांक कोष्टा डिविजनल इलेक्ट्रिकल इंजीनियर के रूप में पदस्थ हैं. भिलाई इलेक्ट्रिक लोको शेड ने नई ऊंचाइयों को छुआ है. उनके मार्गदर्शन में शेड लगभग 300 लोको का रखरखाव कर रहा है. लोकोमोटिव में नई सुविधाओं की शुरुआत की है. DPWCS (डीपीडब्लूसी) दो से अधिक लोको को वायरलेस तरीके से जोड़ता है. दो या दो से अधिक गाड़ियों को एक साथ चलाने के लिए उपयोग किया जाता है. इस सुविधाओं के माध्यम से एनाकोंडा रेल चलाया जाता है.