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सीएम की जन चौपाल में बुजुर्ग का अपमान, पहले अंदर बुलाया, फिर भगाया

मुख्यमंत्री निवास में जन चौपाल का आयोजन किया गया था, जिसमें लोग अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने सीएम हाउस के अंदर तो उन्हें प्रवेश करने दिया लेकिन सीएम से मिलने नहीं दिया.

सीएम से मिलने नहीं दिया गया
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Published : Jul 4, 2019, 11:26 AM IST

Updated : Jul 4, 2019, 2:03 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निवास में जन चौपाल का आयोजन किया गया. जहां लोग अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे थे. इस दौरान अपनी समस्या लेकर आए नगर निगम के कर्मचारी को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा.

वीडियो

नगर निगम के रिटायर्ड कर्मचारी राकेश 31 जुलाई 2017 को रिटायर हुए थे, लेकिन उसे रिटायर होने के बावजूद निगम की ओर से उनका अंतिम भुगतान नहीं किया गया.

पढ़ें: धमतरी : सीएम ने लगाई चौपाल, ग्रामीणों की समस्या सुन अधिकारियों को दिए निराकरण के निर्देश

दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर
सिस्टम की लेटलतीफी की वजह से राकेश को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. राकेश ने रिटायर्ड होने के बाद सारे दस्तावेज आरटीआई से निकलवाकर नगर निगम में जमा कराया. लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी वो दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं.

मुखिया से मिलने से पहले भगा दिया
राकेश जब सभी दफ्तरों का चक्कर काट कर थक गए, तो उन्होंने जन चौपाल में सूबे से मुखिया ने न्याय की गुहार लगाने की ठानी और जन चौपाल में अपना दर्द बताने के लिए पहुंच गए सीएम हाउस.

मुख्यमंत्री से न्याय की थी उम्मीद
राकेश को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुनेंगे और उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन सीएम हाउस में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. काफी देर के बाद अफसरों ने उनके आवेदन को नगरीय निकाय मंत्री के पास ले जाने की बात कहते हुए उन्हें वहां से भगा दिया.

सीएम हाउस से ठोकर खाकर आया बाहर
बता दें कि रिटायर्ड नगर निगम कर्मचारी राकेश कई मर्तबा अधिकारी और मंत्रियों को आवेदन दे चुके हैं, जिस पर कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद राकेश अपनी फरियाद लेकर जन चौपाल में पहुंचे थे कि आज उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, लेकिन दर-दर की ठोकरें खाने के बाद आज फिर उसे सीएम हाउस से भी ठोकर खाकर बाहर आना पड़ा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री निवास में जन चौपाल का आयोजन किया गया. जहां लोग अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे थे. इस दौरान अपनी समस्या लेकर आए नगर निगम के कर्मचारी को खाली हाथ वापस लौटना पड़ा.

वीडियो

नगर निगम के रिटायर्ड कर्मचारी राकेश 31 जुलाई 2017 को रिटायर हुए थे, लेकिन उसे रिटायर होने के बावजूद निगम की ओर से उनका अंतिम भुगतान नहीं किया गया.

पढ़ें: धमतरी : सीएम ने लगाई चौपाल, ग्रामीणों की समस्या सुन अधिकारियों को दिए निराकरण के निर्देश

दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर
सिस्टम की लेटलतीफी की वजह से राकेश को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ा. राकेश ने रिटायर्ड होने के बाद सारे दस्तावेज आरटीआई से निकलवाकर नगर निगम में जमा कराया. लंबा वक्त बीत जाने के बाद भी वो दर-दर की ठोकर खाने को मजबूर हैं.

मुखिया से मिलने से पहले भगा दिया
राकेश जब सभी दफ्तरों का चक्कर काट कर थक गए, तो उन्होंने जन चौपाल में सूबे से मुखिया ने न्याय की गुहार लगाने की ठानी और जन चौपाल में अपना दर्द बताने के लिए पहुंच गए सीएम हाउस.

मुख्यमंत्री से न्याय की थी उम्मीद
राकेश को उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री उनकी फरियाद सुनेंगे और उन्हें न्याय मिलेगा, लेकिन सीएम हाउस में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें अंदर नहीं जाने दिया. काफी देर के बाद अफसरों ने उनके आवेदन को नगरीय निकाय मंत्री के पास ले जाने की बात कहते हुए उन्हें वहां से भगा दिया.

सीएम हाउस से ठोकर खाकर आया बाहर
बता दें कि रिटायर्ड नगर निगम कर्मचारी राकेश कई मर्तबा अधिकारी और मंत्रियों को आवेदन दे चुके हैं, जिस पर कार्रवाई नहीं की गई. जिसके बाद राकेश अपनी फरियाद लेकर जन चौपाल में पहुंचे थे कि आज उनकी समस्याओं का समाधान हो जाएगा, लेकिन दर-दर की ठोकरें खाने के बाद आज फिर उसे सीएम हाउस से भी ठोकर खाकर बाहर आना पड़ा.

Intro:रायपुर मुख्यमंत्री द्वारा जन चौपाल का आयोजन किया गया था जिसमें लोग अपनी समस्याओं को लेकर मुख्यमंत्री से गुहार लगाने पहुंचे थे लेकिन यहां पर भी काफी अव्यवस्थाए देखने को मिली जहां एक और उन्हें पहले सीएम हाउस में प्रवेश करने के पहले लोगो को कई तरह की परेशानियों से दो-चार होना पड़ा वहीं सीएम हाउस में पहुंचने के बाद भी अधिकारियों के द्वारा कुछ लोगों को मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया




Body:ऐसे ही बिलासपुर से एक रिटायर्ड नगर निगम के कर्मचारी राकेश कुमार वर्मा मुख्यमंत्री से मिलने मुख्यमंत्री निवास जन चौपाल में पहुंचे थे लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों ने सीएम हाउस के अंदर तो उन्हें प्रवेश करने दिया लेकिन सीएम से मिलने नही दिया।

निगम कर्मी की माने तो सीएम हाउस में मौजूद अधिकारी ने उनके आवेदन को नगरी निकाय मंत्री के पास ले जाने को कहा इसके बाद जैसे तैसे करके राकेश ने दोबारा मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश की गई और दोबारा भी अधिकारी के द्वारा कर्मचारी को नगरी निकाय मंत्री से मिलने को कहा गया बाद वह राकेश सीएम हाउस से मायूस होकर बाहर आ गया

राकेश का कहना है कि वह 31जुलाई 2017 को रिटायर हुआ था वह पहले राज्य परिवहन निगम पर था उसके बाद उसे नगर निगम में भेज दिया गया इस बीच उनके द्वारा सारे दस्तावेज नगर निगम में आरटीआई से निकलवाकर जमा भी किए गए बावजूद इसके रिटायरमेंट के उन्हें अंतिम भुगतान नहीं किया गया उनकी लगभग ढाई लाख रुपए की राशि नगर निगम से लेना बाकी है

राकेश ने कहा कि इस बीच उनकी मां काफी बीमार थी और उन्हें पैसे की सख्त जरूरत थी वे लगातार अधिकारी और मंत्री चक्कर काटते रहे लेकिन उन्हें पैसे नहीं दिए गए और बिना इलाज के ही उनकी मां ने दम तोड़ दिया यहां तक कि दाह संस्कार के लिए भी उनके पास राशि नहीं थी और उन्होंने कर्ज लेकर अपनी मां का अंतिम संस्कार किया उसके बाद से लगातार वे मंत्री और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ राकेश ने कहा कि उनके वेतन से काटा गया पैसा है जिसे पाने के लिए उन्हें चक्कर लगाने पड़ रहे हैं
बाइट राकेश कुमार वर्मा रिटायर्ड नगर निगम कर्मी



Conclusion:बता दे कि राकेश अपने नाम से कई बार अधिकारियों और मंत्रियों को आवेदन दे चुका है जिस पर कार्यवाही नहीं की गई । जिसके बाद राकेश तो सोचा कि हो सकता है कि कांग्रेस के पदाधिकारियों से लिखवाने के बाद उनका काम हो जाएगा और वे कांग्रेस के प्रदेश महामंत्री अटल श्रीवास्तव से मुख्यमंत्री के नाम पत्र लिखवा कर इस आस में जन चौपाल पहुंचे थे कि आज उनकी समस्या का समाधान हो जाएगा लेकिन दर-दर की ठोकरे खाने के बाद आज उन्हें सीएम हाउस से भी ठोकर खाकर बाहर आना पड़ा अब देखने वाली बात है कि राकेश कुमार की फरियाद कौन और कब सुनता है
Last Updated : Jul 4, 2019, 2:03 PM IST
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