रायपुर: रायपुर एयरपोर्ट पर गुरुवार को हेलीकॉप्टर क्रैश में दो पायलट की मौत हो गई. इस दुखद हादसे से पूरा देश गमगीन है. कैप्टन एपी श्रीवास्तव और कैप्टन गोपाल पंडा इस हादसे में मारे गए. पायलट गोपाल पंडा का रायपुर में अंतिम संस्कार कर दिया गया. कैप्टन एपी श्रीवास्तव का अंतिम संस्कार दिल्ली में होगा. रायपुर एयरपोर्ट पर क्रैश हुआ हेलीकॉप्टर बेहद अत्याधुनिक अगस्ता हेलीकॉप्टर है. यह खरीदी के समय से ही विवादों में है. रायपुर हेलीकॉप्टर क्रैश केस की जांच के लिए दिल्ली से डीजीसीए की टीम रायपुर पहुंची है. इस टीम में डायरेक्टर इन्वेस्टिगेटर और डायरेक्टर इंटेलिजेंस समेत 10 सदस्य शामिल हैं. हेलीकॉप्टर में मिले ब्लैक बॉक्स के अंदर आखिरी बातचीत का रिकॉर्ड रहता है. जिससे इस हादसे के कारणों का खुलासा हो सकता है. दिल्ली से आई टीम इस ब्लैक बॉक्स की जांच करेगी.
क्या होता है ब्लैक बॉक्स: विमानन क्षेत्र की भाषा के मुताबिक ब्लैक बॉक्स का उपयोग फ्लाइट और हेलीकॉप्टर की दुर्घटना का पता लगाने के लिए किया जाता है. हवाई जहाज, हेलीकॉप्टर या चॉपर जब उड़ान पर रहता है तो उसकी सारी गतिविधियां इस ब्लैक बॉक्स में रिकॉर्ड होती है. इसे फ्लाइट डाटा रिकॉर्डर (flight data recorder) भी कहा जाता है. सबसे ध्यान देने योग्य बात है कि ब्लैक बॉक्स का निर्माण टाइटेनियम नाम की धातु से किया जाता है. जो काफी शक्तिशाली होता है. इस ब्लैक बॉक्स के भीतर सुरक्षित घेरा रहता है. जो कभी भी किसी भी विमान या हेलीकॉप्टर दुर्घटना के बाद अधिकांश तौर पर सेफ रहता है. यही वजह है कि विमान और हेलीकॉप्टर हादसे के बाद इस ब्लैक बॉक्स से हादसे की वजह का पता चल पाता है.
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अगस्ता हेलीकॉप्टर कैसे हुआ हादसे का शिकार : गुरुवार देर रात प्रशिक्षण के दौरान रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट (Swami Vivekananda Airport of Raipur) पर हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ. रात 9 बजकर 10 मिनट पर हेलीकॉप्टर लैंडिंग के वक्त जमीन से टकरा गया. जैसे ही जमीन से हेलीकॉप्टर टकराया चिंगारी निकली. उसके बाद हेलीकॉप्टर कई टुकड़ों में बंट गया. शुरुआती जानकारी के मुताबिक दोनों पायलट ट्रेनिंग के लिए हेलीकॉप्टर को उड़ा रहे थे. तभी हेलीकॉप्टर के इंजन से धुआं निकलने लगा. आग लगने की संभावना को देखते हुए पायलट और को-पायलट ने हेलीकॉप्टर को जल्दी से नीचे उतारना ही मुनासिब समझा. लेकिन हेलीकॉप्टर को संभालना मुश्किल हो रहा था. इसलिए वो तेजी से नीचे आया और लैंडिंग से पहले ही जमीन से टकराकर क्रैश हो गया.
विवादों में रहा अगस्ता हेलीकॉप्टर : जिस हेलीकॉप्टर हादसे की खबर पूरे देश में चर्चा का विषय है, उस हेलीकॉप्टर का नाम अगस्ता है. यह लगातार खरीदी के दौर से ही विवादों में है. बीजेपी की रमन सरकार ने इस हेलीकॉप्टर को खरीदा था. जब से यह हेलीकॉप्टर की डील हुई तब से कांग्रेस इस पर लगातार सवाल खड़े करती आई है. कीमत से लेकर क्वालिटी और सुरक्षा मानकों के आधार पर भी अगस्ता हेलीकॉप्टर पर सवाल उठते रहे हैं. अगस्ता कई बार वीआईपी दौरों में धोखा दे चुका है. राजनेताओं को ले जाते वक्त कई बार इस हेलीकॉप्टर में फ्यूल खत्म हो गया. कभी यह ऑटो पायलट मोड पर अचानक चला गया. बीते साल स्वास्थ्य मंत्री के सरगुजा दौरे के दौरान भी यह हेलीकॉप्टर भीषण दुर्घटना से बचा था. लैंडिंग के वक्त इस हेलीकॉप्टर का शीशा टूट गया था. इस घटना के बाद से कांग्रेस सरकार ने इसका वीआईपी दौरे में इस्तेमाल करना कम कर दिया.
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अगस्ता हेलीकॉप्टर क्रैश के बाद छत्तीसगढ़ में राजनीति शुरू: नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा " यह घटना निश्चित रूप से दुखद है. मुझे ऐसा लगता है कि इसकी इंक्वायरी होनी चाहिए. पायलट पूरे प्रदेश के कोने-कोने को जानते थे. सरकारी दौरे के लिए हेलीकॉप्टर का उपयोग किया गया. उपयोग करने के बाद हेलीकॉप्टर की सर्विसिंग होनी चाहिए लेकिन सर्विसिंग नहीं हुई. इसमें लापरवाही बरती गई है. लापरवाही का शिकार हमारे दो पायलट हुए हैं. परिवार को मुआवजा देना चाहिए.''
रमन और नेता प्रतिपक्ष को देना चाहिए जवाब: कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा " हेलीकॉप्टर दुर्घटना दुखद है. इस दुर्घटना में हमारे दो जांबाज पायलटों की मौत हुई. कांग्रेस पार्टी इस दुखद स्थिति में पायलटों के परिवार के साथ खड़ी है. नेता प्रतिपक्ष को इस दुखद घटना पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. नेता प्रतिपक्ष के सवाल उठाने का यह समय नहीं है. इस घटना के कारणों पर जांच की जाएगी. जब सवाल उठेगा तो सबसे पहले सवाल इस पर भी उठेगा कि जब इसकी खरीदी की गई, तब इसकी सुरक्षा पर ध्यान क्यों नहीं दिया गया. उस समय कांग्रेस पार्टी ने इस हेलीकॉप्टर के सुरक्षा मानकों पर सवाल खड़ा किया था. सिर्फ सुरक्षा मानकों पर नहीं बल्कि खरीदी के बाद इसके रेट पर भी बात हुई थी. नेता प्रतिपक्ष, डॉ रमन सिंह को इसका भी जवाब देना चाहिए."
कब और कैसे हुई थी अगस्ता हेलीकॉप्टर की खरीदी: साल 2007 में रमन सिंह की सरकार ने अगस्ता हेलीकॉप्टर को सरकारी इस्तेमाल के लिए खरीदा था. अगस्ता हेलीकॉप्टर में ऑटो पायलट, बेहतर लैंडिंग सिस्टम, नेविगेशन जैसी तमाम सुविधाएं हैं. 2007 में 65 लाख 70 हजार डॉलर में इसे खरीदा गया था. कांग्रेस ने अगस्ता हेलीकॉप्टर खरीदी के मामले में भाजपा पर भ्रष्टाचार का आरोप भी लगाया था. इस मामले को लेकर कांग्रेस सर्वोच्च न्यायालय तक गई थी.
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2013-14 में सामने आया था अगस्ता घोटाला: राजनीतिक और रक्षा क्षेत्र के जानकारों की मानें तो अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर घोटाला भारत में 12 हेलीकॉप्टर्स के सौदे से संबंधित है. ये 2013-14 में उजागर हुआ. यूपीए सरकार के समय इस हेलीकॉप्टर के खरीदी की डील हुई थी. साल 2013-14 में कई भारतीय नेताओं और सैन्य अधिकारियों पर इस डील में मोटी घूस लेने का आरोप लगा. पूर्व एयरफोर्स चीफ एसपी त्यागी सहित 13 लोगों पर इस मामले में केस चला था. साल 2014 में इटली की एक कोर्ट ने इस सौदे को लेकर सवाल उठाए. इटली की कोर्ट ने कहा कि अगस्ता सौदे में घोटाला हुआ है. कोर्ट ने कंपनी फिनमैकेनिका को दोषी ठहराया था. अगस्ता वेस्टलैंड के पूर्व सीईओ ब्रूनो स्पैगनोलिनि को साढे़ चार साल जेल की सजा भी सुनाई गई थी. इस पूरे मामले में क्रिश्चियन मिशेल का भी नाम आया. उसे साल 2017 में यूएई से गिरफ्तार किया गया.
अगस्ता हेलीकॉप्टर की खूबियां : एक नजर अगस्ता हेलीकॉप्टर की उन खूबियों पर जिसकी वजह से कांग्रेस की यूपीए सरकार ने इसकी खरीदी को मंजूरी दी थी.
- इस हेलीकॉप्टर की खूबी इसकी सबसे बड़े केबिन को लेकर है. यह केबिन 2.49 मीटर चौड़ा है. 1.83 मीटर ऊंचा अगर फीट में बात करें तो यह 8.3 फीट चौड़ा, 6.1 फीट ऊंचा है.
- इस चॉपर का अधिकतम वजन 15600 किलो है.
- इस हेलीकॉप्टर में दो पायलट और 30 यात्री बैठ सकते हैं.
- इस हेलीकॉप्टर में तीन इंजन हैं.
- अगस्ता में तीन स्वतंत्र हाईड्रॉलिक सिस्टम हैं.
- यह हेलीकॉप्टर हवा में ईंधन भरने की क्षमता रखता है.
- यह हेलीकॉप्टर अधिकतम 278 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार पकड़ सकता है.
- इसमें 360 डिग्री के सर्विलांस रडार के साथ, आत्मरक्षा सूट, रीट्रेक्टेबल लैंडिंग गियर भी हैं.