रायपुर: सीनियर एडवोकेट और कांग्रेस के नेता इकबाल अहमद रिजवी का निधन हो गया. इकबाल अहमद लंबे समय से बीमार चल रहे थे. देवेंद्र नगर स्थित निजी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. गुरुवार इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली. उनके निधन की जानकारी होते ही अस्पताल में उनके जानने वालों का तांता लग गया. मिलनसार और व्यवहार के धनी इकबाल अहमद को एक नजर देखने के लिए अस्पताल में लोगों का तांता लग गया.
अजित जोगी की दोस्ती के लिए छोड़ा था कांग्रेस: इकबाल अहमद रिजवी छत्तीसगढ़ के प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी के घनिष्ठ मित्र थे. अजीत जोगी के कार्यकाल के दौरान इकबाल अहमद रिजवी को अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य की भूमिका भी निभाई. बताया जाता है कि अजीत जोगी किसी भी रणनीति या राजनीतिक फैसलों में इकबाल अहमद रिजवी को जरूर साथ रखते. जब अजीत जोगी ने कांग्रेस पार्टी छोड़ी तब अपने दोस्ती का परिचय देते हुए इकबाल अहमद ने भी अजीत जोगी के साथ कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी.
जोगी कांग्रेस के संस्थापक सदस्य: कांग्रेस छोड़ने के बाद अजीत जोगी ने जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नाम से पार्टी बनाई. इस पार्टी के गठन के दौरान इकबाल अहमद रिजवी की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही. इकबाल अहमद रिजवी जोगी कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में से एक रहे. जेसीसीजे बनने के बाद इकबाल अहमद रिजवी को पार्टी मीडिया विभाग का चेयरमैन बनाया गया था.
अजीत जोगी के निधन के बाद कांग्रेस में की वापसी: अजीत जोगी के निधन के बाद इकबाल अहमद रिजवी ने जोगी कांग्रेस का दामन छोड़कर, कांग्रेस पार्टी में वापस प्रवेश कर लिया. उस दौरान जब दिग्विजय सिंह रायपुर आए थे, उन्होंने इकबाल अहमद को कांग्रेस का गमझा पहना कर कांग्रेस पार्टी में प्रवेश कराया था. पूर्व में ईटीवी भारत को दिए इंटरव्यू में इकबाल अहमद रिजवी ने कहा था "मैं कांग्रेसी था, कांग्रेसी हूं और अंतिम सांस तक कांग्रेसी रहूंगा."