रायपुर: राजधानी के बूढ़ा तालाब धरनास्थल पर छत्तीसगढ़ स्कूल सफाई कल्याण कर्मचारी संघ ने नियमितीकरण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन के दौरान कर्मचारी संघ के सदस्यों ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.
पूर्णकालिक करने की मांग को लेकर प्रदर्शन
कर्मचारी संघ सेवा को पूर्णकालिक करने की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान कर्मचारी संघ का ने सरकार को चोतावनी देते हुए कहा कि 30 अगस्त तक सरकार अगर पूर्णकालिक कर्मचारी के रूप में उनकी नियुक्त नहीं करती है तो आने वाले समय में वे उग्र प्रदर्शन करेंगे. साथ ही नगरी निकाय चुनाव और पंचायत चुनाव में सरकार के खिलाफ काम करने की भी धमकी दी.
दो घंटे के लिए बुलाकर पांच घंटे काम कराने का आरोप
कर्मचारियों का कहना है कि स्कूलों में 2 घंटे का काम करने के लिए उन्हें बुलाया जाता है, लेकिन स्कूल के स्टाफ द्वारा उनसे 4 से 5 घंटे तक स्कूल का काम कराया जाता है. इसके चलते इन्हें दूसरी जगह कोई काम नहीं मिल पाता. कर्मचारी न ही स्कूल का काम ठीक से कर पाते हैं और न ही अपने घर का काम कर पाते हैं. सफाई कर्मचारी अंशकालीन कर्मचारी के रूप में पिछले 9 साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं.
6 महीनों से नहीं मिला मानदेय
कर्मचारी संघ ने कहा कि मांगों को गंभीरता से नहीं लेने पर, आने वाले समय में वे लोग मंत्री और विधायकों के घर में डेरा डालने को मजबूर होंगे. इतने कम मानदेय पर सफाई कर्मचारी अपना और अपने परिवार का पालन पोषण भी नहीं कर पा रहा है. सरकारी स्कूलों में काम करने वाले इन सफाई कर्मियों को पिछले 6 महीने का मानदेय भी नहीं मिला. ऐसे में सफाई कर्मी उधार और कर्जा लेकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे हैं.
एक हजार से बढ़ाकर दो हजार हुआ मानदेय
प्रदेश भर के सभी सरकारी स्कूलों में इन कर्मचारियों को काम करते हुए लगभग 9 साल हो चुके हैं. इन 9 सालों में सफाई कर्मियों को मानदेय के रूप में एक हजार रुपये शुरू में दिया जा रहा था. अब उनका मानदेय दो हजार रुपये कर दिया गया है, लेकिन महंगाई के इस दौर में दो हजार रुपये में काम करने वाले कर्मचारी अपने और अपने परिवार का पालन पोषण कैसे कर पाएंगे.