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छत्तीसगढ़ के चुनाव में महिलाओं की भूमिका, जानिए कैसे बनती हैं गेम चेंजर

छत्तीसगढ़ में महिलाओं को लेकर अब पार्टियां बिल्कुल स्पष्ट संदेश दे रही हैं. आने वाले चुनाव में महिलाओं को केंद्रित करके ही पार्टियां मैदान में उतरेगी. एक तरफ बीजेपी ने बिलासपुर की हुंकार रैली से अपने कार्यकर्ताओं को चार्ज किया है.वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन बस्तर दौरे पर महिलाओं से सीधा संवाद स्थापित कर रही हैं. इसलिए ये माना जा रहा है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाएं एक बहुत बड़ा गेम चेंजर साबित हो सकती हैं.

Role of women in Chhattisgarh elections
छत्तीसगढ़ के चुनाव में महिलाओं की भूमिका
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Published : Nov 12, 2022, 1:36 PM IST

Updated : Nov 12, 2022, 7:37 PM IST

रायपुर : छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों के द्वारा महिलाओं को आगे करने की कवायद में तेज हो गई है. जहां एक और भाजपा महिला मोर्चा (BJP Mahila Morcha) के द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार रैली निकाली (Mahtari Hunkar rally in Bilaspur) गई. जिसमें स्मृति ईरानी मौजूद थी.वहीं दूसरी और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन बस्तर दौरे पर पहुंची हैं. जहां वे महिला कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मिल आगे की चुनावी रणनीति तैयार करेंगी. अन्य राजनीतिक दल भी महिलाओं की आगामी विधानसभा चुनाव में भूमिका बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

बीजेपी ने महतारी रैली से भरी हुंकार : शुक्रवार को बिलासपुर में भाजपा महिला मोर्चा के द्वारा हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) सहित भाजपा के तमाम बड़ी नेत्री शामिल हुई, इस रैली में काफी संख्या में महिला कार्यकर्ता शामिल हुए यह हुंकार रैली महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर निकाली गई थी इस दौरान स्मृति ईरानी ने महिलाओं की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला.

कांग्रेस का महिलाओं पर फोकस : वहीं कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन इन दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास हैं. जिसके तहत वे बस्तर पहुंची है. रंजीत रंजन वहां पर आदिवासी महिलाओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुन रही हैं. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी उनके द्वारा स्थानीय कांग्रेस नेत्रियों और और महिला कार्यकर्ताओं से मुलाकात की जा रही है. इस बीच वे भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुई हैं. रंजीत रंजन का यह बस्तर प्रवास कहीं ना कहीं आदिवासी महिलाओं को साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.

बस्तर दौरे पर रंजीत रंजन
बस्तर दौरे पर रंजीत रंजन
वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने कहा कि ''पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण दिया गया. जिससे काफी संख्या में महिलाओं की भागीदारी राजनीति में देखने को मिली. इसके बाद लोकसभा राज्यसभा विधानसभा में भी लगातार महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. यदि छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष में बात की जाए तो यहां पर भी महिलाओं की भागीदारी राजनीति में अन्य राज्यों की अपेक्षा कहीं ज्यादा है. यदि वोटरों की बात की जाए तो कई विधानसभा क्षेत्रों में पुरुषों की अपेक्षा महिला वोटर ज्यादा हैं. इतना ही नहीं चुनाव के दौरान महिला वोटर ज्यादा मतदान में भाग लेती हैं . यही कारण है कि लगातार राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है इसे राजनीतिक दल भी समझ रहे हैं. इसलिए राजनीतिक दलों के द्वारा महिलाओं के मुद्दे और महिलाओं को आगे किया जा रहा है.


महिला कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत का कहना है कि '' कांग्रेस में महिलाओं को ज्यादा तवज्जो दी गई है दूसरे पार्टियों के अपेक्षा कांग्रेस महिलाओं को ज्यादा मान सम्मान देती है.. यही वजह है कि कांग्रेस में महिलाओं को ज्यादा महत्व दिया जाता है.वंदना का आरोप है कि भाजपा के द्वारा महिलाओं को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. जब चुनाव होता है तो महिलाओं को आगे कर दिया जाता है. बाद में उनकी सुध नहीं ली जाती है.''

सरकार बनाने में महिलाओं की भूमिका : बता दें कि छत्तीसगढ़ में महिला और पुरुष वोटर की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. यही वजह है कि कांग्रेस ने महिलाओं को साधने की रणनीति बनाई है. छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा की सीटों में 22 ऐसी सीट है जहां महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है.इनमें पत्थलगांव, धरमजयगढ़, खल्लारी, मरवाही, कवर्धा, महासमुंद, बिंद्रावांगढ़, सिहावा, खुज्जी 1. मोहला-मानपुर, कांकेर, भानुप्रतापपुर, केशकाल, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, बस्तर, कोंटा, बीजापुर और कोंडागांव डौंडी लोहरा शामिल है. इन 22 सीटों में से 19 सीटें कांग्रेस के पास है.

महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या : वहीं 2020 के अनुमानित जनसंख्या के अनुसार छत्तीसगढ़ में 3 करोड़ 21 लाख 99 हजार 722 लोग हैं. जिसमें अनुमानित महिलाओं की जनसंख्या 1 करोड़ 60 लाख 27 हज़ार 84 है. प्रदेश में होने वाले चुनाव में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. यही वजह है कि 2023 विधानसभा चुनाव में सभी पार्टी अब महिलाओं को साधने में जुटी है.

आइए जानते कि महिला और पुरुष वोटरों की प्रदेश में कितनी संख्या है.

2003 विधानसभा चुनाव में वोटर

• कुल - 1.35 करोड़
• पुरुष - 68.11 लाख
• महिला - 67.32 लाख

2018 विधानसभा चुनाव में वोटर

• कुल - 1.89 करोड़
• पुरुष - 94.77 लाख
• महिला - 94.38 लाख

90 में से 15 सीटों पर काबिज है महिला विधायक

प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में 15 सीटों पर महिलाएं काबिज हैं. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 90 सीट में से 13 सीटें महिलाओं ने जीतीं. इसके बाद प्रदेश में हुए दो उप चुनाव में कांग्रेस से जीत हासिल कर देवती कर्मा और यशोदा बर्मा भी विधानसभा में पहुंची.

छत्तीसगढ़ में महिला विधायक

1. अनिला भेडिया
2. अम्बिका सिंहदेव
3. रश्मि सिंह ठाकुर
4. शकुंतला साहू
5. संगीता सिन्हा
6. देवती कर्मा
7. अनिता शर्मा
8. उत्तरी जांगड़े
9. लक्ष्मी ध्रुव
10. ममता चंद्राकर
11. छन्नी साहू
12. यशोदा बर्मा
13. रंजना साहू
14. रेणु जोगी
15. इंदु बंजारे

इन 15 महिला विधायकों में 12 विधायक कांग्रेस की हैं वहीं भाजपा, बहुजन समाज पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से एक एक महिला विधायक है.

भाजपा - रंजना साहू
बहुजन समाज पार्टी - इंदु बंजारे
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे )- रेणु जोगी विधायक हैं

एक महिला विधायक है मंत्री : कांग्रेस के 12 महिला विधायकों में से एक महिला विधायक को मंत्री बनाया गया है. मंत्री बनने वाली महिला विधायक का नाम अनिला भेड़िया है. जो वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग देख रही हैं.

संसदीय सचिव बनी तीन महिला विधायक : वही तीन महिला विधायक संसदीय सचिव का दायित्व निभा रही हैं. इनमें बैकुंठपुर से विधायक राजपरिवार से आने वाली अम्बिका सिंहदेव पीएचई विभाग के संसदीय सचिव है. कसडोल से विधायक शकुंतला साहू कृषि पशुपालन विभाग में संसदीय सचिव है. वही तखतपुर से विधायक रश्मि सिंह ठाकुर संसदीय सचिव है.

11 लोकसभा सीटों पर 3 महिला सांसदों का कब्जा : छत्तीसगढ़ लोकसभा में कुल 11 सीटें हैं जिसमें से 3 सीटों पर महिलाओं का कब्जा है इन 3 सीटों में से दो भाजपा और एक कांग्रेस के पास है.

5 राज्यसभा सीटों में से 3 पर महिला सांसद काबिज : यदि राज्यसभा सीटों की बात की जाए तो प्रदेश में कुल 5 राज्यसभा सीटें हैं जिसमें से वर्तमान में 3 सीटों पर महिला सांसदों का कब्जा है. इन 3 सीटों में से 2 पर कांग्रेस और एक पर भाजपा सांसद काबिज है.

रायपुर : छत्तीसगढ़ में आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजनीतिक दलों के द्वारा महिलाओं को आगे करने की कवायद में तेज हो गई है. जहां एक और भाजपा महिला मोर्चा (BJP Mahila Morcha) के द्वारा राज्य सरकार के खिलाफ हुंकार रैली निकाली (Mahtari Hunkar rally in Bilaspur) गई. जिसमें स्मृति ईरानी मौजूद थी.वहीं दूसरी और कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन बस्तर दौरे पर पहुंची हैं. जहां वे महिला कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं से मिल आगे की चुनावी रणनीति तैयार करेंगी. अन्य राजनीतिक दल भी महिलाओं की आगामी विधानसभा चुनाव में भूमिका बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं. यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए महिलाओं की भूमिका महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

बीजेपी ने महतारी रैली से भरी हुंकार : शुक्रवार को बिलासपुर में भाजपा महिला मोर्चा के द्वारा हुंकार रैली का आयोजन किया गया था. जिसमें केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Union Minister Smriti Irani) सहित भाजपा के तमाम बड़ी नेत्री शामिल हुई, इस रैली में काफी संख्या में महिला कार्यकर्ता शामिल हुए यह हुंकार रैली महिलाओं की सुरक्षा और उनके अधिकारों को लेकर निकाली गई थी इस दौरान स्मृति ईरानी ने महिलाओं की स्थिति को लेकर राज्य सरकार पर जमकर हमला बोला.

कांग्रेस का महिलाओं पर फोकस : वहीं कांग्रेस की राज्यसभा सांसद रंजीत रंजन इन दिनों छत्तीसगढ़ प्रवास हैं. जिसके तहत वे बस्तर पहुंची है. रंजीत रंजन वहां पर आदिवासी महिलाओं से मुलाकात कर उनकी समस्याओं को सुन रही हैं. साथ ही आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर भी उनके द्वारा स्थानीय कांग्रेस नेत्रियों और और महिला कार्यकर्ताओं से मुलाकात की जा रही है. इस बीच वे भारत जोड़ो यात्रा में भी शामिल हुई हैं. रंजीत रंजन का यह बस्तर प्रवास कहीं ना कहीं आदिवासी महिलाओं को साधने की कवायद के रूप में देखा जा रहा है.

बस्तर दौरे पर रंजीत रंजन
बस्तर दौरे पर रंजीत रंजन
वरिष्ठ पत्रकार शशांक शर्मा ने कहा कि ''पंचायती राज में महिलाओं को आरक्षण दिया गया. जिससे काफी संख्या में महिलाओं की भागीदारी राजनीति में देखने को मिली. इसके बाद लोकसभा राज्यसभा विधानसभा में भी लगातार महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है. यदि छत्तीसगढ़ के परिपेक्ष में बात की जाए तो यहां पर भी महिलाओं की भागीदारी राजनीति में अन्य राज्यों की अपेक्षा कहीं ज्यादा है. यदि वोटरों की बात की जाए तो कई विधानसभा क्षेत्रों में पुरुषों की अपेक्षा महिला वोटर ज्यादा हैं. इतना ही नहीं चुनाव के दौरान महिला वोटर ज्यादा मतदान में भाग लेती हैं . यही कारण है कि लगातार राजनीति में महिलाओं की भागीदारी बढ़ रही है इसे राजनीतिक दल भी समझ रहे हैं. इसलिए राजनीतिक दलों के द्वारा महिलाओं के मुद्दे और महिलाओं को आगे किया जा रहा है.


महिला कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता वंदना राजपूत का कहना है कि '' कांग्रेस में महिलाओं को ज्यादा तवज्जो दी गई है दूसरे पार्टियों के अपेक्षा कांग्रेस महिलाओं को ज्यादा मान सम्मान देती है.. यही वजह है कि कांग्रेस में महिलाओं को ज्यादा महत्व दिया जाता है.वंदना का आरोप है कि भाजपा के द्वारा महिलाओं को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. जब चुनाव होता है तो महिलाओं को आगे कर दिया जाता है. बाद में उनकी सुध नहीं ली जाती है.''

सरकार बनाने में महिलाओं की भूमिका : बता दें कि छत्तीसगढ़ में महिला और पुरुष वोटर की संख्या में ज्यादा अंतर नहीं है. यही वजह है कि कांग्रेस ने महिलाओं को साधने की रणनीति बनाई है. छत्तीसगढ़ में 90 विधानसभा की सीटों में 22 ऐसी सीट है जहां महिला वोटरों की संख्या ज्यादा है.इनमें पत्थलगांव, धरमजयगढ़, खल्लारी, मरवाही, कवर्धा, महासमुंद, बिंद्रावांगढ़, सिहावा, खुज्जी 1. मोहला-मानपुर, कांकेर, भानुप्रतापपुर, केशकाल, नारायणपुर, चित्रकोट, दंतेवाड़ा, जगदलपुर, बस्तर, कोंटा, बीजापुर और कोंडागांव डौंडी लोहरा शामिल है. इन 22 सीटों में से 19 सीटें कांग्रेस के पास है.

महिलाओं की अनुमानित जनसंख्या : वहीं 2020 के अनुमानित जनसंख्या के अनुसार छत्तीसगढ़ में 3 करोड़ 21 लाख 99 हजार 722 लोग हैं. जिसमें अनुमानित महिलाओं की जनसंख्या 1 करोड़ 60 लाख 27 हज़ार 84 है. प्रदेश में होने वाले चुनाव में पुरुषों के साथ-साथ महिलाएं भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती हैं. यही वजह है कि 2023 विधानसभा चुनाव में सभी पार्टी अब महिलाओं को साधने में जुटी है.

आइए जानते कि महिला और पुरुष वोटरों की प्रदेश में कितनी संख्या है.

2003 विधानसभा चुनाव में वोटर

• कुल - 1.35 करोड़
• पुरुष - 68.11 लाख
• महिला - 67.32 लाख

2018 विधानसभा चुनाव में वोटर

• कुल - 1.89 करोड़
• पुरुष - 94.77 लाख
• महिला - 94.38 लाख

90 में से 15 सीटों पर काबिज है महिला विधायक

प्रदेश की 90 विधानसभा सीट में 15 सीटों पर महिलाएं काबिज हैं. वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 90 सीट में से 13 सीटें महिलाओं ने जीतीं. इसके बाद प्रदेश में हुए दो उप चुनाव में कांग्रेस से जीत हासिल कर देवती कर्मा और यशोदा बर्मा भी विधानसभा में पहुंची.

छत्तीसगढ़ में महिला विधायक

1. अनिला भेडिया
2. अम्बिका सिंहदेव
3. रश्मि सिंह ठाकुर
4. शकुंतला साहू
5. संगीता सिन्हा
6. देवती कर्मा
7. अनिता शर्मा
8. उत्तरी जांगड़े
9. लक्ष्मी ध्रुव
10. ममता चंद्राकर
11. छन्नी साहू
12. यशोदा बर्मा
13. रंजना साहू
14. रेणु जोगी
15. इंदु बंजारे

इन 15 महिला विधायकों में 12 विधायक कांग्रेस की हैं वहीं भाजपा, बहुजन समाज पार्टी और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से एक एक महिला विधायक है.

भाजपा - रंजना साहू
बहुजन समाज पार्टी - इंदु बंजारे
जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे )- रेणु जोगी विधायक हैं

एक महिला विधायक है मंत्री : कांग्रेस के 12 महिला विधायकों में से एक महिला विधायक को मंत्री बनाया गया है. मंत्री बनने वाली महिला विधायक का नाम अनिला भेड़िया है. जो वर्तमान में महिला एवं बाल विकास विभाग देख रही हैं.

संसदीय सचिव बनी तीन महिला विधायक : वही तीन महिला विधायक संसदीय सचिव का दायित्व निभा रही हैं. इनमें बैकुंठपुर से विधायक राजपरिवार से आने वाली अम्बिका सिंहदेव पीएचई विभाग के संसदीय सचिव है. कसडोल से विधायक शकुंतला साहू कृषि पशुपालन विभाग में संसदीय सचिव है. वही तखतपुर से विधायक रश्मि सिंह ठाकुर संसदीय सचिव है.

11 लोकसभा सीटों पर 3 महिला सांसदों का कब्जा : छत्तीसगढ़ लोकसभा में कुल 11 सीटें हैं जिसमें से 3 सीटों पर महिलाओं का कब्जा है इन 3 सीटों में से दो भाजपा और एक कांग्रेस के पास है.

5 राज्यसभा सीटों में से 3 पर महिला सांसद काबिज : यदि राज्यसभा सीटों की बात की जाए तो प्रदेश में कुल 5 राज्यसभा सीटें हैं जिसमें से वर्तमान में 3 सीटों पर महिला सांसदों का कब्जा है. इन 3 सीटों में से 2 पर कांग्रेस और एक पर भाजपा सांसद काबिज है.

Last Updated : Nov 12, 2022, 7:37 PM IST
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