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स्कूल भवन के लोकार्पण में देरी पर सांसद ने उठाए सवाल

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Published : Aug 21, 2019, 12:19 PM IST

सांसद संतोष पांडे ने स्कूलों के लोकार्पण पर जिला कलेक्टर की रोक लगाने वाले आदेश का विरोध किया है. साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति करने को निंदा की है.

सांसद संतोष पांडे नें स्कूल भवनों के लोकार्पण में रोक लगाने पर उठाएं सवाल

रायपुर : राजनांदगांव लोकसभा सीट से सांसद संतोष पांडे ने रायपुर में मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने हाईस्कूल भवन के लोकार्पण से पहले ही जिला प्रशासन द्वारा सील करने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि, 'क्या कलेक्टर बताएंगे की कौन सा जनप्रतिनिधि लोकार्पण करेगा'. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति करने को निंदनीय बताया.

सांसद ने कलेक्टर के आदेश पर उठाए सवाल

राजनांदगांव सांसद ने कलेक्टर के उस आदेश का विरोध किया है, जिसके अनुसार कोई भी शिलान्यास या लोकार्पण कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि, 'स्कूल भवन के निर्माण होने के बाद पीडब्लयू विभाग भवन को पंचायत को सौंप देते हैं. इसके बाद पंचायत लोकार्पण के लिए निर्णय ले सकती है. सोमवार 17 अगस्त को सहसपुर दल्ली और खैरा में नए बने स्कूल भवनों का उद्घाटन किया जाना था. इसके लिए पंचायत के जरिए आमंत्रण कार्ड भी बांट दिया गया था, लेकिन जिला कलेक्टर ने अचानक 17 अगस्त को सर्कुलर जारी किया, जिसमें लिखा था कि, जिले में कोई भी शिलान्यास कलेक्टर की परमिशन के बिना नहीं किया जा सकता. इस पर ग्रामीणों ने सवाल किया जिस पर जिला प्रशासन ने पुलिस की धौंस दिखा उन्हें चुप करा दिया. राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में जो वाकया शुरू हुआ है वो निंदनीय है'.

सांसद ने उठाए सवाल
सांसद ने जिला प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि, 'क्या कलेक्टर ये बताएंगे की कौन सा जनप्रतिनिधि लोकार्पण करेगा'. उन्होंने कलेक्टर के इस फैसले की निरंकुश बादशाह मोहम्मद तुगलक से तुलना की. साथ ही कहा कि, 'अफसरशाही छोड़कर राजनीति में आना चाह रहे हैं तो बेशक आ सकते हैं'. उन्होंने भारतीय राजनीति की परिभाषा देते हुए इस आदेश को रद्द करने की मांग की है.

रायपुर : राजनांदगांव लोकसभा सीट से सांसद संतोष पांडे ने रायपुर में मीडिया से रूबरू हुए. इस दौरान उन्होंने हाईस्कूल भवन के लोकार्पण से पहले ही जिला प्रशासन द्वारा सील करने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि, 'क्या कलेक्टर बताएंगे की कौन सा जनप्रतिनिधि लोकार्पण करेगा'. उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में राजनीति करने को निंदनीय बताया.

सांसद ने कलेक्टर के आदेश पर उठाए सवाल

राजनांदगांव सांसद ने कलेक्टर के उस आदेश का विरोध किया है, जिसके अनुसार कोई भी शिलान्यास या लोकार्पण कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं किया जा सकता. उन्होंने कहा कि, 'स्कूल भवन के निर्माण होने के बाद पीडब्लयू विभाग भवन को पंचायत को सौंप देते हैं. इसके बाद पंचायत लोकार्पण के लिए निर्णय ले सकती है. सोमवार 17 अगस्त को सहसपुर दल्ली और खैरा में नए बने स्कूल भवनों का उद्घाटन किया जाना था. इसके लिए पंचायत के जरिए आमंत्रण कार्ड भी बांट दिया गया था, लेकिन जिला कलेक्टर ने अचानक 17 अगस्त को सर्कुलर जारी किया, जिसमें लिखा था कि, जिले में कोई भी शिलान्यास कलेक्टर की परमिशन के बिना नहीं किया जा सकता. इस पर ग्रामीणों ने सवाल किया जिस पर जिला प्रशासन ने पुलिस की धौंस दिखा उन्हें चुप करा दिया. राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में जो वाकया शुरू हुआ है वो निंदनीय है'.

सांसद ने उठाए सवाल
सांसद ने जिला प्रशासन पर सवाल उठाते हुए कहा कि, 'क्या कलेक्टर ये बताएंगे की कौन सा जनप्रतिनिधि लोकार्पण करेगा'. उन्होंने कलेक्टर के इस फैसले की निरंकुश बादशाह मोहम्मद तुगलक से तुलना की. साथ ही कहा कि, 'अफसरशाही छोड़कर राजनीति में आना चाह रहे हैं तो बेशक आ सकते हैं'. उन्होंने भारतीय राजनीति की परिभाषा देते हुए इस आदेश को रद्द करने की मांग की है.

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रायपुर। राजनांदगांव लोकसभा के सांसद संतोष पांडे राजधानी रायपुर में पत्रकारों के रूबरू हुए उन्होंने कलेक्टरों के उस आदेश का विरोध किया है जिसके अनुसार कोई भी शिलान्यास या लोकार्पण कलेक्टर की अनुमति के बगैर नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि 17वे लोकसभा का 7 को सत्र समाप्त हुआ और सब सांसद वापस आये । लोकार्पण के कार्यक्रम भी होने थे लेकिन 17 को जिलाप्रशाशन ने मना किया और लोकार्पण नही करने दिया गया, ग्रामीणों के कहने पर उनपर जो बन पड़े हथकंडे अपनाया। कुल मिलाकर राजनांदगांव लोकसभा क्षेत्र में जो वाकया शुरू हुआ है वो निंदनीय नही, पहले बार ऐसा हुआ, 19 को कार्यक्रम हो रहा था तब कलेक्टर ने सर्कुलर जारी किया जिसमें लिखा गया कि जिले में कोई भी शिलान्यास कलेक्टर के परमिशन के बिना न किया जाये।

Body:उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि क्या कलेक्टर ये बताएंगे की कौन सा जनप्रतिनिधि लोकार्पण करेगा। ये मोहम्मद तुगलक की तरह हरकते कर रहे है। ये निंदनीय कृत्य है। ये अगर राजनीती में आना चाह रहे है तो नॉकरी छोड़ आ सकते है। वफादारी में मै कितना आगे बढ़ सकता हु ये दिखाया जा रहा है। जनता के द्वारा जनता के लिए जनता की सरकार ये राजनीती की परिभाषा है। इस पर राजनीति नहीं करना चाहिए। शासन के इस आदेश को रद्द करना चाहिए, अन्यथा बीजेपी जल्द कदम उठाएगी, मैं भी 18 लाख लोगो द्वारा चुना गया हूं कलेक्टर को ये नही भूलना चाहिये।

बाईट- संतोष पाण्डे, सांसद, राजनांदगांव

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुरConclusion:
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