रायपुर: नायब तहसीलदार और तहसीलदारों ने आज अनिश्चितकालीन हड़ताल को स्थगित (Naib Tehsildar and Tehsildars postponed indefinite strike ) कर दिया है. शासन की ओर से सुरक्षा देने के आदेश जारी होने के बाद तहसीलदारों ने आंदोलन समाप्त किया है. रायगढ़ तहसील कोर्ट में राजस्व अधिकारी और वकीलों को बीच मारपीट हुई थी. इसके विरोध में छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ (Chhattisgarh Junior Administrative Service Association) के बैनर तले 14 फरवरी से प्रदेश स्तरीय अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू किया गया था.
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राजस्व कर्मचारियों का आंदोलन स्थगित
छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रांत अध्यक्ष कृष्ण कुमार लहरे ने बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर आंदोलन स्थगित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि हमने आंदोलन समाप्त कर दिया है. शासन ने हमारी मांगें मान ली है. शासन के आदेशों के अनुसार, राजस्व न्यायालय में सुरक्षा व्यवस्था का इंतजाम नहीं किया जाता है तो यह आंदोलन फिर से शुरू किया जाएगा और तभी हम यह आंदोलन खत्म करने की घोषणा करेंगे. फिलहाल हड़ताल जनहित में जनता की समस्याओं को देखते हुए स्थगित की जाती है.
कार्यालयों में अतिरिक्त समय देंगे तहसीलदार और नयाब तहसीलदार
कृष्ण कुमार लहरे ने बताया कि अनिश्चितकालीन आंदोलन होने की वजह से तहसील कार्यालयों में काम पेंडिंग पड़े हैं. उन्होंने कहा कि छात्रों के हित में काम को समय पर पूर्ण करने का प्रयास करेंगे. इसके लिए अतिरिक्त समय देंगे.
धन उगाही कौन करता है?
वहीं प्रांत अध्यक्ष ने कहा कि तहसील कार्यालयों में सीधे जनता के माध्यम से आवेदन पत्र हम तक नहीं आते या तो वह लोक सेवा केंद्र के माध्यम से आते हैं या किसी अधिवक्ता के माध्यम से आता है. 99 फीसद मामला अधिवक्ताओं के माध्यम से प्रस्तुत होते हैं. पैसों की उगाही कौन करता है आप यह स्वयं समझ सकते हैं. आरोप लगाना आसान है, लेकिन भ्रष्टाचार के जन्मदाता कौन हैं इसकी जांच होनी चाहिए.