रायपुर: राजधानी में बनाए जा रहे स्काईवॉक को लेकर काफी समय से असमंजस की स्थिति है. अरसे से इसे तोड़ने की बात सामने आ रही थी लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और स्काईवॉक हाई पावर कमेटी के अध्यक्ष सत्यनारायण शर्मा के बयान के बाद यह साफ हो गया है कि स्काईवाक नहीं तोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि स्काईवॉक को नहीं तोड़ा जाएगा बल्कि इसका किसी अन्य रूप में वैकल्पिक उपयोग किया जाएगा.
सत्यनारायण शर्मा ने बताया कि इस मामले पर विचार करने के लिए बनाई गई कमेटी की 6 अगस्त को बैठक बुलाई गई है. कोरोना वायरस के कारण काफी समय से बैठक नहीं हो पाई थी. इस बैठक में स्काईवॉक के वैकल्पिक उपयोग पर विचार कर निर्णय किया जाएगा. शर्मा ने कहा कि पूर्व भाजपा की सरकार ने इस स्काईवॉक को बनाने की नादानी की और उसके बाद हम इसे तोड़ने की गलती नहीं कर सकते क्योंकि इससे जनता के मेहनत की गाढ़ी कमाई बर्बाद होगी.
विभिन्न वर्गों से चर्चा के बाद लिया गया फैसला
गौरतलब है कि कमेटी ने पहले ही स्काईवॉक न तोड़ने का निर्णय लिया है. यह निर्णय विभिन्न वर्गों , बुद्धिजीवियों और विशेषज्ञों से चर्चा के बाद लिया गया है. इससे स्काई वॉक पर खर्च किए जा चुके 35 करोड रुपये बर्बाद होने से बच जाएंगे.
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पूर्व मंत्री राजेश मूणत की पहल पर बनाया जा रहा था स्काईवॉक
बता दें कि स्काईवॉक तत्कालीन भाजपा सरकार के मंत्री राजेश मूणत की पहल पर बनाया जा रहा था. उस दौरान इस स्काईवॉक का विरोध विपक्षी दल सहित अन्य वर्गों ने किया था. उन लोगों का मानना था कि स्काईवॉक की जगह फ्लाईओवर ज्यादा फायदेमंद होगा जिससे यहां पर यातायात सुगम हो सकता था. बावजूद इसके सरकार ने इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी देते हुए निर्माण कार्य शुरू करा दिया.
आने वाले दिनों में होने वाली है बैठक
सत्ता परिवर्तन के बाद कांग्रेस सरकार ने स्काईवॉक के निर्माण पर रोक लगा दी. पिछले साल 26 जुलाई को तकनीकी समिति की बैठक मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई थी. उस बैठक में इसके उपयोग पर सुझाव आए थे लेकिन बाद में हाई पावर कमेटी बना दी गई. उस कमेटी के प्रमुख सत्यनारायण शर्मा हैं. कमेटी ने विभिन्न वर्गों, बुद्धिजीवी और विशेषज्ञों से चर्चा के बाद स्काईवॉक को न तोड़ने का सुझाव दिया है. साथ ही आगामी दिनों में कमेटी की होने वाली बैठक में इसके वैकल्पिक उपयोग पर भी अपने सुझाव दिए जाएंगे.