रायपुर/दिल्ली : जस्टिस बी आर गवई और विक्रम नाथ की पीठ ने उच्च न्यायालय के 19 सितंबर, 2022 के आदेश के खिलाफ गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी को नोटिस जारी (Supreme Court notice) किया. राज्य सरकार ने अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी के माध्यम से दायर अपनी याचिका में तर्क दिया कि छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने मामले के तथ्यों और दिए गए आंकड़ों की जांच किए बिना आदेश पारित किया. (SC issues notice on Chhattisgarh government plea ). इस मामले में अगली सुनवाई एक दिसंबर को होगी.
राज्य सरकार का फैसला हुआ था खारिज : उच्च न्यायालय ने सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश में कोटा बढ़ाकर 58 प्रतिशत करने के राज्य सरकार के 2012 के फैसले को खारिज कर दिया था और कहा था कि 50 प्रतिशत की सीमा से अधिक आरक्षण असंवैधानिक है.2012 में आरक्षण नियमों में संशोधन के राज्य सरकार के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया था.
2012 के संशोधन के अनुसार, अनुसूचित जाति (एससी) के लिए कोटा चार प्रतिशत घटाकर 12 प्रतिशत कर दिया गया था, जबकि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षण 12 प्रतिशत बढ़ाकर 20 प्रतिशत से 32 प्रतिशत कर दिया गया था. अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण 14 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा गया था.
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संशोधन के बाद कितना बढ़ा था कोटा : संशोधन के बाद, राज्य में संचयी आरक्षण 50 प्रतिशत की अधिकतम सीमा को पार करते हुए 58 प्रतिशत हो गया.उसी वर्ष, गुरु घासीदास साहित्य एवं संस्कृति अकादमी और अन्य याचिकाकर्ताओं ने इसे उच्च न्यायालय में चुनौती दी. याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील ने प्रस्तुत किया था कि चूंकि आरक्षण 50 प्रतिशत से अधिक हो गया है, लिहाजा संविधान के अनुच्छेद 16 (1) के तहत अवसर की समानता के सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ है. (HC order on 58 per cent quota in jobs )