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छत्तीसगढ़ में सौ प्रतिशत क्षमता के साथ खुलेंगे सभी स्कूल, नर्सरी से बारहवीं तक होगी पढ़ाई

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Published : Mar 31, 2022, 3:46 PM IST

Updated : Mar 31, 2022, 4:04 PM IST

एक अप्रैल से छत्तीसगढ़ के स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू हो रहा है. छत्तीसगढ़ में सीबीएसई बोर्ड के स्कूल भी खुल रहे हैं. पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण के कारण बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित रही लेकिन अब कोरोना संक्रमण थमते ही प्रदेश के सभी स्कूल 100 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित होंगे.

schools in chhattisgarh open with full capacity
छत्तीसगढ़ के स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू

रायपुर: छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ती जा रही है. ऐसे में छोटे बच्चों की कक्षाएं सुबह लगाई जाएगी. हाई स्कूल की कक्षाएं दोपहर में संचालित होंगी. राज्य सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सभी स्कूलों में ओआरएस पाउडर रखना अनिवार्य है. स्कूल से नजदीकी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र से समन्वय बनाकर रखना है ताकि तुरंत इलाज की व्यवस्था हो पाए.

छत्तीसगढ़ के स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू

स्कूलों में बुनियादी व्यवस्थाएं पुख्ता करने के निर्देश: स्कूलों में पीने के पानी की जांच और मेंटनेंस के साथ ही बिजली और पंखों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों को परेशानी ना हो. परिजनों से भी बच्चों को धूप से बचाने के लिए उन्हें टोपी, गमछा या सिर ढंककर स्कूल भेजने और उनके खानपान का खास ख्याल रखने की अपील की गई है.काफी लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुलने से बच्चों के साथ परिजनों में भी उत्साह नजर आ रहा है.

कोरोना साइड इफेक्ट: छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूल की हालत खराब, अबतक 333 स्कूल हुए बंद

स्कूल शिक्षा विभाग के फैसले का परिजनों ने किया स्वागत: परिजन अजय वर्मा का कहना है कि ''स्कूल शिक्षा विभाग ने 100% क्षमता के साथ हाईस्कूल खोले जाने का निर्णय लिया है, इसका मैं स्वागत करता हूं. पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद थे, जिसके कारण उनकी पढ़ाई पूरी तरह छूट गई. 1 अप्रैल से बच्चे स्कूल जाएंगे. गर्मी की कोई समस्या नहीं रहेगी. अगर ज्यादा गर्मी होगी तो बाद में विचार किया जाएगा. अभी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई होना बहुत जरूरी है. ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चे पढ़ाई करने के बदले मोबाइल में गेम खेला करते थे, इसलिए यह जरूरी है कि बच्चे स्कूल जाएं और पढ़ें.

बच्चों में आएगी सामाजिकता की भावना: परिजनों का कहना है कि घर में रहने के कारण बच्चों में सामाजिकता की भावना खत्म हो गई है. बच्चों के व्यवहार में भी बड़ा परिवर्तन आया है. वे जब स्कूल जाएंगे और अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई-लिखाई करेंगे, खेलेंगे तो उनका व्यवहार भी बदलेगा. ऐसी उम्मीद के साथ बच्चों को स्कूल भेजेंगे.

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज वर्ल्ड डायरेक्ट्री ऑफ मेडिकल स्कूल की सूची में शामिल

कोरोना संक्रमण का दर घटने से शिक्षा जगत को राहत: प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति चिंताजनक नहीं है. 1 अप्रैल से सभी कक्षाएं प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक पूरी क्षमता के साथ बुलाया जा रहा है. बच्चों की सुरक्षा के लिए एहतियातन सारे स्कूलों को हिदायत दी गई है. जो बच्चे मास्क पहनकर आना चाहें, वह मास्क पहनकर आएं. पिछले 2 सालों से ऐसे छोटे बच्चे जो स्कूल नहीं गए हैं, उनके अंदर स्कूलों को लेकर एक डर का माहौल है. इसे दूर करने की ज्यादा जरूरत है.

14 मई तक संचालित होगी स्कूल: कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती की गई है. जिन स्कूलों में सभी कक्षाओं की परीक्षाएं हो चुकी हैं, वहां कल से स्कूल प्रारंभ हो जाएंगे. स्कूल का संचालन 14 मई तक किया जाएगा. 15 मई से 15 जून तक यानी 32 दिनों तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ में गर्मी बढ़ती जा रही है. ऐसे में छोटे बच्चों की कक्षाएं सुबह लगाई जाएगी. हाई स्कूल की कक्षाएं दोपहर में संचालित होंगी. राज्य सरकार ने बच्चों की सुरक्षा के लिए पुख्ता इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं. डिहाइड्रेशन से बचने के लिए सभी स्कूलों में ओआरएस पाउडर रखना अनिवार्य है. स्कूल से नजदीकी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र से समन्वय बनाकर रखना है ताकि तुरंत इलाज की व्यवस्था हो पाए.

छत्तीसगढ़ के स्कूलों का शैक्षणिक सत्र शुरू

स्कूलों में बुनियादी व्यवस्थाएं पुख्ता करने के निर्देश: स्कूलों में पीने के पानी की जांच और मेंटनेंस के साथ ही बिजली और पंखों की व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि बच्चों को परेशानी ना हो. परिजनों से भी बच्चों को धूप से बचाने के लिए उन्हें टोपी, गमछा या सिर ढंककर स्कूल भेजने और उनके खानपान का खास ख्याल रखने की अपील की गई है.काफी लंबे अंतराल के बाद स्कूल खुलने से बच्चों के साथ परिजनों में भी उत्साह नजर आ रहा है.

कोरोना साइड इफेक्ट: छत्तीसगढ़ में प्राइवेट स्कूल की हालत खराब, अबतक 333 स्कूल हुए बंद

स्कूल शिक्षा विभाग के फैसले का परिजनों ने किया स्वागत: परिजन अजय वर्मा का कहना है कि ''स्कूल शिक्षा विभाग ने 100% क्षमता के साथ हाईस्कूल खोले जाने का निर्णय लिया है, इसका मैं स्वागत करता हूं. पिछले 2 सालों से कोरोना संक्रमण के कारण स्कूल बंद थे, जिसके कारण उनकी पढ़ाई पूरी तरह छूट गई. 1 अप्रैल से बच्चे स्कूल जाएंगे. गर्मी की कोई समस्या नहीं रहेगी. अगर ज्यादा गर्मी होगी तो बाद में विचार किया जाएगा. अभी बच्चों की पढ़ाई-लिखाई होना बहुत जरूरी है. ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान बच्चे पढ़ाई करने के बदले मोबाइल में गेम खेला करते थे, इसलिए यह जरूरी है कि बच्चे स्कूल जाएं और पढ़ें.

बच्चों में आएगी सामाजिकता की भावना: परिजनों का कहना है कि घर में रहने के कारण बच्चों में सामाजिकता की भावना खत्म हो गई है. बच्चों के व्यवहार में भी बड़ा परिवर्तन आया है. वे जब स्कूल जाएंगे और अपने दोस्तों के साथ पढ़ाई-लिखाई करेंगे, खेलेंगे तो उनका व्यवहार भी बदलेगा. ऐसी उम्मीद के साथ बच्चों को स्कूल भेजेंगे.

अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज वर्ल्ड डायरेक्ट्री ऑफ मेडिकल स्कूल की सूची में शामिल

कोरोना संक्रमण का दर घटने से शिक्षा जगत को राहत: प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन अध्यक्ष राजीव गुप्ता का कहना है छत्तीसगढ़ में कोरोना की स्थिति चिंताजनक नहीं है. 1 अप्रैल से सभी कक्षाएं प्री प्राइमरी से लेकर 12वीं तक पूरी क्षमता के साथ बुलाया जा रहा है. बच्चों की सुरक्षा के लिए एहतियातन सारे स्कूलों को हिदायत दी गई है. जो बच्चे मास्क पहनकर आना चाहें, वह मास्क पहनकर आएं. पिछले 2 सालों से ऐसे छोटे बच्चे जो स्कूल नहीं गए हैं, उनके अंदर स्कूलों को लेकर एक डर का माहौल है. इसे दूर करने की ज्यादा जरूरत है.

14 मई तक संचालित होगी स्कूल: कोरोना संक्रमण के दौरान बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होने के कारण स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों के ग्रीष्मकालीन अवकाश में कटौती की गई है. जिन स्कूलों में सभी कक्षाओं की परीक्षाएं हो चुकी हैं, वहां कल से स्कूल प्रारंभ हो जाएंगे. स्कूल का संचालन 14 मई तक किया जाएगा. 15 मई से 15 जून तक यानी 32 दिनों तक ग्रीष्मकालीन अवकाश रहेगा.

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Last Updated : Mar 31, 2022, 4:04 PM IST
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