रायपुर: मौजूदा समय में पूरी दुनिया प्रदूषण के गिरफ्त में है, जिसका मूल कारण प्लास्टिक है. प्लास्टिक पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक है. क्योंकि यह कभी नष्ट नहीं हो सकता. प्लास्टिक का जहरीला रसायन पानी खराब करता है और समुद्री जीवों के जीवन को खतरे में डालता है. प्लास्टिक का ज्यादातर इस्तेमाल फंक्शन , शादी, पार्टी के दौरान प्लेट और डिस्पोजल के रूप में किया जाता है. इस वन टाइम प्लास्टिक यूज से बाद में काफी ज्यादा प्रदूषण पैदा होता है.
फंक्शन, शादी, पार्टी और शोक के दौरान प्लास्टिक और डिस्पोजेबल आइटम के इस्तेमाल को खत्म करने की दृष्टि से रायपुर की स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बर्तन बैंक शुरू किया (Self Help Group women started utensil bank) है. आखिर यह बर्तन बैंक है क्या? किस तरह इससे प्लास्टिक का इस्तेमाल शादियों पार्टियों में कम किया जा सकता है? इस बारे में ईटीवी भारत ने स्व सहायता समूह की महिलाओं से बातचीत की...आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...
रायपुर नगर निगम की सहायता से बर्तन बैंक की हुई शुरूआत: ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि पर्यावरण को सुरक्षित बनाने की दृष्टि से हमने बर्तन बैंक नाम से एक अनूठा अभियान शुरू किया है. इस अभियान में रायपुर महापौर, पूर्व महापौर और कैटरिंग वाले भी हमारी सहायता करते है और नगर निगम के ही तरफ से हमें सारे बर्तन भी दिए गए हैं. किसी भी शादी पार्टी या शोक के कार्यक्रम में हम स्टील से बने बर्तन को किराए पर देते हैं, जिससे शादियों और पार्टियों में प्लास्टिक का इस्तेमाल कम से कम हो इससे पर्यावरण का भी नुकसान नहीं होता और जिन्होंने पार्टी ऑर्गेनाइज की है उनको भी कम खर्चे में सामान उपलब्ध हो जाता है. बर्तन बैंक के माध्यम से हम अपने यहां के बर्तन कस्टमर को किराए पर देते हैं.
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कम कीमत पर महिलाएं देती हैं बर्तन: महिलाओं का कहना है कि हमारे यहां प्लेट, चम्मच, गुंडी, तसला, कडछी, पाटिल, छोलनी, कढ़ाई, गिलास, तवा, भगोना से लेकर तमाम सामान स्टील के हैं. शादी या किसी अन्य फंक्शन में हम दूसरे किराया भंडार के मुकाबले अपने यहा में बर्तन 50 फीसद कम कीमत पर लोगों को मुहैया कराते हैं. शोक के दौरान हम 25 फीसद कम कीमत पर अपने बर्तन देते है. जरूरत पड़ने पर परिचित के किराया भंडार भी हमारी सहायता करते हैं और अगर कुछ बर्तन कम पड़ रहे तो हम उनसे किराए पर लेकर सामने वाले को दे देते हैं.
10 समूह की महिलाएं करती है बर्तन बैंक संचालित: स्व सहायता समूह की महिलाओं ने बताया कि अभी हमें बर्तन बैंक शुरू किए हुए 3 महीने ही हुए हैं. 10 समूह की महिलाएं मिलकर यह बर्तन बैंक चलाती हैं. हर समूह में 10 महिलाएं हैं. 3 महीने में मुहूर्त कम होने से हमें शादी पार्टी की बुकिंग भी कम मिली है. बर्तन बैंक का कांसेप्ट भी नया है. इसीलिए लोगों को अभी इसके बारे में ज्यादा पता नहीं है. अगले महीने से शादी और पार्टियों के मुहूर्त शुरू हो रहे हैं तो हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले महीने से हमारी बुकिंग और ज्यादा बढ़ेगी.