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Exclusive: छत्तीसगढ़ में BJP को 2003 जैसी लड़ाई लड़ने की जरूरत: नंदकुमार साय - Nandkumar Sai

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार की जमकर तारीफ की है. इसके अलावा प्रदेश में BJP के हालातों को लेकर चिंता जाहिर की है.

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वरिष्ठ BJP नेता नंदकुमार साय
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Published : Jul 7, 2020, 10:46 PM IST

रायपुर: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ ही नहीं अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर से आदिवासी और विद्वान नेता माने जाते हैं. साय छत्तीसगढ़ बनने से पहले नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में BJP की हालातों को लेकर कई तरह की बातों पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में पार्टी को खड़ा करने के लिए ताकतवर नेतृत्व की जरूरत है. अब पूरी पार्टी को एकजुट होकर नए सिरे से काम करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की है.

वरिष्ठ BJP नेता नंदकुमार साय से खास बातचीत

BJP को 2003 के दौर जैसी लड़ाई की जरूरत
नंदकुमार साय ने छत्तीसगढ़ में BJP की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद जिस तरह से भय और आतंक का माहौल था. वह स्थिति अब एक बार फिर से दिखने लगी है. उस दौर में जिस तरह से पार्टी एकजुट होकर सड़क से लेकर सदन तक सत्ता के खिलाफ लड़ी थी, ठीक वैसे ही लड़ाई की जरूरत है. उन्होंने अपने दौर को याद करते हुए कहा कि उस दौर में वह नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. जब सदन में सत्तापक्ष चर्चा से बचा करता था.

उन्होंने कहा कि विधानसभा में सत्र को भी केवल 2 दिनों का रखा गया था. वे उस दौर में विपक्ष में रहते हुए 2 दिन के सत्र का जमकर विरोध करते हुए आपत्ति जताई थी. इसके बाद पहली बार दिन रात 24 घंटे का सत्र चला जो कि सुबह से लेकर रात तक सदन की कार्रवाई हुई थी. यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है. तमाम तरह की लड़ाई और विपक्ष में रहते हुए प्रदर्शन करने पर लाठीचार्ज होने तक की बात याद दिलाई.

पढ़ें: रविंद्र चौबे ने गिनाये रमन सरकार के 15 घोटाले, बोले- 'अपने हुकूमत के दिन न भूले बीजेपी'

मार का अब तक दर्द

उन्होंने बताया कि, प्रदर्शन के दौरान उन्हें लाठीचार्ज में घुटने पर जमकर मार लगी थी जिसका दर्द आज भी उनके पैरों में है. जिस तरह से वर्तमान भारत में भारतीय जनता पार्टी दिख रही है ऐसे में प्रदेश के कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है. पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए एक बड़े मंथन की आवश्यकता है. साथ ही सभी मतभेद को भुलाकर एक मंच पर आकर अब पार्टी को खड़ा करना ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए.

मोदी सरकार की तारीफ
देश में कोरोना वायरस संकट और इसके हालातों को लेकर उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दैरान भी केंद्र सरकार ने जिस तरह से काम किया है और लंबे समय तक लॉकडाउन लगाकर देश में वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए हैं. उसके चलते ही भारत में विश्व के दूसरे देशों के मुकाबले इसका असर काफी कम है. उन्होंने कहा कि ऐसे दौर में देश में आम जनता के लिए कई तरह के राहत पैकेज लेकर आई है, 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया गया, इसके अलावा देश के 80 करोड़ लोगों को नवंबर तक मुफ्त राशन देने की घोषणा भी की गई है.

रायपुर: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता नंदकुमार साय ने ETV भारत से खास बातचीत की. इस दौरान कई मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय रखी है. नंदकुमार साय छत्तीसगढ़ ही नहीं अविभाजित मध्य प्रदेश के दौर से आदिवासी और विद्वान नेता माने जाते हैं. साय छत्तीसगढ़ बनने से पहले नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं. वर्तमान में छत्तीसगढ़ में BJP की हालातों को लेकर कई तरह की बातों पर नाराजगी जताई है. उन्होंने कहा कि विषम परिस्थितियों में पार्टी को खड़ा करने के लिए ताकतवर नेतृत्व की जरूरत है. अब पूरी पार्टी को एकजुट होकर नए सिरे से काम करने की जरूरत है. साथ ही उन्होंने केंद्र सरकार की नीतियों की जमकर तारीफ की है.

वरिष्ठ BJP नेता नंदकुमार साय से खास बातचीत

BJP को 2003 के दौर जैसी लड़ाई की जरूरत
नंदकुमार साय ने छत्तीसगढ़ में BJP की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि 2000 में छत्तीसगढ़ बनने के बाद जिस तरह से भय और आतंक का माहौल था. वह स्थिति अब एक बार फिर से दिखने लगी है. उस दौर में जिस तरह से पार्टी एकजुट होकर सड़क से लेकर सदन तक सत्ता के खिलाफ लड़ी थी, ठीक वैसे ही लड़ाई की जरूरत है. उन्होंने अपने दौर को याद करते हुए कहा कि उस दौर में वह नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. जब सदन में सत्तापक्ष चर्चा से बचा करता था.

उन्होंने कहा कि विधानसभा में सत्र को भी केवल 2 दिनों का रखा गया था. वे उस दौर में विपक्ष में रहते हुए 2 दिन के सत्र का जमकर विरोध करते हुए आपत्ति जताई थी. इसके बाद पहली बार दिन रात 24 घंटे का सत्र चला जो कि सुबह से लेकर रात तक सदन की कार्रवाई हुई थी. यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है. तमाम तरह की लड़ाई और विपक्ष में रहते हुए प्रदर्शन करने पर लाठीचार्ज होने तक की बात याद दिलाई.

पढ़ें: रविंद्र चौबे ने गिनाये रमन सरकार के 15 घोटाले, बोले- 'अपने हुकूमत के दिन न भूले बीजेपी'

मार का अब तक दर्द

उन्होंने बताया कि, प्रदर्शन के दौरान उन्हें लाठीचार्ज में घुटने पर जमकर मार लगी थी जिसका दर्द आज भी उनके पैरों में है. जिस तरह से वर्तमान भारत में भारतीय जनता पार्टी दिख रही है ऐसे में प्रदेश के कार्यकर्ताओं में भारी निराशा है. पार्टी को दोबारा खड़ा करने के लिए एक बड़े मंथन की आवश्यकता है. साथ ही सभी मतभेद को भुलाकर एक मंच पर आकर अब पार्टी को खड़ा करना ही मुख्य उद्देश्य होना चाहिए.

मोदी सरकार की तारीफ
देश में कोरोना वायरस संकट और इसके हालातों को लेकर उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की जमकर तारीफ की है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के दैरान भी केंद्र सरकार ने जिस तरह से काम किया है और लंबे समय तक लॉकडाउन लगाकर देश में वायरस को फैलने से रोकने के लिए कदम उठाए हैं. उसके चलते ही भारत में विश्व के दूसरे देशों के मुकाबले इसका असर काफी कम है. उन्होंने कहा कि ऐसे दौर में देश में आम जनता के लिए कई तरह के राहत पैकेज लेकर आई है, 20 लाख करोड़ का राहत पैकेज दिया गया, इसके अलावा देश के 80 करोड़ लोगों को नवंबर तक मुफ्त राशन देने की घोषणा भी की गई है.

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