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SPECIAL: छत्तीसगढ़ में बैन गुटखा और तंबाकू की जद में आ रहे बच्चे-बुजुर्ग !

छत्तीसगढ़ में गुटखा बैन है. बावजूद इसके हर गली-मोहल्ले के चौक-चौराहों पर खुलेआम नशे का कारोबार चल रहा है. नशे के सौदागर पान मसाले की आड़ में तंबाकू युक्त गुटखा बेच रहे हैं. इससे हर वर्ग तबाह हो रहा है. बच्चे भी नशे की जद में आ रहे हैं. पढ़िए पूरी खबर...

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छत्तीसगढ़ में बैन गुटखा और तंबाकू
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Published : Mar 4, 2021, 7:36 PM IST

Updated : Mar 4, 2021, 8:36 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में गुटखा पर प्रतिबंध लगा है. गुटखा बेचना दंडनीय अपराध है. बावजूद इसके खुलेआम शहर के गली मोहल्ले चौक-चौराहों और सभी प्रमुख स्थलों पर गुटखा खुलेआम बिक रहा है. बिक्री का तरीका जरूर बदल गया है. पहले गुटखा-तंबाकू युक्त होता था, लेकिन अब पान-मसाले की आड़ में अलग से तंबाकू के साथ बेचा जा रहा है. आलम यह है कि बच्चों में भी गुटखे की लत बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके इसे रोकने के लिए संबंधित विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है.

छत्तीसगढ़ में बैन गुटखा और तंबाकू की जद में आ रहे बच्चे-बुजुर्ग !

अनलॉक इंडिया: फिर शुरू हुआ मीठे जहर का कारोबार, लॉकडाउन में छूट गई थी आदत

39.1 प्रतिशत लोग प्रदेश में करते हैं तंबाकू का सेवन

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. यह देश की औसतन 28.4 प्रतिशत से अधिक है. इसमें 7 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिन्होंने 15 वर्ष की उम्र से पहले ही तंबाकू का सेवन शुरू कर दिया था. 29 प्रतिशत ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4 प्रतिशत ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया है. औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तंबाकू का सेवन शुरू किया था.

सावधान! कोरोना काल में गुटखा खाकर खुले में थूकना सब के लिए घातक

पिछले कुछ दिनों में गुटके के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई

कवर्धा बस स्टैंड स्थित शिव हर्बल एजेंसी में 15 दिसंबर 2020 में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की. यहां से भारी मात्रा में जर्दा युक्त गुटखा बरामद हुआ था. पुलिस ने दबिश देकर भांग की गोली भी जब्त की थी. इन दोनों चीजों की कीमत लगभग 5 लाख आंकी गई थी.

35 बोरी प्रतिबंधित गुटखा जब्त

महासमुंद पुलिस ने 16 दिसंबर 2020 को 35 बोरी प्रतिबंधित गुटखा जब्त की थी. जर्दा युक्त गुटखे के साथ दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली से कंटेनर से जूता-चप्पल बल्ब के बीच छुपा कर रखा गया था. 35 बोरी गुटखा के साथ पकड़े गए आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. जब गुटखे की कीमत लगभग 12 लाख 50 हजार रुपये थी. इसके अलावा भी कुछ कार्रवाई प्रदेश के विभिन्न जिलों में जर्दा युक्त गुटखे के खिलाफ की गई है.

कोटपा एक्ट के तहत नहीं हो रही कार्रवाई

केंद्र सरकार ने 18 मई 2003 को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा एक्ट ) लागू किया है. अधिनियम के तहत विज्ञापन का प्रतिषेध, व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन , प्रदाय और वितरण का विनिमय पर स्पष्ट प्रावधान हैं. अधिनियम में सिगरेट जर्दा युक्त गुटखा, सूंघकर नशा करने वाला पदार्थ सभी का उल्लेख है. विक्रय के लिए आवश्यक नियम अधिनियम में उल्लेखित है. एक्ट में नाबालिग को तंबाकू युक्त पदार्थ देना दंडनीय है, जिस पर जुर्माने का प्रावधान है.

तंबाकू छोड़ने लगातार चलाया जा रहा जन-जागरण अभियान
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जिला सलाहकार डॉ सृष्टि यदु ने बताया राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम लॉन्च किया गया है. समय-समय पर सरकार योजनाएं चला रही है. एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में तंबाकू फ्री करने का काम किया जा रहा है. नशा मुक्ति केंद्र में काउंसलिंग की जा रही है. पिछले साल 1600 मरीज थे, जिन्होंने तंबाकू का सेवन छोड़ा है. उनका फॉलोअप भी किया जा रहा है. कोरोना की वजह से लोगों की तंबाकू की लत को छुड़ाया जा सका है. सृष्टि ने कहा कि कोटपा एक्ट तोड़ने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई भी की जाती है.

पान मसाला के साथ अलग से दिया जाता है तंबाकू
सृष्टि यदु ने कहा कि प्रतिबंध के बाद दुकानों में तंबाकू युक्त गुटखे खुले में बिक रहे हैं. पान-मसाला के साथ तंबाकू की पुड़िया चुपके से अलग से दी जाती है. गुटका कंपनियां यह तंबाकू ग्राहकों को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं. इस वजह से लोग गुटखे की लत से दूर नहीं हो पा रहे हैं.

2015 से अब तक 2000 लोगों की छुड़ाई जा चुकी है तंबाकू की लत
रायपुर में 2015 से अब तक लगभग 2000 लोगों को गुटखे के नशे से मुक्त कराया गया है. कोटपा एक्ट के तहत 2015 से लेकर अब तक लगभग ढाई लाख रुपये की चालानी कार्रवाई की गई है.

सेवन करने वाले भी मानते हैं कि हानिकारक तंबाकू
गुटखा सेवन करने वाले लोग भी चाहते हैं कि वे गुटखे की लत से छुटकारा पा सकें, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. गुटखा के सेवन करने वाले लोगों ने कहा कि गुटखा खाना हानिकारक है. इससे दांत खराब होते हैं. जर्दा खाने के कारण कैंसर होने की भी संभावना होती है. आत्मसंतुष्टि के लिए गुटखा का सेवन कर रहे हैं. धीरे-धीरे कम करके छोड़ देंगे.

तंबाकू से कैंसर के साथ कई बीमारियां हो रही
डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा कि गुटखा की वजह से मुंह और गले का कैंसर होता है. इसके अलावा भी कई बीमारियां होती हैं. शरीर के अन्य भागों में भी तंबाकू से कैंसर होते हैं. तंबाकू सेवन करने वालों को खाना खाने में भी दिक्कतें हो रही है. गले में तकलीफ, खाने का स्वाद नहीं मिलता. गुटखे की वजह से अन्य बीमारियां जकड़ना शुरू कर देती हैं.

कांग्रेस सरकार में बढ़ा गुटखा और तंबाकू का अवैध कारोबार: बीजेपी
बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तब से सभी प्रकार के अवैध काम की छूट मिल गई है. कानून व्यवस्था बिगड़ते जा रही है. दूसरे राज्यों की शराब शासकीय शराब की दुकानों से बिक रही हैं. रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं. जनप्रतिनिधियों की पिटाई हो रही है. ऐसे में गुटखा-तंबाकू भी खुले आम बिक रहा है.

गुटखा और तंबाकू विक्रेताओं के खिलाफ लगातार की जाती है कार्रवाई
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में तंबाकू युक्त गुटखा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. सरकार का मानना है कि गुटखे की वजह से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं. इसलिए सरकार ने कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं. तंबाकू युक्त गुटखा के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है.

गुटका के खिलाफ पुलिस और फूड डिपार्टमेंट को मिलकर करनी होगी कार्रवाई
वरिष्ठ पत्रकार रवि भोई का कहना है कि गुटखा के खिलाफ पुलिस और फूड डिपार्टमेंट को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए. खुलेआम तंबाकू बिक रहा है. नशे का सामान बिक रहा है. पिछले दिनों राजधानी रायपुर में कई प्रतिबंधित नशीले पदार्थ और ड्रग्स बिकने की खबरें भी आई हैं. कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं. भोई ने कहा कि यदि सरकार ने कानून बनाया है तो उसका क्रियान्वयन सख्ती से होना चाहिए संबंधित विभाग को सख्त कदम उठाना चाहिए तभी उस पर रोक लगाया जा सकता है।

नशे की वजह से सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी और बच्चे हो रहे है बर्बाद
भोई ने कहा कि आज नशे की वजह से सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी और बच्चे बर्बाद हो रहे हैं. तंबाकू की वजह से जहां एक और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आने वाली पीढ़ी भी इससे प्रभावित हो रही है. भोई ने बताया कि कानून का पालन न होने के कारण अवैध कारोबार चल रहा है. कर्मचारियों की कमी, ट्रेनिंग का अभाव और भ्रष्टाचार है. यही वजह है कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है.

नशीले पदार्थ मिलाकर बेचने पर प्रतिबंध

ETV भारत ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से बातचीत की. इस पर उन्होंने कहा कि शराब की तरह ये भी ऐसा पदार्थ है, जो मानव समाज को प्रभावित करते आ रहा है. इसमें प्रतिबंध के लिए देश में कोई कानून अबतक नहीं है. कोटपा का कानून है, जो इनमें अलग से नशीले पदार्थ मिलाकर बेचने पर प्रतिबंध लगाता है. खुले में सिगरेट नहीं पी सकते, तो इसके लिए भी आजकल एयरपोर्ट में होटलों में स्मोकिंग जोन और नो स्मोकिंग जोन अलग से बनाए जा रहे हैं.

लापरवाही पर होगी कार्रवाई

सिंहदेव ने कहा कि गुटखा में भी प्रतिबंध नहीं है. इसमें प्रतिबन्धित तत्व मिश्रित नहीं हैं तो, अगर प्रतिबंधित तत्व मिश्रित गुटखे बिक रहे हैं, तो सरकार की जिम्मेदारी है. स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है की वो करवाई करे.

गुटखा तंबाकू खिलाफ कार्रवाई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है
अब देखने वाली बात है कि प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से प्रदेश में गुटखा और तंबाकू युक्त उत्पादों के विक्रय पर रोक लगाने सरकार क्या कदम उठाती है साथ ही संबंधित विभाग इसे रोकने किस तरह के कार्रवाई करता है क्योंकि बार-बार विभागों के दावों के बावजूद आज तक गुटका तंबाकू युक्त उत्पाद की बिक्री नहीं रोकी जा सकती है यह काम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में गुटखा पर प्रतिबंध लगा है. गुटखा बेचना दंडनीय अपराध है. बावजूद इसके खुलेआम शहर के गली मोहल्ले चौक-चौराहों और सभी प्रमुख स्थलों पर गुटखा खुलेआम बिक रहा है. बिक्री का तरीका जरूर बदल गया है. पहले गुटखा-तंबाकू युक्त होता था, लेकिन अब पान-मसाले की आड़ में अलग से तंबाकू के साथ बेचा जा रहा है. आलम यह है कि बच्चों में भी गुटखे की लत बढ़ती जा रही है. बावजूद इसके इसे रोकने के लिए संबंधित विभाग कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है.

छत्तीसगढ़ में बैन गुटखा और तंबाकू की जद में आ रहे बच्चे-बुजुर्ग !

अनलॉक इंडिया: फिर शुरू हुआ मीठे जहर का कारोबार, लॉकडाउन में छूट गई थी आदत

39.1 प्रतिशत लोग प्रदेश में करते हैं तंबाकू का सेवन

ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे 2016-17 के अनुसार छत्तीसगढ़ में 39.1 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं. यह देश की औसतन 28.4 प्रतिशत से अधिक है. इसमें 7 प्रतिशत लोग ऐसे थे, जिन्होंने 15 वर्ष की उम्र से पहले ही तंबाकू का सेवन शुरू कर दिया था. 29 प्रतिशत ने 15-17 वर्ष की उम्र से और 35.4 प्रतिशत ने 18-19 वर्ष में सेवन शुरू किया है. औसतन 18.5 वर्ष की आयु में तंबाकू का सेवन शुरू किया था.

सावधान! कोरोना काल में गुटखा खाकर खुले में थूकना सब के लिए घातक

पिछले कुछ दिनों में गुटके के खिलाफ की गई बड़ी कार्रवाई

कवर्धा बस स्टैंड स्थित शिव हर्बल एजेंसी में 15 दिसंबर 2020 में पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की. यहां से भारी मात्रा में जर्दा युक्त गुटखा बरामद हुआ था. पुलिस ने दबिश देकर भांग की गोली भी जब्त की थी. इन दोनों चीजों की कीमत लगभग 5 लाख आंकी गई थी.

35 बोरी प्रतिबंधित गुटखा जब्त

महासमुंद पुलिस ने 16 दिसंबर 2020 को 35 बोरी प्रतिबंधित गुटखा जब्त की थी. जर्दा युक्त गुटखे के साथ दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया था. दिल्ली से कंटेनर से जूता-चप्पल बल्ब के बीच छुपा कर रखा गया था. 35 बोरी गुटखा के साथ पकड़े गए आरोपी हरियाणा के रहने वाले हैं. जब गुटखे की कीमत लगभग 12 लाख 50 हजार रुपये थी. इसके अलावा भी कुछ कार्रवाई प्रदेश के विभिन्न जिलों में जर्दा युक्त गुटखे के खिलाफ की गई है.

कोटपा एक्ट के तहत नहीं हो रही कार्रवाई

केंद्र सरकार ने 18 मई 2003 को सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा एक्ट ) लागू किया है. अधिनियम के तहत विज्ञापन का प्रतिषेध, व्यापार, वाणिज्य, उत्पादन , प्रदाय और वितरण का विनिमय पर स्पष्ट प्रावधान हैं. अधिनियम में सिगरेट जर्दा युक्त गुटखा, सूंघकर नशा करने वाला पदार्थ सभी का उल्लेख है. विक्रय के लिए आवश्यक नियम अधिनियम में उल्लेखित है. एक्ट में नाबालिग को तंबाकू युक्त पदार्थ देना दंडनीय है, जिस पर जुर्माने का प्रावधान है.

तंबाकू छोड़ने लगातार चलाया जा रहा जन-जागरण अभियान
राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम की जिला सलाहकार डॉ सृष्टि यदु ने बताया राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम लॉन्च किया गया है. समय-समय पर सरकार योजनाएं चला रही है. एजुकेशनल इंस्टीट्यूट में तंबाकू फ्री करने का काम किया जा रहा है. नशा मुक्ति केंद्र में काउंसलिंग की जा रही है. पिछले साल 1600 मरीज थे, जिन्होंने तंबाकू का सेवन छोड़ा है. उनका फॉलोअप भी किया जा रहा है. कोरोना की वजह से लोगों की तंबाकू की लत को छुड़ाया जा सका है. सृष्टि ने कहा कि कोटपा एक्ट तोड़ने वालों के खिलाफ चालानी कार्रवाई भी की जाती है.

पान मसाला के साथ अलग से दिया जाता है तंबाकू
सृष्टि यदु ने कहा कि प्रतिबंध के बाद दुकानों में तंबाकू युक्त गुटखे खुले में बिक रहे हैं. पान-मसाला के साथ तंबाकू की पुड़िया चुपके से अलग से दी जाती है. गुटका कंपनियां यह तंबाकू ग्राहकों को निशुल्क उपलब्ध करा रहे हैं. इस वजह से लोग गुटखे की लत से दूर नहीं हो पा रहे हैं.

2015 से अब तक 2000 लोगों की छुड़ाई जा चुकी है तंबाकू की लत
रायपुर में 2015 से अब तक लगभग 2000 लोगों को गुटखे के नशे से मुक्त कराया गया है. कोटपा एक्ट के तहत 2015 से लेकर अब तक लगभग ढाई लाख रुपये की चालानी कार्रवाई की गई है.

सेवन करने वाले भी मानते हैं कि हानिकारक तंबाकू
गुटखा सेवन करने वाले लोग भी चाहते हैं कि वे गुटखे की लत से छुटकारा पा सकें, लेकिन यह इतना आसान नहीं है. गुटखा के सेवन करने वाले लोगों ने कहा कि गुटखा खाना हानिकारक है. इससे दांत खराब होते हैं. जर्दा खाने के कारण कैंसर होने की भी संभावना होती है. आत्मसंतुष्टि के लिए गुटखा का सेवन कर रहे हैं. धीरे-धीरे कम करके छोड़ देंगे.

तंबाकू से कैंसर के साथ कई बीमारियां हो रही
डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा कि गुटखा की वजह से मुंह और गले का कैंसर होता है. इसके अलावा भी कई बीमारियां होती हैं. शरीर के अन्य भागों में भी तंबाकू से कैंसर होते हैं. तंबाकू सेवन करने वालों को खाना खाने में भी दिक्कतें हो रही है. गले में तकलीफ, खाने का स्वाद नहीं मिलता. गुटखे की वजह से अन्य बीमारियां जकड़ना शुरू कर देती हैं.

कांग्रेस सरकार में बढ़ा गुटखा और तंबाकू का अवैध कारोबार: बीजेपी
बीजेपी ने सरकार पर निशाना साधा है. भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने कहा कि छत्तीसगढ़ में जब से कांग्रेस की सरकार आई है, तब से सभी प्रकार के अवैध काम की छूट मिल गई है. कानून व्यवस्था बिगड़ते जा रही है. दूसरे राज्यों की शराब शासकीय शराब की दुकानों से बिक रही हैं. रेत माफिया सक्रिय हो गए हैं. जनप्रतिनिधियों की पिटाई हो रही है. ऐसे में गुटखा-तंबाकू भी खुले आम बिक रहा है.

गुटखा और तंबाकू विक्रेताओं के खिलाफ लगातार की जाती है कार्रवाई
कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि प्रदेश में तंबाकू युक्त गुटखा पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा हुआ है. सरकार का मानना है कि गुटखे की वजह से लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा है. लोग कैंसर से पीड़ित हो रहे हैं. इसलिए सरकार ने कड़ाई से लागू करने के निर्देश दिए हैं. तंबाकू युक्त गुटखा के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए निर्देशित किया गया है.

गुटका के खिलाफ पुलिस और फूड डिपार्टमेंट को मिलकर करनी होगी कार्रवाई
वरिष्ठ पत्रकार रवि भोई का कहना है कि गुटखा के खिलाफ पुलिस और फूड डिपार्टमेंट को मिलकर कार्रवाई करनी चाहिए. खुलेआम तंबाकू बिक रहा है. नशे का सामान बिक रहा है. पिछले दिनों राजधानी रायपुर में कई प्रतिबंधित नशीले पदार्थ और ड्रग्स बिकने की खबरें भी आई हैं. कई लोग गिरफ्तार किए गए हैं. भोई ने कहा कि यदि सरकार ने कानून बनाया है तो उसका क्रियान्वयन सख्ती से होना चाहिए संबंधित विभाग को सख्त कदम उठाना चाहिए तभी उस पर रोक लगाया जा सकता है।

नशे की वजह से सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी और बच्चे हो रहे है बर्बाद
भोई ने कहा कि आज नशे की वजह से सबसे ज्यादा युवा पीढ़ी और बच्चे बर्बाद हो रहे हैं. तंबाकू की वजह से जहां एक और बच्चे के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है. आने वाली पीढ़ी भी इससे प्रभावित हो रही है. भोई ने बताया कि कानून का पालन न होने के कारण अवैध कारोबार चल रहा है. कर्मचारियों की कमी, ट्रेनिंग का अभाव और भ्रष्टाचार है. यही वजह है कि कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जाती है.

नशीले पदार्थ मिलाकर बेचने पर प्रतिबंध

ETV भारत ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से बातचीत की. इस पर उन्होंने कहा कि शराब की तरह ये भी ऐसा पदार्थ है, जो मानव समाज को प्रभावित करते आ रहा है. इसमें प्रतिबंध के लिए देश में कोई कानून अबतक नहीं है. कोटपा का कानून है, जो इनमें अलग से नशीले पदार्थ मिलाकर बेचने पर प्रतिबंध लगाता है. खुले में सिगरेट नहीं पी सकते, तो इसके लिए भी आजकल एयरपोर्ट में होटलों में स्मोकिंग जोन और नो स्मोकिंग जोन अलग से बनाए जा रहे हैं.

लापरवाही पर होगी कार्रवाई

सिंहदेव ने कहा कि गुटखा में भी प्रतिबंध नहीं है. इसमें प्रतिबन्धित तत्व मिश्रित नहीं हैं तो, अगर प्रतिबंधित तत्व मिश्रित गुटखे बिक रहे हैं, तो सरकार की जिम्मेदारी है. स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है की वो करवाई करे.

गुटखा तंबाकू खिलाफ कार्रवाई सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती है
अब देखने वाली बात है कि प्रतिबंध के बावजूद अवैध रूप से प्रदेश में गुटखा और तंबाकू युक्त उत्पादों के विक्रय पर रोक लगाने सरकार क्या कदम उठाती है साथ ही संबंधित विभाग इसे रोकने किस तरह के कार्रवाई करता है क्योंकि बार-बार विभागों के दावों के बावजूद आज तक गुटका तंबाकू युक्त उत्पाद की बिक्री नहीं रोकी जा सकती है यह काम सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है.

Last Updated : Mar 4, 2021, 8:36 PM IST
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