रायपुर: राजमार्गों पर सड़क किनारे खड़े होने वाले बड़ी-बड़ी ट्रकों और लॉरियों सड़क दुर्घटना का सबसे बड़ा कारण मानी जा रही है. खासकर ठंड के दिनों में नवंबर, दिसंबर और जनवरी के महीने में शाम और रात के समय विजिबिलिटी कम होने के कारण ज्यादातर सड़क दुर्घटनाएं होती है. इसके अलावा वाहन चालकों द्वारा लापरवाही पूर्वक वाहन चलाना भी शामिल है. पिछले 3 सालों की तुलना में इस साल राजमार्गों पर सड़क हादसों में कमी देखने को मिली है.
हाईवे में ज्यादा सावधानी की जरूरत
स्टेट और नेशनल हाईवे पर सड़क हादसे ज्यादा होते हैं. ज्यादातर वाहन चालक लापरवाही पूर्वक वाहन चलाते हैं. ऐसे में स्टेट हाईवे और नेशनल हाईवे में शाम और रात के समय वाहन चालकों को सावधान और सतर्क होकर वाहन चलाना चाहिए.
हाइवे पर खड़ी गाड़ियां बनी मुश्किल
राजमार्गों पर सड़क किनारे खड़ी होने वाली बड़ी-बड़ी ट्रक और लॉरियों की वजह से सड़क हादसे देखने को मिलते हैं. हाईवे पर होने वाले सड़क हादसों को लेकर ETV भारत ने कुछ स्थानीय लोगों से बात की तो उन्होंने बताया कि सड़क किनारे और ढाबों के सामने खड़े ट्रक और लारियों की वजह से सड़क हादसे बढ़ रहे हैं. ऐसे में यातायात विभाग को चाहिए कि इन पर लगाम कसी जाए जिससे सड़क हादसों में कमी लाई जा सके.
वाहनों चालकों की लापरवाही से हो रहे हादसे
यातायात विभाग के डीएसपी सतीश ठाकुर ने बताया कि हाईवे पर होने वाले हादसों के पीछे वाहन चालकों की लापरवाही सामने आ रही है. जैसे गलत साइड से गाड़ी चलाना, बिना हेलमेट पहने गाड़ी चलाना ये सारी बातें सामने आ रही हैं.
'हाहवे पर पेट्रोलिंग की गाड़ियां रख रही नजर'
हाईवे में सड़क किनारे और ढाबों के सामने खड़ी हुई गाड़ियों के खिलाफ यातायात पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है. यातायात पुलिस की चार हाईवे पेट्रोलिंग गाड़ियां हाइवे में चक्कर लगाती है, और ऐसी गाड़ियों पर रेडियम स्टीकर लगाने का काम करती हैं. इसके साथ ही ऐसे वाहनों पर कार्रवाई भी की जाती हैं.
रायपुर जिले में हाईवे पर पिछले 3 सालों में हुए सड़क दुर्घटना के आंकड़े.
वर्ष 2018 में रायपुर जिले के हाईवे में 582 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 146 लोगों की मौत हुई, और 357 लोग घायल हुए.
वर्ष 2019 में रायपुर जिले के हाईवे में 717 सड़क हादसे हुए हैं. जिसमें 193 लोगों की मौत हुई है और 541 लोग घायल हुए.
वर्ष 2020 में जनवरी से लेकर नवंबर तक रायपुर जिले के हाईवे में 573 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 191 लोगों की मौत हुई है और 433 लोग घायल हुए.