रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निवास में जन चौपाल का आयोजन किया गया. जहां लोग अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे थे. इस दौरान अपनी समस्या लेकर आए नगर निगम के कर्मचारी को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा.
नगर निगम के रिटायर्ड कर्मचारी राकेश 31 जुलाई 2017 को रिटायर हुए थे, लेकिन उसे रिटायर होने के बावजूद निगम की ओर से उनका अंतिम भुगतान नहीं किया गया.
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दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर
सिस्टम की लेटलतीफी की वजह से राकेश को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. राकेश ने रिटायर्ड होने के बाद सारे दस्तावेज आरटीआई से निकलवाकर नगर निगम में जमा कराया. लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी वो दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं.
मुखिया से मिलने से पहले भगा दिया
राकेश जब सभी दफ्तरों का चक्कर काट कर थक गए, तो उन्होंने जन चौपाल में सूबे से मुखिया ने न्याय की गुहार लगाने की ठानी और जन चौपाल में अपना दर्द बताने के लिए पहुंच गए सीएम हाउस.
मुख्यमंत्री से न्याय की थी उम्मीद
राकेश को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुनेंगे और उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन सीएम हाउस में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. काफी देर के बाद अफसरों ने उनके आवेदन को नगरीय निकाय मंत्री के पास ले जाने की बात कहते हुए उन्हें वहां से भगा दिया.
सीएम हाउस से ठोकर खाकर आया बाहर
बता दें कि रिटायर्ड नगर निगम कर्मचारी राकेश कई मर्तबा अधिकारी और मंत्रियों को आवेदन दे चुके हैं, जिस पर कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद राकेश अपनी फरियाद लेकर जन चौपाल में पहुंचे थे कि आज उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, लेकिन दर-दर की ठोकरें खाने के बाद आज फिर उसे सीएम हाउस से भी ठोकर खाकर बाहर आना पड़ा.