रायपुर: पूर्व जिला पंचायत सदस्य परमानंद जांगड़े ने प्रदेश में अरबों रुपए के चावल घोटाले का दावा किया है, जांगड़े ने बताया कि चावल घोटाला को सुनियोजित ढंग से किया गया है, जिसका प्रमाण खाद्य विभाग के पारदर्शी वेबसाइट में दर्ज किए गए दस्तवेजों से मिलता है.
40 नगरीय निकाय क्षेत्रों की राशन दुकानों में गड़बड़ी की आशंका
जांगड़े ने कहा कि प्रदेश में गुलाबी राशन कार्ड (अंत्योदय) में प्रति कार्ड 35 किलो चावल दिया जाना प्रस्तावित है, नीला कार्ड (प्राथमिक) में प्रति परिवार 7 किलो चावल प्रदान किया जाता है. प्रदेश के नगरी क्षेत्र में 1261 राशन दुकान तथा ग्रामीण क्षेत्र में 11043 राशन दुकान है. इस प्रकार पूरे प्रदेश में कुल 12304 राशन दुकान संचालित हैं. इसमें प्रथम चरण में प्रदेश के 40 नगरी निकाय क्षेत्र में 100 राशन दुकानों का आवंटन, वितरण और शेष बचत राशन के संबंध में शासन द्वारा ऑनलाइन रिकॉर्ड में दर्ज किए गए दस्तावेजों की जांच पड़ताल करने पर पाया गया कि इन दुकानों में पिछले 2 साल से हर महीने जनता को दिए जाने वाले चावल खुले बाजार में बेच दिया गया और कागज में बचत दिखाया जा रहा है. इससे 37553 क्विंटल चावल की धांधली स्पष्ट रूप से नजर आ रही है. अगर उक्त सामान का भंडारण राशन दुकानों में है तो उनकी जांच की जाए. उक्त सामान को समायोजन विभाग द्वारा समायोजित करें जिससे इसकी असली सच्चाई सामने आ सके.
11 करोड़ रुपए का घोटालाः जांगड़े
परमानंद जांगड़े के मुताबिक लगभग 11 करोड़ रुपए का घोटाला, चावल की हेराफेरी में हुआ है. उन्होंने इस घोटाले को पिछले शासन में हुए राशन घोटाले से भी बड़ा बताया है. जांगड़े मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, और खाद्य विभाग के सचिव को इस मामले से अवगत कराएंगे.
मंत्री अमरजीत ने दिया उचित कार्रवाई का आश्वासन
इस घोटाले के संबंध में ETV भारत ने खाद्य मंत्री अमरजीत भगत से बात की, उन्होंने कहा कि मामले की जांच कराई जाएगी और जांच सही पाए जाने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.