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SPECIAL: तीन साल के मुकाबले 2020 में नीचे रहा सड़क दुर्घटना का ग्राफ

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Published : Dec 31, 2020, 4:16 PM IST

राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में सड़क हादसा चिंता का विषय है. प्रदेश में आए दिन सड़क हादसे होते रहते हैं. इन हादसों का शिकार सबसे ज्यादा युवा होते हैं. पुलिस के लगातार अभियान चलाने के बाद भी लोगों में अब भी जागरुकता की कमी है. हालांकि 2020 में सड़क हादसों में कमी आई है.

road accidents reduced in Chhattisgarh
सड़क दुर्घटनाओं में कमी

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में सड़क हादसा चिंता का विषय है. सड़क हादसों के पीछे कई तरह के कारण देखने को मिले हैं. जिसमें वाहन चालकों की लापरवाही, नियमों का पालन न करना जैसी तमाम चीजें हैं. जिस वजह से लोग समय से पहले ही मौत के मुंह में समा जाते हैं. यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है. लेकिन इसके बाद भी लोगों में जागरूकता की कमी देखने को मिल रही है. इन सब के बीच अकेले रायपुर की बात की जाए तो, पिछले तीन साल में 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में कुछ कमी आई है.

2020 में नीचे रहा सड़क दुर्घटना का ग्राफ

रायपुर जिले में 17 ब्लैक स्पॉट हैं. जहां ज्यादातर सड़क हादसे होते रहते हैं. इन जगहों पर वाहनों का दबाव और वाहन चालकों के लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने के कारण भी सड़क हादसे हुए हैं. 17 ब्लैक स्पॉट में मंदिर हसौद चौक, जोरा चौक, सरोना चौक, टाटीबंध चौक, रायपुरा चौक, धनेली नाला, माना बस्ती, खरोरा, राजू ढाबा, जैसे 17 ब्लैक स्पॉट रायपुर जिले में चिन्हित किए गए थे, जिसमें इंजीनियरिंग सुधार और ओवरब्रिज बनाए जाने के बाद रायपुर जिले में अब ब्लैक स्पॉट की संख्या 9 हो गई है .

सड़क हादसे की चपेट में युवा सबसे ज्यादा

रायपुर में सड़क हादसों को लेकर जब ETV भारत ने स्थानीय लोगों से बात की तो उनका कहना था कि सड़क हादसों के पीछे वाहन चालकों की लापरवाही एक वड़ी वजह है. स्थानीय लोग भी मानते हैं कि वाहन चालक यातायात नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी मनमानी करते हैं. लोगों का कहना है कि सड़क हादसों में 18 से 30 साल के युवाओं की मौत ज्यादा होती है. ऐसे में वाहन चालकों को सतर्क और सावधान होकर वाहन चलाने की जरूरत है.

पढ़ें: धरसींवा में स्वास्थ्य कर्मचारी की सड़क हादसे में मौत

2020 में सड़क हादसो में कमी

राजधानी रायपुर सहित पूरे जिले में हुए सड़क हादसों के बारे में जब ETV भारत ने यातायात विभाग के डीएसपी से बात की तो उनका कहना था कि साल 2018 के मुकाबले साल 2020 में सड़क हादसों में कमी आई है. क्योंकि 2020 में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर दुपहिया और चार पहिया वाहनों की आवाजाही भी नहीं के बराबर रही.

सड़क हादसे के 3 साल के आंकड़े

  • साल 2018 में रायपुर जिले में 2 हजार 75 सड़क दुर्घटना हुई है. जिसमें 427 लोगों की मौत हुई है और 1 हजार 374 लोग घायल हुए हैं.
  • साल 2019 में 2 हजार 146 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 458 लोगों की मौत हुई. 1 हजार 581 लोग घायल हुए हैं.
  • साल 2020 में जनवरी से नवंबर तक 1 हजार 598 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 437 लोगों की मौत हुई. 1 हजार 186 लोग इस सड़क हादसे में घायल हुए हैं.

विधायक सत्यनारायण ने मांगी थी जानकारी

रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक सतनारायण शर्मा ने प्रदेश में जनवरी 2020 से नवंबर 2020 तक सड़क हादसों की जानकारी मांगी थी. जिसपर प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने 11 महीनों में हुए सड़क हादसों जानकारी दी थी.

पढ़ें: बिलासपुर: ट्रैक्टर और स्कूटी की भिड़ंत में दो युवक घायल

  • 11 महीनों में प्रदेश भर में 10 हजार 269 सड़क दुर्घटनाएं हुई. जिसमें 4 हजार 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 9 हजार 409 लोग इस सड़क हादसे में घायल हुए.

विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक सड़क दुर्घटना के मामले में रायपुर जिला सबसे खतरनाक है. इसके अलावा बिलासपुर, राजनादगांव, रायगढ़ और दुर्ग जिले से भी चिंताजनक आंकड़े आए हैं.

विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से नवंबर 2020 की अवधि में-

  • बिलासपुर जिले में 819 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 264 लोगों की जान गई.
  • राजनांदगांव जिले में 699 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 253 लोगों की मौत हुई.
  • रायगढ़ में 449 सड़क दुर्घटनाएं हुई. जिसमें 232 लोगों की मौत हुई.
  • महासमुंद जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 198 लोगों की मौत की रिपोर्ट आई है.

रायपुर: राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में सड़क हादसा चिंता का विषय है. सड़क हादसों के पीछे कई तरह के कारण देखने को मिले हैं. जिसमें वाहन चालकों की लापरवाही, नियमों का पालन न करना जैसी तमाम चीजें हैं. जिस वजह से लोग समय से पहले ही मौत के मुंह में समा जाते हैं. यातायात नियमों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है. लेकिन इसके बाद भी लोगों में जागरूकता की कमी देखने को मिल रही है. इन सब के बीच अकेले रायपुर की बात की जाए तो, पिछले तीन साल में 2020 में सड़क दुर्घटनाओं में कुछ कमी आई है.

2020 में नीचे रहा सड़क दुर्घटना का ग्राफ

रायपुर जिले में 17 ब्लैक स्पॉट हैं. जहां ज्यादातर सड़क हादसे होते रहते हैं. इन जगहों पर वाहनों का दबाव और वाहन चालकों के लापरवाही पूर्वक गाड़ी चलाने के कारण भी सड़क हादसे हुए हैं. 17 ब्लैक स्पॉट में मंदिर हसौद चौक, जोरा चौक, सरोना चौक, टाटीबंध चौक, रायपुरा चौक, धनेली नाला, माना बस्ती, खरोरा, राजू ढाबा, जैसे 17 ब्लैक स्पॉट रायपुर जिले में चिन्हित किए गए थे, जिसमें इंजीनियरिंग सुधार और ओवरब्रिज बनाए जाने के बाद रायपुर जिले में अब ब्लैक स्पॉट की संख्या 9 हो गई है .

सड़क हादसे की चपेट में युवा सबसे ज्यादा

रायपुर में सड़क हादसों को लेकर जब ETV भारत ने स्थानीय लोगों से बात की तो उनका कहना था कि सड़क हादसों के पीछे वाहन चालकों की लापरवाही एक वड़ी वजह है. स्थानीय लोग भी मानते हैं कि वाहन चालक यातायात नियमों को दरकिनार करते हुए अपनी मनमानी करते हैं. लोगों का कहना है कि सड़क हादसों में 18 से 30 साल के युवाओं की मौत ज्यादा होती है. ऐसे में वाहन चालकों को सतर्क और सावधान होकर वाहन चलाने की जरूरत है.

पढ़ें: धरसींवा में स्वास्थ्य कर्मचारी की सड़क हादसे में मौत

2020 में सड़क हादसो में कमी

राजधानी रायपुर सहित पूरे जिले में हुए सड़क हादसों के बारे में जब ETV भारत ने यातायात विभाग के डीएसपी से बात की तो उनका कहना था कि साल 2018 के मुकाबले साल 2020 में सड़क हादसों में कमी आई है. क्योंकि 2020 में कोरोना और लॉकडाउन की वजह से सड़कों पर दुपहिया और चार पहिया वाहनों की आवाजाही भी नहीं के बराबर रही.

सड़क हादसे के 3 साल के आंकड़े

  • साल 2018 में रायपुर जिले में 2 हजार 75 सड़क दुर्घटना हुई है. जिसमें 427 लोगों की मौत हुई है और 1 हजार 374 लोग घायल हुए हैं.
  • साल 2019 में 2 हजार 146 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 458 लोगों की मौत हुई. 1 हजार 581 लोग घायल हुए हैं.
  • साल 2020 में जनवरी से नवंबर तक 1 हजार 598 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 437 लोगों की मौत हुई. 1 हजार 186 लोग इस सड़क हादसे में घायल हुए हैं.

विधायक सत्यनारायण ने मांगी थी जानकारी

रायपुर ग्रामीण से कांग्रेस विधायक सतनारायण शर्मा ने प्रदेश में जनवरी 2020 से नवंबर 2020 तक सड़क हादसों की जानकारी मांगी थी. जिसपर प्रदेश के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने 11 महीनों में हुए सड़क हादसों जानकारी दी थी.

पढ़ें: बिलासपुर: ट्रैक्टर और स्कूटी की भिड़ंत में दो युवक घायल

  • 11 महीनों में प्रदेश भर में 10 हजार 269 सड़क दुर्घटनाएं हुई. जिसमें 4 हजार 17 लोगों की मौत हो चुकी है. 9 हजार 409 लोग इस सड़क हादसे में घायल हुए.

विधानसभा में पेश किए गए आंकड़ों के मुताबिक सड़क दुर्घटना के मामले में रायपुर जिला सबसे खतरनाक है. इसके अलावा बिलासपुर, राजनादगांव, रायगढ़ और दुर्ग जिले से भी चिंताजनक आंकड़े आए हैं.

विधानसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से नवंबर 2020 की अवधि में-

  • बिलासपुर जिले में 819 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 264 लोगों की जान गई.
  • राजनांदगांव जिले में 699 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं. जिसमें 253 लोगों की मौत हुई.
  • रायगढ़ में 449 सड़क दुर्घटनाएं हुई. जिसमें 232 लोगों की मौत हुई.
  • महासमुंद जिले में सड़क दुर्घटनाओं में 198 लोगों की मौत की रिपोर्ट आई है.
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