रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर (Raipur) में कैबिनेट के फैसले (Cabinet decisions) के बाद प्रदेश में सितंबर से स्कूल (School) संचालित करने की अनुमति दे दी गई थी. ऐसे में शुरुआती दिनों में 10वीं और 12वीं बोर्ड की कक्षाएं संचालित की जा रही थी. लेकिन धीरे-धीरे स्कूलों में सभी कक्षाएं संचालित होने लगी है. शुरुआती दिनों में कोरोना संक्रमण (Corona virus) की चपेट में स्कूली बच्चे आ गए थे लेकिन राजधानी रायपुर में यह स्थिति देखने को नहीं मिली सरकार के आदेश अनुसार स्कूल में कुल बच्चों में सिर्फ 50% बच्चों (50% Student) को ही ऑफलाइन क्लास (Offline class) के लिए बुलाया जा रहा है. इसके अलावा ऑनलाइन (Online) माध्यम से भी पढ़ाई करवाई जा रही है.
स्कूलों की मौजूदा हालात का जायजा
स्कूलों में किस तरह की व्यवस्थाएं हैं, इसे लेकर ETV भारत ने राजधानी के अलग-अलग स्कूलों में जाकर जायजा लिया. सबसे पहले ETV भारत की टीम शासकीय पीजी उमाठे उच्चतर माध्यमिक विद्यालय शांति नगर पहुंची. वहां पाया गया कि स्कूल में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ-साथ सभी बच्चे मास्क का इस्तेमाल कर रहे हैं. स्कूल में बच्चों की अच्छी उपस्थिति देखने को मिली. स्कूल की छात्राओं ने बताया कि वे कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए स्कूल आ रहीं है.
बच्चों में अब स्कूल जाने की चाह
इसके साथ ही स्कूल की प्राचार्य विद्या सक्सेना ने बताया कि स्कूल में 50% विद्यार्थियों को ही बुलाया जा रहा है. बच्चों में काफी उत्साह है. लंबे समय तक स्कूल बंद रहे ऐसे में बच्चे स्कूल में आकर पढ़ाई करना चाहते हैं. बताया कि ऑफलाइन क्लास के साथ-साथ ऑनलाइन क्लासेस भी संचालित होती है. रायपुर में कोरोना संक्रमण के मामले कम हैं. साथ ही ज्यादातर ऐसे छात्र हैं जिनके घरों में स्मार्टफोन की व्यवस्था नहीं है. ऐसे में स्कूल आने वाले स्टूडेंट्स की संख्या बढ़ रही है.
स्कूल में चल रही तिमाही परीक्षा
जुलाई से ही स्कूल में ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाई करवाई जा रही है. ऐसे में स्कूल में त्रैमासिक परीक्षा कराई जा रही है. स्कूल की प्राचार्य ने बताया कि बच्चे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में परीक्षा दे रहे हैं.
बेटी की शादी के रूप में देखा जा रहा छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल का फार्मूला
बच्चों ने स्कूल में किया कोरोना प्रोटोकॉल का पालन
इसके बाद ETV भारत की टीम जेएन पांडे शासकीय स्कूल पहुंची. वहां पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों में भी उत्साह नजर आ रहा है. बच्चों की उपस्थिति भी अच्छी है. बच्चों ने बताया कि स्कूल आकर उन्हें काफी अच्छा लग रहा है, क्योंकि डेढ़ साल तक उन्होंने ऑनलाइन पढ़ाई की. उनका मानना है कि ऑनलाइन पढ़ाई अच्छे से नहीं हो पा रही थी. स्कूल खोलने से अब वे अपने दोस्तों के साथ मिल रहे हैं और उनके साथ पढ़ रहे हैं. बच्चों ने बताया कि उन्हें अच्छा लग रहा है. इस दौरान समय-समय पर सभी बच्चे अपना हैंड सेनीटाइज करते हैं और मास्क का इस्तेमाल भी करते.
प्राइवेट स्कूलों में बच्चों की संख्या कम
हालंकि जब ETV भारत ने शहर के अलग-अलग प्राइवेट स्कूलों का जायजा लिया, तो वहां पाया गया कि ज्यादातर क्लासेस ऑनलाइन मोड में ही संचालित हो रही है. बहुत से परिजन है, जो अपने बच्चों को कोरोना के डर से स्कूल नहीं भेजना चाह रहे हैं. ऐसे में बच्चे घर बैठे ही ऑनलाइन क्लास कर रहे हैं. प्राइवेट स्कूल मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि प्राइवेट स्कूल ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यम से चल रही है. लेकिन सरकारी स्कूल के मुकाबले निजी स्कूलों में छात्र कम संख्या में पहुंच रहे हैं. जो बच्चे प्राइवेट स्कूल में पढ़ रहे हैं उनके पास स्मार्ट फोन और मोबाइल जैसी सुविधाएं हैं. जिसके कारण वे आसानी से ऑनलाइन क्लासेस कर पाते हैं, लेकिन गवर्नमेंट स्कूल के ज्यादातर ऐसे बच्चे जो कमजोर वर्ग से आते हैं. उनके परिजनों के पास स्मार्टफोन की व्यवस्था नहीं है ऐसे में वे स्कूल जा कर पढ़ाई कर रहे हैं.
बच्चों को ऑफलाइन पढ़ाई है पसंद
इसके साथ ही राजीव गुप्ता ने बताया कि पिछले 2 सालों से बच्चे घर में बैठे-बैठे परेशान हो गए थे. अब ऑफलाइन मोड में स्कूल संचालित हो रही है. ऐसे में बच्चे स्कूल जा कर पढ़ाई करना पसंद कर रहे. प्राइवेट स्कूल और सरकारी स्कूल दोनों जगहों पर ऑनलाइन और ऑफलाइन मोड में पढ़ाई कराई जा रही. यह अच्छी बात है कि अभी प्रदेश में कोरोना संक्रमण नियंत्रण में है ऐसे में स्कूलो में विद्यार्थियों की अच्छी संख्या देखी जा रही है.